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किसान आंदोलन खत्म होने के बाद अब क्या है राकेश टिकैत का अगला प्लान

किसान आंदोलन खत्म होने के बाद किसान नेता राकेश टिकैत गाजीपुर बॉर्डर से अपने गांव सिसौली लौट चुके हैं. अब उनका अगला प्लान क्या है. अगले 1 हफ्ते तक किन नेताओं से मुलाकात करने वाले हैं. नए साल में गांव लौटकर क्या कुछ होगा. गांव के खेतों के बीच राकेश टिकैत ने कई बातें कुमार कुणाल से साझा कीं.

राकेश टिकैत (फाइल फोटो) राकेश टिकैत (फाइल फोटो)
कुमार कुणाल
  • मुजफ्फरनगर,
  • 18 दिसंबर 2021,
  • अपडेटेड 8:30 AM IST
  • खेतों के बीच राकेश टिकैत ने साझा की कई बातें
  • टिकैत बोले: हम तो बस किसानों का सम्मान लेकर आए हैं

किसान आंदोलन खत्म होने के बाद किसान नेता राकेश टिकैत गाजीपुर बॉर्डर से अपने गांव सिसौली लौट चुके हैं. अब उनका अगला प्लान क्या है. अगले 1 हफ्ते तक किन नेताओं से मुलाकात करने वाले हैं. नए साल में गांव लौटकर क्या कुछ होगा. गांव के खेतों के बीच राकेश टिकैत ने कई बातें कुमार कुणाल से साझा कीं.

किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि हमारे मन में मिठास रहती है और अगर कड़वाहट रहती तो हम वहां पर 1 साल नहीं रहते. लोगों ने सरसों बोई है और उम्मीद है कि सरसों का रेट ठीक रहेगा. देखना है कि जब फसल आएगी तो रेट डाउन तो नहीं जाएगा, क्योंकि जब फसल किसान की आती है तो लोग उन्हें लूटने लगते हैं.

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टिकैत ने कहा कि हम तो पूरे देश के किसानों का समझौता लेकर आए हैं. इसे ना विजय मानो ना कुछ और मानो. हम तो बस किसानों का सम्मान लेकर आए हैं कि वह अपनी बात कह सकते हैं. तीन कानून तो वापस हुए हैं न, और जो पूरे फसलों को एक तरीके से जलाने की कोशिश थी. वह आग बुझी है, अगर कानून वापस नहीं होते तो नुकसान आगे होता, लेकिन किसान दीवार बनकर खड़ा रहा.

'दस दिन तक गांव में रहकर करूंगा पंचायत'

राकेश टिकैत ने कहा कि अभी तो मैं खेत में काम करने नहीं आया हूं. अभी मैं पंचायत करने आया हूं. 10 दिन गांव में ही रहूंगा. 26 तारीख के बाद मैं खेती करूंगा. एक घंटे का खेल है. जितना सफेद कुर्ता दिख रहा है. वह फिर से मिट्टी के रंग में बदल जाएगा. फिर खेत के कपड़े इतने सफेद भी नहीं हो पाते, चाहे आप जितनी धुलाई कर लो.

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हम खेती खलिहानी की तरफ भी अब लौटेंगे. चूंकि गांव लौटे हैं और उसके लिए कपड़े भी अलग होंगे. 2 दिन हम गन्ने की छिलाई करेंगे और यह भी देख लेंगे कि हमारे हाथ अब काम कर रहे हैं या नहीं कर रहे हैं.

ट्रैक्टर की भी आदत है और जो गन्ने से कांटे लगते हैं, उसका भी एहसास शरीर को होना चाहिए कि उसका दर्द कैसा होता है. लोगों के पास संदेश जा रहा है. सरकार के काम अच्छे होंगे तो वोट मिलेगा, अगर नहीं ठीक होंगे तो दूसरों को दे देंगे. सरकार को अपना चेहरा ठीक करना होगा.

टिकैत बोले: मैं खुलकर कहीं नहीं आने वाला

टिकैत ने कहा कि मैंने अभी कोई इशारा नहीं दिया. अभी इनके पास महीना डेढ़ महीना है तो इन्हें काम करने दो. मैं खुलकर कहीं नहीं आने वाला. हम तो सरकारों से बातचीत करेंगे कि आगे की क्या प्लानिंग है और हम सब से मिलेंगे और उन्हें कहेंगे कि अपने एजेंडे में यह बातें डालो. हम छत्तीसगढ़ वालों से भी मिलेंगे. हम हरियाणा वालों से भी मिलेंगे. उत्तर प्रदेश में भी मिलेंगे. वहां पर पक्ष विपक्ष सबसे मिलेंगे और कहेंगे कि अपने एजेंडे अपने घोषणा पत्र में क्या डालोगे और आगे क्या करोगे.

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राकेश टिकैत ने कहा कि किसान का एजेंडा सब के घोषणा पत्र में होना चाहिए. पता नहीं किसकी सरकार बन जाए तो सब कुछ लिखित पढ़त में होना चाहिए. पार्टी और सरकार अलग-अलग चीज हो जाती है, जब पार्टी होती है तो कुछ और बात कहते हैं और जब सरकार बनती है तो वही पार्टी बदल जाती है.

छत्तीसगढ़ में होगी एमएसपी पर बहस और चर्चा

राकेश टिकैत ने कहा कि परसों हम छत्तीसगढ़ जा रहे हैं. मुख्यमंत्री से हम msp पर बहस और चर्चा करेंगे. हम हरियाणा, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश हर जगह जाकर एक बात कहेंगे कि उनकी पॉलिसी क्या है. जिसकी भी मुख्यमंत्री बनने की इच्छा है, उनको लिखित में देना पड़ेगा कि वह जीतने के बाद क्या करेंगे. हमें तो गांव वालों से मतलब है. मजदूर और आदिवासियों से मतलब है.

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