
विपक्ष के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा आज लखनऊ पहुंचे. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी ने उनका स्वागत किया. यशवंत सिन्हा ने सपा कार्यालय में प्रेस को संबोधित किया.
इस दौरान अखिलेश यादव ने कहा कि जिन हालात में देश गुजर रहा है, यशवंत सिन्हा से बेहतर कोई नहीं जानता. राष्ट्रपति पद पर रहकर सरकार को दिशा दिखाने के लिए इनसे बेहतर कोई प्रत्याशी नहीं है. इस पद की लड़ाई को स्वीकार करने की बधाई.
वहीं यशवंत सिन्हा ने कहा कि मुझे अटलजी की सरकार में नजदीक से काम करने का मौका मिला. आज उनकी पार्टी कहां से कहां पहुंच गई. इस बार का राष्ट्रपति चुनाव असाधारण परिस्थितियों में हो रहा है. हमारा पूरा समाज अशांत हो गया है. ऐसा लगता है कि वो दो-तीन भागों में बंट गया है. आपस में बातचीत खत्म हो गई है. कहीं कोई किसी को समझाने की स्थिति में नहीं है. बड़ी से बड़ी घटनाओं पर पीएम चुप रह जाते हैं. देश के प्रधानमंत्री इन घटनाओं पर बोलें तो उसका असर शांत करने पर पड़ेगा, लेकिन वो बोलते ही नहीं हैं. इसका नतीजा ये हुआ कि संविधान की मर्यादा खत्म हो गई. संवैधानिक मूल्यों की रक्षा नहीं हो पा रही है. अगर ऐसा चलता रहा तो एक दिन संविधान नष्ट हो जाएगा.
सिन्हा ने कहा कि देश का नागरिक किसी भी फॉरम पर इंसाफ के लिए नहीं जा पाएगा. आज कहीं इंसाफ नहीं मिल रहा है. उन्होंने धारा 370 और सीएए का भी जिक्र किया. यशवंत सिन्हा ने कहा कि धारा 370 का मामला 2019 में सुप्रीम कोर्ट में गया, लेकिन 2022 आ गया, उसकी सुनवाई कब होगी, किसी को नहीं पता. सीएए कानून आया, उसके खिलाफ कोर्ट में कब सुनवाई होगी, नहीं पता. सुप्रीम कोर्ट कुछ मामले त्वरित ढंग से सुन लेता है, लेकिन कुछ मामलों में पता नहीं चलता कब होगी सुनवाई.
"सत्ता चाहती है समाज बंटा रहे"
हुकूमत में बैठे लोग चाहते हैं कि समाज बंटा रहे. राष्ट्रपति के पास बहुत शक्तियां होती हैं. देश के कई राष्ट्रपति ऐसे हुए हैं, जिन्होंने सरकार को परामर्श दिए. इस दौरान उन्होंने बताया कि अगर मुझे चुन लिया जाता है तो मैं राष्ट्रपति भवन में संविधान के संरक्षक के रूप में काम करूंगा. अगर मेरे ध्यान में कोई मामला आता है कि भारत की सरकार प्रजातंत्र का नुकसान कर रही है. जैसे चुनी प्रदेश की सरकार को गिराना. महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्यप्रदेश. अगर ऐसा होता है कि तो भारत सरकार को ऐसा करने से रोका जाए.
"जुबैर की गिरफ्तारी निंदनीय"
इसके अलावा सांप्रदायिक बंटवारा को रोकने का प्रयास करूंगा. फ्रीडम ऑफ प्रेस, फ्रीडम ऑफ स्पीच का मैं वादा करता हूं. इस दौरान यशवंत सिन्हा ने जुबैर की गिरफ्तारी की निंदा करते हुए नाजायज बताया. इस दौरान उन्होंने कहा कि सत्ता पक्ष की उम्मीदवार कभी देश की आर्थिक स्थिति, विदेश स्थिति या सामाजिक स्थिति पर नहीं बोलती हैं. सरकार में संवाद एकतरफा है, राष्ट्रपति उम्मीदवार से ऐसी उम्मीद क्यों करें? इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत को खामोश रहने वाला राष्ट्रपति नहीं, बल्कि हर मुद्दे पर राय रखना वाला चाहिए. वहीं आदिवासी महिला उम्मीदवार पर उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति के उत्थान से समाज का उत्थान नहीं होता है.