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Magh Mela: कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लेने वालों को मिलेगी एंट्री, जानिए- माघ मेले में क्या होंगी सुविधाएं

Magh Mela: मेला प्रशासन अभी तक साधु-संतों को जमीन का आवंटन तक नहीं कर सका है. इसके साथ ही जमीनों के समतलीकरण का काम भी पूरा नहीं हो पाया है. माघ मेले की तैयारियों की सुस्त रफ्तार पर दंडी संन्यासी परिषद के संरक्षक ने भी कड़ी नाराजगी जताई है.

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पंकज श्रीवास्तव
  • प्रयागराज ,
  • 09 दिसंबर 2021,
  • अपडेटेड 11:29 AM IST
  • इस बार सिर्फ 580 हेक्टेयर में मेला बसाया जा रहा है
  • अब तक साधु-संतों को जमीन का आवंटन भी नहीं किया गया है

Magh Mela Preparation: प्रयागराज में संगम की रेती पर हर साल माघ मेला लगता है. लेकिन इस बार माघ मेले की तैयारियों को देखकर ऐसा लग रहा है कि समय पर मेले की तैयारियां मुकम्मल नहीं हो पांएगी. संगम क्षेत्र में देर तक गंगा और यमुना नदियों में पानी ठहरे रहने की वजह से जमीन कम पड़ गई है. हर साल जहां 650 हेक्टेयर में मेला बसता था. वहीं, इस बार सिर्फ 580 हेक्टेयर में 5 सेक्टरों में मेला बसाया जा रहा है. 

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यहीं नहीं गंगा में कटान की वजह से भी मेले की तैयारियों में काफी परेशानी हो रही है. सेक्टर 1, 2 और 3 में जमीन की कमी के चलते दो दर्जन से ज्यादा संस्थाओं को दूसरे सेक्टर में शिफ्ट करने की भी समस्या आ रही है. वहीं अब तक जमीनों का समतलीकरण का काम भी पूरा नहीं हो पाया है.  इसके साथ ही साथ साधु-संतों को जमीन का आवंटन भी नहीं किया गया है. 

दंडी संन्यासी परिषद के संरक्षक स्वामी महेशाश्रम महाराज के मुताबिक 15 दिसंबर को दंडीबाड़ा, 16 दिसंबर को खाक चौक और इसके बाद आचार्य बाड़ा को जमीन आवंटित करने का प्रशासन ने समय दिया है. लेकिन अब तक जमीनों का समतलीकरण तक नहीं हो पाया है. इसको लेकर साधु-संतों में गहरी नाराजगी है. दंडी संन्यासी परिषद के संरक्षक स्वामी महेशाश्रम महाराज ने कहा है कि अगर समय से मेले की तैयारियां पूरी नहीं हुई तो साधु संत प्रशासन के खिलाफ अपना आक्रोश व्यक्त करेंगे.

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वहीं, डीएम संजय खत्री के मुताबिक इस बार माघ मेले में कुल 6 पांटून ब्रिज बनाए जा रहे हैं. सभी कार्यों के लिए टेंडर जारी कर दिए गए हैं.  इसके साथ ही साथ माघ मेले में उन्हीं को प्रवेश दिया जाएगा, जिन्होंने दोनों डोज कोविड वैक्सीन की लगवा ली है. डीएम के मुताबिक माघ मेले की तैयारियां बाढ़ की वजह से कुछ देरी से शुरू हो पायी हैं. लेकिन मेला प्राधिकरण की कोशिश है कि 14 जनवरी को मकर संक्रांति को पड़ने वाले पहले स्नान पर्व तक सभी तैयारियां पूरी कर ली जाएं.

 
डीएम के मुताबिक मौजूदा समय में मेला क्षेत्र में ट्रैक्टर से लेवलिंग का कार्य कराया जा रहा है. इसके साथ ही जल निगम विभाग, पीडब्ल्यूडी, बिजली विभाग की ओर से भी कार्य शुरू कर दिया गया है.  डीएम के मुताबिक माघ मेला 14 जनवरी मकर संक्रांति से शुरू होकर एक मार्च महाशिवरात्रि के पर्व तक चलेगा. लेकिन मौनी अमावस्या और माघी पूर्णिमा का स्नान प्रमुख होता है. जिसको लेकर विशेष तैयारी के निर्देश दिए गए हैं.

मेले में पार्किंग व्यवस्था, चिकित्सा व्यवस्था, सफाई व्यवस्था समेत सभी तैयारियों को पूरा करने के निर्देश दिए गये हैं. डीएम संजय खत्री ने कहा है कि संस्थाओं साधु-संतों को मिलने वाली सुविधाएं समय से दे दी जाएं ताकि लोगों को किसी तरह की असुविधा ना हो. डीएम के मुताबिक मेला सलाहकार समिति की बैठक में यह भी तय किया गया है कि माघ मेले में कोविड प्रोटोकॉल का पालन कराया जाएगा. मेले में कोविड वैक्सीनेशन और कोविड टेस्टिंग की भी व्यवस्था रहेगी. 

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गौरतलब है कि इस बार माघ मेले में कोविड के थर्ड वेब की आशंका को देखते हुए 20 बेड के दो अस्पताल, 13 थाने, 13 फायर स्टेशन, 38 चौकियां और 13 वॉच टावर बनाए जाएंगे. इसके साथ ही साथ 15000 टायलेट भी बनेंगे. जिसमें 1000 प्री फेब्रिकेटेडर, 3000 कनात के टॉयलेट, 300 यूरिनल, 9000 संस्थागत टॉयलेट और 900 सरकारी संस्थाओं की टॉयलेट बनाए जाने की तैयारी है.

इसके साथ ही साथ मेले की सुरक्षा के लिए करीब 5000 पुलिसकर्मियों को भी लगाया जाएगा. जिसमें साढ़े तीन हजार पुलिस फोर्स दूसरे जिलों से बुलाई जाएगी. माघ मेले में इस बार 14 जनवरी को मकर संक्रांति, 17 जनवरी पौष पूर्णिमा, एक फरवरी मौनी अमावस्या, 5 फरवरी बसंत पंचमी, 16 फरवरी माघी पूर्णिमा और एक मार्च को महाशिवरात्रि के साथ ही माघ मेले का समापन होगा.

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