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उत्तर प्रदेश में संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर का नाम बदले जाने पर राजनीति तेज हो गई है. राज्यपाल राम नाइक की अपील पर भीमराव अंबेडकर के नाम में उनके पिता का नाम 'रामजी' जोड़ा गया है. इसपर उन्होंने सफाई भी दी है.
यूपी राज्यपाल राम नाइक ने कहा कि मैं एक मराठी हूं, बाबा साहेब भी मराठी थे. हिंदी भाषी राज्य आजतक उनका नाम गलत तरीके से लिखते थे, जिसे मैंने ठीक करवाया है. उन्होंने कहा कि इसके अलावा भीम राव में को भी दो शब्दों में लिखा जाता था, लेकिन वह एक ही शब्द 'भीमराव' है. इसके अलावा उन्होंने ये भी कहा कि बाबा साहेब जो अपने हस्ताक्षर करते थे, उसमें भीमराव रामजी अंबेडकर ही लिखते थे. ऐसे में कुछ भी गलत नहीं है.
गौरतलब है कि राज्यपाल राम नाइक की सलाह के बाद योगी सरकार ने ये फैसला लिया है. अब उनका नाम 'डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर' होगा. बताया जा रहा है कि राज्यपाल रामनाइक ने इसको लेकर 2017 में एक कैंपेन चलाया था. इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी खत लिखा था.
आपको बता दें कि महाराष्ट्र में भी उनके नाम के साथ पिता का नाम जोड़ा जाता है. इस मामले में अब उत्तर प्रदेश सरकार ने आदेश दे दिए हैं, जिसके बाद आधिकारिक रूप से नाम बदलकर डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर हो जाएगा.
सरकार ने रिकॉर्ड्स में सभी जरूरी बदलावों के निर्दश भी दे दिए हैं. राम नाइक नाम में बदलाव के लिए पिछले एक साल से अभियान चला रहे थे. उन्होंने नाम में बदलाव के लिए उस दस्तावेज का भी हवाला दिया था, जिसमें भीमराव अंबेडकर के हस्ताक्षरों में 'रामजी' नाम शामिल था.
उदितराज हुए नाराज
इस फैसले पर बीजेपी सांसद उदित राज ने आपत्ति दर्ज की है. उन्होंने कहा कि डॉ. भीमराव अंबेडकर के नाम के मध्य में रामजी लिखे जाने से अनावश्यक विवाद खड़ा किया गया है. इससे दलित भी नाराज हैं. उदित राज का कहना है कि इसका प्रतिकूल असर पड़ता दिख रहा है और सुबह से ही कई जगहों से खबर आई हैं, WhatsApp पर भी लगातार चल रहा है कि नाम क्यों बदला गया है.