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प्रेस कॉन्फ्रेंस में रो पड़े रामगोपाल यादव, बोले- मैं आज भी खुद को सपा का ही मानता हूं

अपने भाई शिवपाल यादव पर भड़ास निकालते हुए रामगोपाल ने कहा कि विधानसभा चुनावों के लिए टिकट बंटवारे पर जमकर मनमानी हो रही है. उन्‍होंने कहा कि समाजवादी पार्टी से कई नेताओं को असंवैधानिक तरीके से निकाला गया.

रामगोपाल यादव रामगोपाल यादव
लव रघुवंशी/अहमद अजीम
  • नई दिल्ली,
  • 14 नवंबर 2016,
  • अपडेटेड 1:21 PM IST

मैं समाजवादी पार्टी का सदस्‍य हूं, मैं समाजवादी पार्टी का संस्थापक सदस्य हूं... कुछ ऐसी ही बातें सोमवार को समाजवादी पार्टी से 6 साल के लिए निष्‍कासित किए गए रामगोपाल यादव ने एक प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में कहीं.

अपने भाई शिवपाल यादव पर भड़ास निकालते हुए रामगोपाल ने कहा कि विधानसभा चुनावों के लिए टिकट बंटवारे पर जमकर मनमानी हो रही है. उन्‍होंने कहा कि समाजवादी पार्टी से कई नेताओं को असंवैधानिक तरीके से निकाला गया.

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अपने ऊपर लगे भ्रष्‍टाचार के आरोपों पर रामगोपाल रो पड़े. उन्‍होंने कहा कि मुझे बेहद तकलीफ हुई है जब मुझ पर भ्रष्‍टाचार के आरोप लगाए गए. उन्‍होंने कहा कि मुझे कभी भी मंत्री नहीं बनना और न ही मैं ऐसा कुछ चाहता हूं. रामगोपाल ने कहा कि विधानसभा चुनाव अखिलेश यादव के चेहरे पर लड़ा जाए. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष खुद ये घोषित करें. पार्टी का कोई नुकसान नहीं हुआ है.

पूरी घटना पर किताब लिखेंगे रामगोपाल
रामगोपाल ने कहा कि नेताजी अगर खुद अपना फैसला करते हैं तो उनसे अच्छा कोई नेता नहीं हो सकता, लेकिन उनको स्वार्थी लोगों के द्वारा बहकाया जा रहा है. मैं अकेला पार्टी से नहीं निकाला गया था. कई एमएलसी भी निकाले गए. मैंने कह दिया है की सबको वापिस शामिल किया जाए, तभी मैं पार्टी में वापिस आऊंगा. जहां अखिलेश वहां विजय. जहां अखिलेश वहां समाजवादी पार्टी. मैं अब तक की घटनाओं पर किताब लिखूंगा. उसमे वो बातें लिखूंगा जो कोई नहीं जानता. जल्दी लिखूंगा ताकि नेताजी उसे पढ़ सकें.

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नोटबंदी पर उठाए सवाल
नोटबंदी पर रामगोपाल ने कहा कि इससे ग्रामीण इलाके में बहुत दिक्कत है. महिलाओं को खास तौर पर परेशानी हो रही है. अपनी बचत उन्हें गंवानी पड़ रही है. उनके दिल से पूछिए. महिलाओं की जो कमाई है, उसे 15 साल में बांटकर जो टैक्स बनता है वो उसके बाद उनके अकाउंट में देना चाहिए. महिलाओं की जो कमाई है उसे 15 साल में बांट कर जो टैक्स बनता है वो उसके बाद उनके अकाउंट में देना चाहिए. बीजेपी के नेताओं के चेहरे पर कोई शिकन नहीं है. इसका कारण क्या है?

रामगोपाल ने कहा कि मोदी जी की ईमानदारी पर मुझे कोई शक नहीं है. मनमोहन सिंह भी ईमानदार थे, लेकिन उनके हाथ में कुछ नहीं था. मोदी जी तो बहुत ताकतवर हैं. आज की तारीख में हालत ये है की बीजेपी के उम्मीदवारों को बेलन पड़ेंगे अगर वोट मांगने जाएं तो. अब समस्या ये हो गई है की अपने पैसे के लिए प्रधानमंत्री जी ने लोगों को भिखारी बना दिया.

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