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राहुल के हर दौरे पर आखिर क्यों उठने लगते हैं सवाल...

एक सप्ताह गुजर जाने की देर से राहुल के गोरखपुर जाने को लेकर उनके विपक्षी सवाल खड़ा कर रहे हैं. जबकि देखा गया है कि जब-जब  राहुल  घटना के फौरन बाद जाते हैं तो भी सवाल किया जाता रहा है.

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी
कुबूल अहमद
  • नई दिल्ली,
  • 19 अगस्त 2017,
  • अपडेटेड 9:30 AM IST

ऑक्सीजन की कमी के चलते पिछले दिनों गोरखपुर के BRD मेडिकल कॉलेज बच्चों के मौत का कब्रगाह बन चुका. यही वजह है कि योगी सरकार इन दिनों बैकफुट पर है और विपक्ष लगातार पर दबाव बनाए हुए है. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी एक सप्ताह के बाद शनिवार को गोरखपुर में मरने वाले बच्चों के परिजनों से मिलकर दर्द बांटेगे.

दरअसल घटना के एक सप्ताह गुजर जाने की देर से राहुल के गोरखपुर जाने को लेकर उनके विपक्षी सवाल खड़ा कर रहे हैं. जबकि देखा गया है कि जब-जब राहुल  घटना के फौरन बाद जाते हैं तो भी सवाल किया जाता रहा है कि उनके के आने से प्रशासनिक अव्यवस्था फैल जाती है. इतना ही नहीं राहुल अगर नहीं जाते हैं, तब भी उनके विपक्षी कहते हैं कि राहुल कहां गायब हैं. इस तरह राहुल के पहले जाने. देर में जाने और न जाने की तीनों स्थिति पर विपक्षी घेरते रहते हैं. ऐसे राहुल करें भी तो क्या करें.

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कांग्रेस के उत्तर प्रदेश महासचिव नसीम कुरैशी कहते हैं कि बीजेपी को राहुल गांधी से काफी दिक्कत है. बीजेपी वालों को राहुल के जाने से परेशानी है और न जाने से भी. इन्हें किसी तरह कोई चैन नहीं है. जबकि राहुल गांधी सियासत करने के बजाय लोगों के दर्द को बांटने  गोरखपुर जा रहे हैं. बीजेपी वाले जानते हैं कि राहुल गांधी के जाने से उनकी नाकामी उजागर होगी. यही वजह है कि राहुल के जाने को लेकर बीजेपी परेशान हैं. जबकि गोरखपुर में लगातार  बच्चों की मौत हो रही है. इस यात्रा के जरिए मौत की वजह को राहुल गांधी काफी करीब से समझेंगे.

दरअसल राहुल गांधी उत्तर प्रदेश के अमेठी से सांसद और साथ ही कांग्रेस की मौजूदा राजनीति का चेहरा हैं. ऐसे में उनका फर्ज बनता है कि जिस राज्य से वो सांसद चुनकर संसद पहुंचे हैं वहां को लोगों के दुख-दर्द में शामिल हो. यही वजह है कि राहुल आज गोरखपुर में उन परिजनों से मिलेंगे, जिनके बच्चों की मौत ऑक्सीजन की कमी के चलते हुई थी. राहुल गांधी भले ही एक सप्ताह गुजर जाने के  बाद गोरखपुर जा रहे हैं,लेकिन देखा जाए तो सही वक्त और मौके की नजाकत के लिहाज से उनका दौरा सही है.

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पिछले 40 साल से गोरखपुर सहित पूर्वांचल के कई जिले इन्सेफेलाइटिस (जापानी बुखार) से गृसित हैं. इस बिमारी के चलते कई हजार बच्चों की जाने जा चुकी है. इस बिमारी के लिए कई उपाय किए गए लेकिन बच्चों की मौत के सिलसिले लगातार जारी है. पिछले दिनों 67 बच्चों की मौत हो गई. ऐसे में राहुल इन बच्चों के परिजनों से उनके गांव में जाकर मुलाकात करेंगे तो वही शाम को राहुल BRD मेडिकल कॉलेज का भी दौरा करके जायजा लेगें. इसके जरिए वो सही तरीके से चीजों को समझेंगे. इस बहाने राहुल इस बिमारी की सच्चाई से भी रुबरु हो सकेंगे.

 

 

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