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मोदी के बाद अमित शाह का यूपी दौरा, सियासी नब्ज की लेंगे थाह, देंगे जीत का मंत्र

अपने दो दिवसीय यूपी दौरे के दौरान अमित शाह सूबे की चुनावी नब्ज टटोलेंगे. पीएम मोदी ने पूर्वांचल में चुनावी अभियान को धार दिया तो अमित शाह अवध के इलाके में बीजेपी के सियासी समीकरण को दुरुस्त करने की कवायद करेंगे.

गृह मंत्री अमित शाह (फाइल फोटो) गृह मंत्री अमित शाह (फाइल फोटो)
कुमार अभिषेक
  • लखनऊ,
  • 26 अक्टूबर 2021,
  • अपडेटेड 9:42 PM IST
  • 29 अक्टूबर को लखनऊ पहुंचेंगे अमित शाह
  • बीजेपी के सदस्यता अभियान की करेंगे शुरुआत

उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) दावा कर रही है कि 2022 में भी 2017 की तरह चुनाव नतीजे दोहराएंगे. पार्टी ने इसके लिए पूरी तरह से कमर भी कस ली है. बीजेपी के वरिष्ठ नेता लगातार प्रदेश को मथने में लगे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद अब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह दो दिन के दौरे पर यूपी पहुंचेंगे.

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अपने दो दिवसीय यूपी दौरे के दौरान अमित शाह सूबे की चुनावी नब्ज टटोलेंगे. पीएम मोदी ने पूर्वांचल में चुनावी अभियान को धार दिया तो अमित शाह अवध के इलाके में बीजेपी के सियासी समीकरण को दुरुस्त करने की कवायद करेंगे. अमित शाह 29 अक्टूबर को लखनऊ पहुंचेंगे जहां वे दिन डेरा जमाकर पार्टी के सदस्यता अभियान की शुरुआत करेंगे. इसके साथ ही अमित शाह पार्टी की चुनावी तैयारियों की भी समीक्षा करेंगे.

अमित शाह अपने दो दिवसीय दौरे के दौरान संगठन के पदाधिकारियों संग बैठक करेंगे साथ ही जनप्रतिनिधियों से मिलकर पूरे प्रदेश का फीडबैक भी लेंगे. इस बार फोकस सामाजिक समरसता पर रहेगा. अमित शाह सदस्यता अभियान की शुरुआत करेंगे और सबसे ज्यादा फोकस पिछड़ों और दलितों को पार्टी से जोड़ने पर रहेगा.

यूपी चुनाव से ठीक पहले अमित शाह के दौरे को राजनीतिक दृष्टि से बेहद अहम माना जा रहा है. सूबे में बीजेपी को घेरने के लिए समाजवादी पार्टी (सपा) राजनीतिक गठजोड़ और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के बागी नेताओं को अपने साथ जोड़ने की मुहिम में जुटी है. किसान आंदोलन से लेकर लखीमपुर की घटना से बीजेपी के राजनीतिक समीकरण के बिगड़ने का खतरा भी दिख रहा है जिसके चलते बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व सक्रिय हो गया है. 

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यूपी में बीजेपी के दो करोड़ से ज्यादा सदस्य

उत्तर प्रदेश में बीजेपी के दो करोड़ 30 लाख सदस्य हैं और अब पार्टी की कोशिश इसे चार करोड़ तक पहुंचाने की है. सभी पदाधिकारियों, अलग-अलग मंडल प्रभारी, जिला अध्यक्ष, जिला प्रभारी, शक्ति केंद्र और बूथ अध्यक्षों को ये जिम्मेदारी दी जाएगी कि वे ज्यादा से ज्यादा अन्य वर्गों के साथ पिछड़ी जातियों और अनुसूचित जाति के लोगों को पार्टी के साथ जोड़ें और सक्रिय सदस्य बनाएं. 

अमित शाह एक बार फिर उत्तर प्रदेश के चुनाव में अपने संगठन कौशल का जौहर दिखाने की कोशिश करेंगे. शाह पार्टी के प्रदेश कार्यालय पर संगठन के पदाधिकारियों संग पार्टी के चुनावी रोडमैप पर विस्तार से चर्चा करेंगे. वे पार्टी के पूर्व सांसदों और पूर्व विधायकों से भी मिलेंगे. इस दौरान अमित शाह घर-घर अभियान रथ की शुरुआत करेंगे. 29 अक्टूबर को वृंदावन कॉलोनी में उनका ये कार्यक्रम होगा जिसमें घर-घर पंहुचने के अभियान रथ को वे हरी झंडी दिखाएंगे. 

अमित शाह की अगुवाई में ही जीती थी बीजेपी

अमित शाह की अगुवाई में ही बीजेपी यूपी में अपने खोए जनाधार को वापस लाने में सफल रही थी. अमित शाह 2014 के लोकसभा चुनाव में प्रभारी रहते बीजेपी को जीत दिलाने में सफल रहे थे तो 2017 के विधानसभा चुनाव में बतौर पार्टी अध्यक्ष सत्ता से 15 साल का वनवास खत्म कराने में भी. 2017 के चुनाव में बीजेपी के नेतृत्व वाला गठबंधन 325 सीटें जीतने में सफल रहा था जिसमें पार्टी को 312 सीटें मिली थी. यूपी की सियासत में सिर्फ तीन बार ही कोई पार्टी 300 से ज्यादा सीटें जीत सकी है.

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बीजेपी अब यूपी में भी गुजरात की तर्ज पर लंबे समय तक सत्ता में बने रहने की कवायद में है जिसके लिए पार्टी के संगठन से लेकर संघ तक हर संभव कोशिश में जुटे हैं. किसान आंदोलन और सपा की रणनीति को देखते हुए अमित शाह अब सूबे के सियासी रण में उतर रहे हैं जो बीजेपी की चुनावी रणनीति के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है. ऐसे में देखना है कि अमित शाह अब यूपी के नेताओं को कैसे चुनावी मोर्चे पर लगाते हैं.

 

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