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कानपुर: गांव पहुंचते ही राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने चूम ली मिट्टी, बोले- यहीं से राष्ट्रपति भवन तक पहुंचा

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद रविवार को कानपुर में अपने गांव परौंख पहुंचे. यहां पहुंचते ही उन्होंने गांव की जमीन चूम ली, जिसे देखकर वहां मौजूद हर कोई भावुक हो गया. राष्ट्रपति ने ट्विटर पर लिखा कि यहीं से मैं राष्ट्रपति भवन तक पहुंचा हूं.

1 अक्टूबर 1945 को परौंख में ही राष्ट्रपति कोविंद का जन्म हुआ था. (फोटो-ट्विटर) 1 अक्टूबर 1945 को परौंख में ही राष्ट्रपति कोविंद का जन्म हुआ था. (फोटो-ट्विटर)
aajtak.in
  • कानपुर,
  • 27 जून 2021,
  • अपडेटेड 5:47 PM IST
  • अपने गांव परौंख पहुंचे राष्ट्रपति कोविंद
  • हेलीपैड पर उतरते ही चूम ली जमीन

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद आज अपने गांव पहुंचे. उनके गांव का नाम परौंख है, जो यूपी के कानपुर देहात में पड़ता है. राष्ट्रपति कोविंद रविवार को जैसे ही अपने गांव पहुंचे तो हेलीपैड पर ही उन्होंने अपने गांव की जमीन को चूमा. इसे देखकर वहां मौजूद सीएम योगी, राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और उनके सुरक्षाकर्मी भी भावुक हो गए. खुद राष्ट्रपति भी गांव की जमीन पर पैर रखते ही भावुक हो गए. इसी गांव में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का जन्म 1 अक्टूबर 1945 को हुआ था. 

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यहां पहुंचने के बाद राष्ट्रपति ने ट्वीट किया, "मैं कहीं भी रहूं, मेरे गांव की मिट्टी की खुशबू और मेरे गांव के निवासियों की यादें सदैव मेरे हृदय में विद्यमान रहती हैं. मेरे लिए परौंख केवल एक गांव नहीं है, ये मेरी मातृभूमि है, जहां से मुझे, आगे बढ़कर, देश-सेवा की सदैव प्रेरणा मिलती रही."

उन्होंने आगे लिखा, "मातृभूमि की इसी प्रेरणा ने मुझे हाई कोर्ट से सुप्रीम कोर्ट, सुप्रीम कोर्ट से राज्यसभा, राज्यसभा से राजभवन और राजभवन से राष्ट्रपति भवन तक पहुंचा दिया." उन्होंने कहा, "मैंने सपने में भी कभी कल्पना नहीं की थी कि गांव के मेरे जैसे एक सामान्य बालक को देश के सर्वोच्च पद के दायित्व-निर्वहन का सौभाग्य मिलेगा. लेकिन हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था ने ये कर के दिखा दिया."

In a rare emotional gesture, after landing at the helipad near his village, Paraunkh of Kanpur Dehat district of Uttar Pradesh, President Ram Nath Kovind bowed and touched the soil to pay obeisance to the land of his birth. pic.twitter.com/zx6OhUchSu

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— President of India (@rashtrapatibhvn) June 27, 2021

उन्होंने आखिरी में लिखा, "जन्मभूमि से जुड़े ऐसे ही आनंद और गौरव को व्यक्त करने के लिए संस्कृत काव्य में कहा गया है: जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी अर्थात जन्म देने वाली माता और जन्मभूमि का गौरव स्वर्ग से भी बढ़कर होता है."

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 25 जून को स्पेशल ट्रेन के जरिए दिल्ली से कानपुर आए हैं. राष्ट्रपति 28 जून को यहां से ट्रेन के जरिए ही लखनऊ जाएंगे और उसके बाद 29 जून को फ्लाइट से दिल्ली लौटेंगे.

 

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