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निर्मोही अखाड़े का आरोप, राम मंदिर के नाम पर VHP ने 1400 करोड़ वसूले

इस खुलासे के बाद अखाड़ों में ही बयानबाजी शुरू हो गई है. निर्मोही अखाड़े की महंत दिनेंद्र दास ने खुलासे के बाद इस प्रकार की डील होने से इनकार किया है. तो वहीं निर्मोही अखाड़े गोवर्धन के महंत श्री सीताराम दास ने विश्व हिंदू परिषद पर बड़ा आरोप लगाया है.

संकेतात्मक फोटो संकेतात्मक फोटो
मोहित ग्रोवर
  • अयोध्या,
  • 16 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 12:41 PM IST

राम मंदिर मुद्दे पर राजनीति एक बार फिर गर्मा रही है. आध्यात्मिक गुरू श्री श्री रविशंकर अयोध्या में हैं, वह कई लोगों से इस मुद्दे पर बात करेंगे. लेकिन इससे पहले ही आजतक के एक खुलासे में मामले को सुलझाने के लिए पैसों की ऑफर देने की बात आई है. निर्मोही अखाड़े के महंत दिनेंद्र दास ने बताया कि समझौते के लिए सुन्नी वक्फ बोर्ड को 1 करोड़ रुपए से लेकर 20 करोड़ रुपए तक दिए जा सकते है.

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इस खुलासे के बाद अखाड़ों में ही बयानबाजी शुरू हो गई है. निर्मोही अखाड़े की महंत दिनेंद्र दास ने खुलासे के बाद इस प्रकार की डील होने से इनकार किया है. तो वहीं निर्मोही अखाड़े गोवर्धन के महंत श्री सीताराम दास ने विश्व हिंदू परिषद पर बड़ा आरोप लगाया है. उनका कहना है कि वीएचपी ने राम मंदिर के नाम पर अभी तक 1400 करोड़ रुपये वसूले हैं. सुन्नी बोर्ड ने भी इस खुलासे पर बयान दिया है. सुन्नी बोर्ड के हाजी महबूब ने पैसों की डील की हर बात को नकार दिया है.

इन आरोपों को वीएचपी ने सिरे से नकार दिया है. वीएचपी नेता विनोद बंसल ने कहा कि जो भी आरोप लगाए जा रहे हैं वह सरासर गलत हैं.

बता दें कि आजतक के खुलासे में निर्मोही अखाड़े के महंत दिनेंद्र दास ने कहा कि जैसे समझौते का मामला है तो सबको संतुष्ट बनाए रखना जरूरी है, उनके पास भी जाना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर हमारी पंचो से बात हुई है, आज शाम तक क्या होता है ये अभी देखना होगा.

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महंत दिनेंद्र दास ने कहा कि लोगों की आपस में बातचीत हुई है कि वहां पर मंदिर बने, वहां मंदिर बन गया.. मस्जिद का मामला है तो वहां पर अपनी जमीन है विद्या कुंद के पास वहां पर जमीन दे दी जाएगी. उन्होंने कहा कि 1 करोड़, 2 करोड़, 10 करोड़, 20 करोड़... जैसे उनकी खुशी से मंदिर बन जाए.

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने टिप्पणी करते हुए कहा-श्री श्री रविशंकर बड़े मजहबी रहनूमा हैं. हम उनका सम्मान करते हैं. हम कह रहे हैं कि अगर उनके पास कोई फॉर्मूला है तो उन्हें बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के सामने रखना चाहिए.

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