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प्रयागराज केस: 'घर पर जावेद पंप की नेमप्लेट लगी थी इसलिए हुआ एक्शन', यूपी सरकार ने कोर्ट में दिया हलफनामा

प्रयागराज केस पर यूपी सरकार ने कोर्ट में हलफनामा दिया है. यूपी सरकार ने कहा कि घर पर जावेद पंप की नेमप्लेट लगी हुई थी इसलिए एक्शन हुआ.

जावेद अहमद का मकान 12 जून को जमींदोज कर दिया गया था जावेद अहमद का मकान 12 जून को जमींदोज कर दिया गया था
aajtak.in
  • प्रयागराज,
  • 01 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 2:58 PM IST
  • प्रयागराज में 10 जून को हिंसा हुई थी
  • जावेद पंप के परिवार की याचिका पर अब 7 जुलाई को सुनवाई होगी

प्रयागराज में 10 जून को हुई हिंसा के मुख्य आरोपी जावेद पंप (Javed Pump) की पत्नी और उनकी बेटी की याचिका पर गुरुवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. जावेद पंप की बेटी और पत्नी की तरफ से दायर याचिका में उनके घर को ध्वस्त किये जाने का विरोध किया गया था. इसपर उत्तर प्रदेश सरकार ने अपना जवाब दायर किया.

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यूपी सरकार की तरफ से कहा गया कि हिंसा के बाद जिस घर को गिराया गया उसपर हिंसा के मुख्य आरोपी जावेद मोहम्मद की ही नेमप्लेट थी. अपने एफिडेविट में सरकार ने याचिका की मेंटेनेबिलिटी पर सवाल खड़े करते हुए उसे खारिज करने को कहा.

सरकार ने कहा कि याचिकाकर्ता ने 25 मई को जारी अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई के ऑर्डर को चुनौती नहीं दी है और ना ही इसका जिक्र किया है. इसलिए इस याचिका को खारिज किया जाना चाहिए.

इसपर जस्टिस अंजनी कुमार मिश्रा और जस्टिस सैयद वाइज मियां ने याचिकाकर्ता जावेद पंप की पत्नी प्रवीन फातिमा और बेटी सुमैया फातिमा को एक हफ्ते का वक्त दिया. इसमें उनको रीज्वाइनर फाइल करना है. अब 7 जुलाई को इस मामले पर सुनवाई होगी.

कोर्ट में क्या तर्क दिये गए?

गुरुवार को हुई सुनवाई के दौरान यूपी सरकार ने कहा कि जिस घर को गिराया गया उसपर जावेद मोहम्मद का नाम लिखा था. वहीं से वेलफेयर पार्टी ऑफ इंडिया का ऑफिस भी चल रहा था जबकि वह प्रोपर्टी रिहायशी इलाके में थी.

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जबकि याचिकाकर्ता ने कहा कि वह घर जावेद मोहम्मद का नहीं था. बल्कि फातिमा का था. वह फातिमा को उनकी मां ने शादी से पहले ही तोहफे में दिया था. याचिकाकर्ता ने यह भी कहा कि प्रयागराज डेवलपमेंट अथॉरिटी ने जो नोटिस दिखाया है वह फातिमा ने नाम से नहीं बल्कि जावेद मोहम्मद के नाम से है.

बता दें कि व्यापारी और सामाजिक कार्यकर्ता जावेद मोहम्मद को 10 जून को अरेस्ट किया गया था. उनपर हिंसक विरोध को भड़काने के आरोप लगे थे. ये प्रदर्शन पैगंबर मोहम्मद पर नूपुर शर्मा द्वारा की गई टिप्पणी के विरोध में हो रहे थे.

 

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