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राज्यसभा चुनावः 5 प्वाइंट में समझें बीजेपी ने यूपी में कैसे बदला गणित

आख‍िरी तक रोमांचक रहे मुकाबले में अनिल अग्रवाल को 33 जबकि भीमराव अंबेडकर को 32 वोट मिले. इस तरह बीजेपी ने नौवीं सीट पर भी जीत दर्ज की और अनिल अग्रवाल ने मारी बाजी.

CM योगी के साथ केशव मौर्य (फाइल फोटो) CM योगी के साथ केशव मौर्य (फाइल फोटो)
अंकुर कुमार
  • नई दिल्ली,
  • 24 मार्च 2018,
  • अपडेटेड 9:45 AM IST

उत्‍तर प्रदेश की 10 राज्यसभा सीटों में बीजेपी के केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली,  डॉ. अनिल जैन, अशोक वाजपेयी, कांता कर्दम, विजय पाल सिंह तोमर, डॉ. हरनाथ सिंह यादव, सकलदीप राजभर और जीवीएल नरसिम्हा के साथ 9वें उम्मीदवार के तौर पर अनिल अग्रवाल ने जीत दर्ज की है.

आख‍िरी तक रोमांचक रहे मुकाबले में अनिल अग्रवाल को 33 जबकि भीमराव अंबेडकर को 32 वोट मिले. इस तरह बीजेपी ने नौवीं सीट पर भी जीत दर्ज की और अनिल अग्रवाल ने मारी बाजी. हालांकि इस जीत के लिए बीजेपी को काफी जोर आजमाइश करनी पड़ी. आइए जानते हैं बीजेपी अध्‍यक्ष अमित शाह और सीएम योगी आदित्‍यनाथ ने कैसे तैयार की जीत की अचूक रणनीति और बीजेपी के गण‍ित से कैसे बदलता रहा राज्‍यसभा चुनाव के दिन भर का घटनाक्रम:

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दो विधायकों से वोट न कराना

उत्‍तर प्रदेश में राज्‍यसभा चुनाव में वोटिंग से चंद घंटे पहले सपा के साथ-साथ बसपा को भी तगड़ा झटका लगा. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बसपा विधायक मुख्तार अंसारी के वोट डालने पर रोक लगा दी है. उधर, जेल में बंद सपा विधायक हरिओम यादव को भी प्रशासन ने वोट डालने इजाजत नहीं दी है. दो विधायकों के वोट नहीं दे पाने की सूरत में विपक्ष की लामबंदी को करारा झटका लगा. यह योगी सरकार की तरफ से मास्‍टर स्‍ट्रोक साबित हुआ. अगर यह 2 वोट पड़ते तो सपा और बीएसपी आसानी से 2 सीटें जीत जाती.

आपको बता दें कि शुक्रवार को हो रहे राज्यसभा चुनाव में वोट डालने के लिए निचली कोर्ट से अनुमति मिली थी. साथ ही मुख्तार को कल शाम गाजीपुर की गैंगस्टर कोर्ट से भी वोट डालने की अनुमति मिल गई थी. लेकिन यूपी सरकार की अर्जी पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रोक लगा दी. जस्टिस राजुल भार्गव की एकलपीठ ने मुख्तार के वोट डालने पर रोक लगाई है. जेल में बंद कैदी को वोट देने का अधिकार नहीं होने के आधार पर रोक लगाई गई है.

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क्रॉस वोटिंग

यह रणनीति भी बीजेपी के पक्ष में ही गई. क्रॉस वोटिंग के लिए दोनों पक्षों की तरफ से कोशिश हुई. बीजेपी को झटका भी लगा जब पता चला कि बीजेपी की सहयोगी पार्टी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के विधायक कैलाश नाथ सोनकर ने क्रॉस वोटिंग की है. हालांकि बीजेपी ने सपा और बसपा को झटका देते हुए सपा के नितिन अग्रवाल और बसपा के अनिल सिंह के वोट को अपने पक्ष में डलवा लिया. वहीं सतीश मिश्रा के अनुसार बीएसपी के एक और विधायक ने बीजेपी के पक्ष में मतदान किया. चुनाव खत्‍म होने के बाद बीएसपी नेता सतीश मिश्रा ने बताया कि बीजेपी ने उनके दो विधायकों को अगवा कर लिया था.

