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आज अयोध्या में होंगे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, जान लीजिए क्या कुछ होगा खास?

दोपहर 2:00 से 3:00 बजे तक राष्ट्रपति कोविंद हनुमानगढ़ी और राम जन्मभूमि के दर्शन करेंगे. राम जन्मभूमि परिसर में ही दर्शन के बाद वृक्षारोपण करेंगे और निर्माणाधीन मंदिर का जायजा लेंगे.

अयोध्या दौरे पर होंगे राष्ट्रपति कोविंद (फाइल फोटो) अयोध्या दौरे पर होंगे राष्ट्रपति कोविंद (फाइल फोटो)
समर्थ श्रीवास्तव/तनसीम हैदर
  • लखनऊ,
  • 29 अगस्त 2021,
  • अपडेटेड 7:18 AM IST
  • आज अयोध्या दौरे पर राष्ट्रपति कोविंद
  • सुबह 11.30 बजे के करीब पहुंचेंगे अयोध्या

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद रविवार सुबह 11:30 बजे प्रेसीडेंशियल स्पेशल ट्रेन से अयोध्या पहुंचेंगे. सबसे पहले राष्ट्रपति राम कथा पार्क में रामायण कॉन्क्लेव का उद्घाटन करेंगे और सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लेंगे. इसके बाद मंदिर निर्माण का जायजा लेंगे. राम कथा पार्क में ही यात्री निवास पर राष्ट्रपति अयोध्या की प्राचीनता, धार्मिकता पर आधारित प्रदर्शनी का अवलोकन भी करेंगे. दोपहर 2:00 से 3:00 बजे तक राष्ट्रपति हनुमानगढ़ी और राम जन्मभूमि के दर्शन करेंगे. राम जन्मभूमि परिसर में ही दर्शन के बाद वृक्षारोपण करेंगे और निर्माणाधीन मंदिर का जायजा लेंगे. इसके बाद 3:40 पर अयोध्या रेलवे स्टेशन पर राष्ट्रपति की वापसी होगी और वो 3:50 पर प्रेसिडेंशियल स्पेशल ट्रेन से लखनऊ के लिए रवाना हो जाएंगे. 

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राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अयोध्या में पर्यटन विकास की विभिन्न परियोजनाओं का लोकार्पण/शिलान्यास भी करेंगे. इस आयोजन में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल तथा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी सम्मिलित होंगे.

और पढ़ें- राष्ट्रपति कोविंद ने सुप्रीम कोर्ट में 9 जजों की नियुक्ति पर लगाई मुहर, 31 अगस्त को शपथ समारोह

राज्य सरकार के प्रवक्ता ने यह जानकारी देते हुए बताया कि आगामी 29 अगस्त से आरम्भ होकर रामायण कॉन्क्लेव 01 नवम्बर, 2021 तक आयोजित किया जाएगा. रामायण कॉन्क्लेव विभिन्न तिथियों पर अलग-अलग चरणों में प्रदेश के विभिन्न स्थानों में सम्पन्न किया जाएगा. इनमें अयोध्या, गोरखपुर, बलिया, वाराणसी, विन्ध्याचल, चित्रकूट, ललितपुर, श्रृंग्वेरपुर, बिठूर, बिजनौर, बरेली, गाजियाबाद, मथुरा, गढ़मुक्तेश्वर, सहारनपुर तथा लखनऊ सम्मिलित हैं.

रामायण कॉन्क्लेव में प्रातःकालीन सत्र में विशिष्ट कथावाचकों तथा रामायण के विद्वानों द्वारा रामायण के विभिन्न प्रसंगों पर सारगर्भित व्याख्यान एवं विचार-विमर्श होंगे. सायंकालीन सत्र में रामायण एवं रामकथा से सम्बन्धित उच्चस्तरीय सांस्कृतिक प्रस्तुतियां सम्पन्न होंगी. रामलीला एवं लोक बोलियां के कवि सम्मेलनों के माध्यम से रामकथा के विभिन्न सन्दर्भों को प्रस्तुत किया जाएगा.

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