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Explainer: बुलडोजर एक्शन पर बवाल क्यों? जानिए जावेद पंप के मकान के मालिकाना हक का क्या है पूरा मामला

10 जून को प्रयागराज में हुई हिंसा के पीछे जावेद अहमद उर्फ जावेद पंप को मास्टरमाइंड माना जा रहा है. 12 जून को प्रशासन ने जावेद अहमद का मकान बुलडोजर चलाकर ढहा दिया था. जावेद की पत्नी का दावा है कि ये मकान उनके नाम पर है, इसलिए प्रशासन की ये कार्रवाई गलत है.

जावेद अहमद का मकान 12 जून को जमींदोज कर दिया गया था. (फाइल फोटो-PTI) जावेद अहमद का मकान 12 जून को जमींदोज कर दिया गया था. (फाइल फोटो-PTI)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 14 जून 2022,
  • अपडेटेड 1:38 PM IST
  • प्रयागराज के करेली इलाके में बना था मकान
  • इस मकान की अनुमानित कीमत 5 करोड़ रुपये
  • मकान ढहाने की कार्रवाई पर सवाल उठे
  • इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंचे जावेद के वकील

Prayagraj Javed Ahmed House Demolition: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज (इलाहाबाद) में 12 जून को जो मकान गिराया गया था, उसका मालिक कौन था? जावेद अहमद उर्फ जावेद पंप या उसकी पत्नी परवीन फातिमा? क्योंकि मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंच गया है और परवीन फातिमा ने दावा किया है कि मकान उनके नाम पर था और प्रयागराज विकास प्राधिकरण (PDA) की कार्रवाई अवैध है. 

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दरअसल, बीजेपी से सस्पेंडेड नेता नुपुर शर्मा की पैगंबर पर टिप्पणी को लेकर 10 जून को प्रयागराज में हिंसा हुई थी. भीड़ ने जमकर पत्थरबाजी की थी. कई मोटरसाइकिलों और गाड़ियों को फूंक दिया था. पुलिस की गाड़ियों को भी आग लगाने की कोशिश की गई थी. पुलिस के मुताबिक, इस पूरी हिंसा का मास्टरमाइंड जावेद अहमद उर्फ जावेद पंप था. 

इस हिंसा के दो दिन बाद ही यानी 12 जून को जावेद अहमद के घर जेके आशियाना को बुलडोजर से ढहा दिया गया था. ये घर प्रयागराज के करेली इलाके में मौजूद था. प्रयागराज के एसएसपी अजय कुमार ने बताया कि इस मकान की अनुमानित कीमत 5 करोड़ रुपये होगी. 

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क्यों ढहाया गया जावेद का मकान?

- प्रयागराज हिंसा के दो दिन बाद ही जावेद अहमद के मकान पर बुलडोजर चला दिया गया, इसलिए इस पर सवाल भी उठ रहे हैं. हालांकि, प्रयागराज विकास प्राधिकरण का कहना है कि ये मकान बिना नक्शा पास कराए बनाया गया था.

- पीडीए का कहना है कि चूंकि ये मकान नक्शा पास कराए बिना बनाया गया था, इसलिए 10 मई 2022 को जावेद को अपना पक्ष रखने के लिए नोटिस दिया गया था. इसके लिए 24 मई 2022 की तारीख तय की गई थी.

- पीडीए के मुताबिक, जब तय तारीख पर भी जावेद या उसका वकील नहीं आए, तो मकान ढहाने का आदेश पास कर दिया गया. मकान ढहाने के लिए 12 जून की तारीख तय की गई थी. 12 जून को दो बुल्डोजरों ने पूरे मकान को जमींदोज कर दिया. 

मलबे में तब्दील जावेद अहमद का 5 करोड़ का मकान. (फाइल फोटो-PTI)

मकान पत्नी के नाम पर, तो नोटिस जावेद को क्यों?

- ये पूरा विवाद यहीं से शुरू हुआ. जावेद की पत्नी परवीन फातिमा ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर दावा किया है कि ये मकान उनके नाम पर था. ये मकान उन्हें उनके पिता ने शादी से पहले दिया था, जिस पर जावेद का मालिकाना हक नहीं है. उनका आरोप है कि इसके बावजूद जावेद को नोटिस दिया गया और प्रशासन ने अवैध तरीके से मकान ध्वस्त कर दिया.

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- जावेद की बेटी सुमैया ने भी आजतक से बातचीत में दावा किया है कि जो मकान गिराया गया, वो उनकी मां को उनके नाना ने गिफ्ट किया था. उन्होंने बताया कि जो मकान गिराया गया, वो सरकारी दस्तावेजों में मेरी मां के नाम पर है. मेरे पिता की कमाई से न तो जमीन खरीदी गई थी और न ही मकान बनाया गया था.

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प्रयागराज में 10 जून को जुमे की नमाज के बाद हिंसा हुई थी. (फाइल फोटो-PTI)

हाईकोर्ट में वकीलों ने क्या रखे तर्क?

- मकान पर बुलडोजर चलाने की कार्रवाई के खिलाफ कई सारे वकील हाईकोर्ट पहुंच गए हैं. इनमें केके राय, मोहम्मद सईद सिद्दीकी, राजवेंद्र सिंह, प्रबल प्रताप और रविंद्र सिंह समेत कई वकील शामिल हैं.

- इन वकीलों ने अपनी याचिका इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को ईमेल के जरिए भेजी. इसमें मकान ढहाए जाने की कार्रवाई को गैरकानूनी और अवैध बताया है. याचिका में दावा है कि वो मकान जावेद अहमद नहीं, बल्कि उसकी पत्नी परवीन फातिमा के नाम था.

- वकीलों ने दावा किया है कि वो मकान फातिमा को उनके माता-पिता ने शादी से पहले दिया था. इसलिए उस मकान और जमीन पर अहमद का कोई मालिकाना नहीं है. लिहाजा मकान ध्वस्त किए जाने की कार्रवाई गैरकानूनी है.

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- याचिका में कहा गया है कि इस कार्रवाई को सही ठहराने के लिए पीडीए ने 11 जून को घर पर नोटिस लगाया, जिसमें कहा गया कि पहले कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था, लेकिन ऐसा कोई नोटिस अहमद और उनकी पत्नी को नहीं मिला.

- इस याचिका में जावेद अहमद को 'समाजसेवी' बताया गया है. याचिका में दावा किया गया है कि जावेद अहमद को 10 जून की रात को गिरफ्तार किया गया था, जबकि FIR अगले दिन दर्ज की गई.

 

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