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लखनऊ से गाजीपुर तक के लिए बने पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज (16 नवंबर) उद्घाटन कर रहे हैं. इसी के साथ पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे जनता के लिए खुल जाएगा, जिसके बाद दिल्ली से सीधे पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार तक का सफर करना आसान होगा. हालांकि, पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर फिलहाल सफर करने से पहले कई महत्वपूर्ण बातों का ख्याल रखना होगा नहीं हो तो पूरे रास्ते आप परेशान हो सकते हैं?
340.82 किमी लंबा ये एक्सप्रेस-वे प्रदेश का सबसे बड़ा एक्सप्रेस-वे है. यह सूबे की राजधानी लखनऊ के चांदसराय से शुरू होकर गाजीपुर के हैदरिया गांव में जाकर खत्म होगा. पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे भले ही बनकर तैयार हो गया है, लेकिन अभी भी इस पर जरूरी सुविधाओं का इंतजाम नहीं है.
इस सफर में ना तो कोई पेट्रोल पंप मिलेगा, ना ही टॉयलेट की कोई व्यवस्था है. इतना ही नहीं, अगर सफर के दौरान आपकी गाड़ी खराब हुई तो गैराज भी नहीं मिलेगा और फिलहाल खाने-पीने के लिए ना कोई होटल है और ना ही ढाबा. इतना ही नहीं, एक्सप्रेस-वे के किनारे अभी भी कई जगहों पर फेंसिंग का काम पूरी तरह से पूरा नहीं हो पाया है, जिसके चलते दुर्घटना के भी खतरे हैं.
सफर से पहले गाड़ी में ऑयल भरा लें
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर चढ़ने से पहले अपनी गाड़ी पेट्रोल-डीजल से फुल करा लें, क्योंकि साढ़े तीन सौ किमी के सफर के दौरान अभी फिलहाल कोई भी पेट्रोल पंप नहीं है. ऐसे में अगर आप टंकी भराकर सफर नहीं करते और बीच रास्ते में कहीं गाड़ी में तेल खत्म हो गया तो मुश्किल हो सकती है. हालांकि, फिलहाल लखनऊ से गाजीपुर के बीच में दो स्थानों पर पेट्रोल पंप निर्माण का काम चल रहा है, जिसे बनने में करीब दो से तीन महीने लग सकते हैं. इसीलिए पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर अपनी गाड़ी चढ़ाने से पहले डीजल-पेट्रोल जरूर भरा लें.
गाड़ी की कंडीशन और हवा चेक कर लें
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर सफर करने से पहले अपनी गाड़ी के ऑयल के साथ-साथ हवा और गाड़ी की कंडीशन भी चेक कर लें, क्योंकि रास्ते में अगर आपकी गाड़ी खराब हो जाती है, हवा निकल जाती है या फिर पंचर हो जाती है तो ऐसी स्थिति में आपको फिलहाल दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है. ऐसे में गाड़ी में स्टेपनी रखकर चलें ताकि गाड़ी पंचर होने या फिर हवा निकलने पर आप गाड़ी का टायर बदल सकें.
खाने-पीने की व्यवस्था कर लें
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर यात्रा करने से पहले अपने खाने और पीने की व्यवस्था पूरी तरह कर लें, क्योंकि लखनऊ से गाजीपुर के बीच न तो कोई रेस्टोरेंट है और न ही कोई ढाबा. ऐसे में सफर से पहले ही पानी और खाने का सामान अपने साथ रखकर चलें.
जनसुविधाओं की व्यवस्था नहीं
लखनऊ से गाजीपुर के बीच बने पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर अभी जनसुविधाओं (टॉयलेट) की व्यवस्था नहीं है. ऐसे में खासकर महिलाओं, बुजुर्गों को एक्सप्रेस-वे पर सफर करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. एक्सप्रेस-वे पर चढ़ने से पहले इस बात का विशेष ख्याल फिलहाल रखें ताकि सफर के दौरान उन्हें इन सारी दिक्कतों का सामना करना न पड़े.
एक्सप्रेस-वे पर फेंसिंग का काम अभी पूरा नहीं
एक्सप्रेस-वे अथॉरिटी के द्वारा पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर लखनऊ से गाजीपुर के बीच सुरक्षा कवच का काम तेजी से चल रहा है, पर अभी भी कहीं कहीं पर फेंसिंग का काम पूरा नहीं हो सका है. ऐसे में ग्रामीणों और बेसहारा या जंगली पशुओं के एक्सप्रेस-वे पर आने की आशंकाएं भी हैं. इस बात का ख्याल रखते हुए अपनी गाड़ी चलाएं ताकि किसी तरह की दुर्घटना से बच सकें. खासकर कुत्ते और आवारा पशुओं के आने का खतरा है.
एक्सप्रेस-वे पर बन रहे रेस्ट एरिया
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर लखनऊ से गाजीपुर के बीच साढ़े तीन सौ किमी के सफर में 100-100 किलोमीटर की दूरी पर दो रेस्ट एरिया बनाए जा रहे हैं, जो एक्सप्रेस-वे के दोनों तरफ होंगे. रेस्ट एरिया बनाने का काम फिलहाल तेजी चल रहा है, जहां रेस्टोरेंट्स, पेट्रोल पंप, मोटर गैराज और दूसरी जरूरी जनसुविधाओं की व्यवस्था होगी. ऐसे में जब तक एक्सप्रेस-वे पर रेस्ट एरिया और पब्लिक एमेनिटीज की सुविधा शुरू नहीं होती तब तक लोगों को इन मामलों में अपने रिस्क पर ही यात्रा करनी होगी.
बता दें कि लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे को जब 2016 में जनता के लिए खोल दिया गया था तो ऐसी ही दिक्कतों का सामना लोगों को करना पड़ता था. इतना ही नहीं, कई जगहों पर आवारा जानवरों के आने से एक्सीडेंट की घटनाएं हो रही थीं. इसके अलावा कई लोगों को रास्ते में गाड़ी खराब हो जाने और ऑयल खत्म हो जाने के चलते मुश्किलों का सामना करना पड़ता था. इसीलिए एक्सप्रेस-वे अथॉरिटी के द्वारा ऑयल के टैंकर जगह-जगह पर हुआ करते थे, जिसके वजह से गाड़ी में खत्म होने पर उन्हें तेल उपलब्ध कराया जाता था.
एक्सप्रेस-वे बन जाने से सफर अब आसान
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के बन जाने के बाद देश की राजधानी दिल्ली और उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से सीधे पूर्वी उत्तर प्रदेश जुड़ जाएगा, जिससे पूर्वांचल के लोगों के साथ-साथ बिहार के लोगों को भी सफर करने में काफी सुविधाएं हो जाएंगी.
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे सूबे के 9 जिलों को जोड़ेगा, जो लखनऊ, बाराबंकी, अमेठी, सुल्तानपुर, अयोध्या, अंबेडकर नगर, आजमगढ़, मऊ और गाजीपुर हैं. जुलाई 2018 में पीएम मोदी ने आजमगढ़ में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे की बुनियाद रखी थी और अब बनकर तैयार हो गया है.