चुनाव से पहले ही खबर आई थी कि बसपा विधायक अनिल सिंह ने गुरुवार को बीजेपी विधायकों से मुलाकात की थी. अनिल सिंह के अलावा दो और बीएसपी विधायक बीजेपी के संपर्क में थे. मुख्यमंत्री आवास पर हुई विधायक दल की बैठक में अनिल सिंह को भी देखा गया था. ऐसे में पहले से आशंका थी कि चुनावों में क्रॉस वोटिंग हो सकती है. अनिल सिंह उन्नाव के पुरवा विधानसभा से विधायक हैं. पहले भी बीजेपी के करीब रहे हैं. बीजेपी से टिकट नहीं मिलने पर बीएसपी से चुनाव लड़े और जीते थे.

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9वें उम्मीदवार के लिए ताकत लगाना

बीजेपी जानती थी कि उनके 8 उम्‍मीदवार आसानी से जीत जाएंगे. यही वजह थी कि उसने सारी ताकत अपने अंतिम उम्‍मीदवार अनिल अग्रवाल के लिए झोंक दी.

बीजेपी ने 9वें उम्मीदवार के रूप में अनिल अग्रवाल को राज्यसभा भेजने का फैसला किया था. बीजेपी ने अपने मूल वोटबैंक वैश्य समुदाय का ध्यान रखते हुए अग्रवाल को पार्टी ने उम्मीदवार बनाया था. अग्रवाल का पश्चिम उत्तर प्रदेश में इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट कॉलेज हैं. ऐसे में अपने बचे हुए 28 अतिरिक्त वोट और क्रॉस वोटिंग के सहारे मिले वोटों से बीजेपी ने अपने अंतिम उम्‍मीदवार की जीत तय की. आख‍िर तक रोमांचक रहे मुकाबले में अनिल अग्रवाल को 33 जबकि भीमराव अंबेडकर को 32 वोट मिले. इस तरह बीजेपी ने नौवीं सीट पर भी जीत दर्ज की और अनिल अग्रवाल ने मारी बाजी.

योगी की सक्रियता- विधायकों को डेमो देना, साथ मीटिंग करना

इस चुनाव में बीजेपी की जीत इससे भी तय हुई कि बीजेपी से किसी ने भी क्रॉस वोटिंग नहीं की. इसके पीछे यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मेहनत काम आई. यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चुनाव से पहले शुक्रवार की सुबह पार्टी विधायकों से मुलाकात की, उनके साथ उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा भी साथ थे.

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वहीं, यूपी प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेंद्रनाथ पांडेय ने बसपा और कांग्रेस से बीजेपी में आए मंत्रियों से मुलाकात कर क्रॉस वोटिंग की रणनीति तय की. इसके साथ ही योगी ने अमित शाह के साथ पार्टी से नाराज चल रहे विधायकों को भी मनाया. अमित शाह के मुलाकात के बाद राजभर भी मान गए. इसके साथ ही योगी ने निर्दलियों को भी साधने का काम किया. इस वजह से निर्दलीय विधायक अमन मणि और निषाद पार्टी के विजय मिश्रा के वोट बीजेपी प्रत्याशी के पक्ष में गया. योगी की यही रणनीति सपा और बसपा की संयुक्‍त रणनीति पर भारी पड़ी.

प्‍लान बी भी किया तैयार

दिनभर में ऐसा एक भी वक्‍त नहीं आया जब बीजेपी अपने 9वें उम्‍मीदवार को विजयी बनाने में पीछे हटी हो. राज्यसभा में क्रॉस वोटिंग पर बीएसपी और सपा की आपत्‍त‍ि जताने के बाद बीजेपी ने आपात बैठक बुलाई. साथ ही आगे की रणनीति भी तय की. आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में बैलट पेपर को लेकर आपत्ति जताए जाने के बाद चुनाव आयोग ने मतगणना रोक दी थी.

आरोप था कि नितिन अग्रवाल और अनिल सिंह ने अपने वोट ऑथराइज एजेंट को नहीं दिखाए. इसकी शिकायत बीएसपी ने चुनाव आयोग से की है और इसी वजह से काउंटिंग रोकी गई है. बीएसपी और सपा ने दोनों विधायकों के वोट को रद्द करने की मांग की थी. आयोग के अगले आदेश के बाद ही मतगणना दोबारा शुरू हुई. बीजेपी की रणनीति की वजह से काउं‍टिंग के दौरान चुनाव आयोग का फैसला आया और बीजेपी और बीएसपी विधायकों के 1-1 वोट रद्द कर दिए गए.

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