
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ ने पिछले हफ्ते ही अपने चार साल पूरे किए हैं. चार साल पूरे होने पर योगी सरकार की तरफ से कई दावे किए गए. ऐसा ही एक दावा किसानों की कर्जमाफी से भी जुड़ा हुआ किया गया. योगी सरकार के रिपोर्ट कार्ड में दावा किया गया कि पिछले चार साल में कुल 86 लाख किसानों का कर्ज माफ किया गया है.
लेकिन RTI में एक अलग ही आंकड़ा सामने आया है. RTI के आंकड़ों के अनुसार, 2017 से 2020 तक करीब 45 लाख किसानों का ही कर्ज माफ हुआ है. सरकार की तरफ से ये जवाब प्रदेश की कृषि डायरेक्टर शोभा रानी श्रीवास्तव ने दिया है. मार्च 2017 में सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहली कैबिनेट बैठक में ही किसानों की कर्जमाफी का फैसला लिया था.
पिछले हफ्ते ही भाजपा उत्तर प्रदेश के ट्वीटर हैंडल से भी एक ट्वीट कर दावा किया गया कि उत्तर प्रदेश में योगी सरकार आने के बाद 2017 से 2020 तक चार साल में 86 लाख किसानों का 36 हजार करोड़ रुपए का कर्ज माफ किया गया. इसे योगी सरकार की उपलब्धि के तौर पर गिनाया जा रहा है, लेकिन RTI में जो आंकड़े सामने आए हैं, वो अलग ही बात कहते हैं.
RTI में खुलासा हुआ है कि 2017 से 2020 तक योगी सरकार में कुल 45,24,144 किसानों का कर्ज माफ किया गया. वहीं, रकम के लिहाज से ये करीब 25 हजार करोड़ रुपए होता है. इसका मतलब हुआ कि सरकार ट्विटर पर कर्जमाफी से जुड़ा जो आंकड़ा बता रही है, वो गलत है.
वहीं, इससे पहले 17 जनवरी 2019 को उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने भी ट्वीट कर दावा किया था कि जब से प्रदेश में योगी सरकार आई है, तब से अब तक (17 जनवरी 2019 तक) प्रदेश के 44.03 लाख किसानों का करीब 24,662 करोड़ रुपए का कर्ज मोचन योजना के तहत माफ किया जा चुका है.