Advertisement

बेटे का दर्द देखा तो मरीजों की बनीं मददगार, पढ़ें Hemophilia का इलाज कराने वाली रेखा रानी की कहानी

Bareilly News: बेटे के हीमोफीलिया से पीड़ित होने के बाद रेखा ने तय किया कि वह किसी और को इस बीमारी से जूझने नहीं देंगी. अब उनकी ही वजह से पूरे बरेली जनपद समेत सूबे के 20 से ज्यादा जिलों में इस बीमारी के इंजेक्शन, दवाई और स्वास्थ्य सेवाएं मरीजों को फ्री में उपलब्ध करवाई जाती हैं.

रेखा अब तक 5000 से ज्यादा लोगों का करा चुकीं इलाज. रेखा अब तक 5000 से ज्यादा लोगों का करा चुकीं इलाज.
वरुण सिन्हा
  • बरेली,
  • 29 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 3:06 PM IST

जिदंगी में कई बार ऐसे हालात बन जाते हैं कि इंसान खुद से पहले दूसरों की मदद के बारे में सोचने लगता है. बरेली (उत्तर प्रदेश) की रहने वाली रेखा रानी की कहानी भी कुछ ऐसी ही है जिन्होंने अपने एक साल के बच्चे की हीमोफीलिया बीमारी के दर्द को महसूस किया. इसके बाद ठान लिया कि उन्हें इस बीमारी से प्रभावित मरीजों की मदद करनी है. रेखा आज सैकड़ों मरीजों के लिए मदद का जरिया बन चुकी हैं.

Advertisement

रेखा का जीवन मानो हीमोफीलिया बीमारी की जानकारी जुटाने और अपने को बचाने के संघर्ष में गुजरा, लेकिन इस साहसी महिला ने तय किया कि वह किसी और को इससे जूझने नहीं देंगी. अब उनकी ही वजह से पूरे बरेली जनपद समेत सूबे के 20 से ज्यादा जिलों में इस बीमारी के इंजेक्शन, दवाई और स्वास्थ्य सेवाएं मरीजों को फ्री में उपलब्ध करवाई जाती हैं.  

वह कहती हैं कि पहले इस बीमारी के बारे में लोगों पता ही नहीं चल पाता था. यहां न जांच होती थी और न दवाई मिलती थी, पर अब माहौल बदल चुका है. हमारी कोशिश की वजह से अब यहां हर किसी का मुफ्त इलाज होता है. 

रेखा कहती हैं कि उनके एक साल के बेटे मानस (अब 17 साल) हीमोफीलिया की बीमारी से पीड़ित हो गया था. उस समय बरेली में इसका इलाज नहीं होता था. उन्हें इलाज के लिए दिल्ली, लखनऊ जाना पड़ता था. उस भागदौड़ के साथ इस बीमारी ने उनके बेटे को जो दर्द और तकलीफें दीं, उन्हें महसूस कर एक मां में ऐसी बीमारी से जुड़े लोगों की मदद करने का जज्बा जगा. बस, यही जिद उनकी आज जुनून बन गई.

Advertisement

बरेली जिला अस्पताल के सीएमओ कहते हैं, रेखा रानी की वजह से हीमोफीलिया की पहचान जल्द हो जाती है. उनका इलाज कराने में रेखा रानी एक महत्वपूर्ण रोल अदा करती हैं. रेखा रानी के प्रयास की वजह से ही आज जिला अस्पताल में एक अलग वार्ड और डॉक्टर्स केवल इस बीमारी के मरीजों के इलाज लिए मौजूद रहते हैं.

असल में हीमोफीलिया बीमारी से पीड़ित लोगों में जोड़ों में सूजन आ जाती है. इससे रक्तस्राव भी होने लगता है. खून का रिसाव अगर रोका नहीं गया तो मरीज की जान भी जा सकती है. यह ऐसी बीमारी है जो पूरे जीवनभर रहती है. 

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement