Advertisement

राम मंदिर के लिए मकर संक्रांति से शुरू होगा जनसंपर्क अभियान, लोगों से लिया जाएगा चंदा

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र का मानना है कि जिस तरह जन्मभूमि को प्राप्त करने के लिये लाखों भक्तों ने कष्ट सहे और सहयोग किया, उसी प्रकार कोटि-कोटि रामभक्तों के स्वैच्छिक सहयोग से मन्दिर बने.

प्रस्तावित राम मंदिर प्रस्तावित राम मंदिर
पॉलोमी साहा
  • नई दिल्ली,
  • 15 दिसंबर 2020,
  • अपडेटेड 1:05 PM IST
  • बताया जाएगा रामजन्मभूमि अभियान का महत्व
  • लोगों से मांगा जाएगा स्वैच्छिक आर्थिक सहयोग

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र, अयोध्या में भव्य और दिव्य मन्दिर के निर्माण के लिए एक व्यापक जनसम्पर्क और सहयोग अभियान शुरू करने जा रहा है. इस अभियान में जनमानस को साहित्य के माध्यम से श्री रामजन्मभूमि अभियान के ऐतिहासिक महत्व से भी अवगत करवाया जाएगा.

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र का मानना है कि जिस तरह जन्मभूमि को प्राप्त करने के लिये लाखों भक्तों ने कष्ट सहे और सहयोग किया, उसी प्रकार कोटि-कोटि रामभक्तों के स्वैच्छिक सहयोग से मन्दिर बने. देश के अधिकतर ग्रामों और शहरों में चलने वाले इस अभियान में रामभक्तों द्वारा मंदिर निर्माण हेतु स्वैच्छिक रूप से दिया गया आर्थिक सहयोग स्वीकार किया जाएगा.

Advertisement

इसके लिए 10, 100 और 1000 रुपये के कूपन उपलब्ध रहेंगे. करोड़ों घरों में भगवान के दिव्य मन्दिर की तस्वीर भी पहुंचाई जाएगी. देश भर में चलने वाला यह अभियान मकर संक्रांति से शुरू होकर माघ पूर्णिमा तक चलेगा. श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने सभी लोगों से अभियान में मदद देने की अपील की है.

देखें- आजतक LIVE TV

मंदिर निर्माण के लिए बनाई गई कमेटी
श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र की अध्यक्षता में एक बैठक हुई. इस बैठक में अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर के लिए नींव डिजाइन की समीक्षा और सिफारिशों के लिए संबंधित क्षेत्र के इंजीनियरों की एक उप समिति का गठन किया गया.

इस मंदिर निर्माण विशेषज्ञ समिति के अध्यक्ष आईआईटी दिल्ली के पूर्व निदेशक प्रो. वीएस राजू, कन्वेयर प्रो. एन गोपलाकृष्णन (निदेशक, सीबीआरआई, रुड़की), सदस्य - प्रो.एसआर गांधी (निदेशक, एनआईटी, सूरत), प्रो. टीजी सीताराम (निदेशक, आईआईटी, गुवाहाटी), प्रो. बी. भट्टाचार्जी एमेरिटस (प्रोफेसर, आईआईटी, दिल्ली), एपी मुल (सलाहकार टीसीई), प्रो. मनु संथानम (आईआईटी, मद्रास) और प्रो. प्रदीपता बनर्जी (आईआईटी, मुंबई) हैं.

Advertisement

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement