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क्या अकेले पड़े शिवपाल? एक मंच पर मुलायम-अखिलेश-रामगोपाल

समाजवादी पार्टी की सामाजिक न्याय व लोकतंत्र बचाओ यात्रा का रविवार को दिल्ली के जंतर मंतर पर समापन हो गया. बीते 27 अगस्त को गाजीपुर से शुरू हुई इस यात्रा के दौरान पार्टी के युवा कार्यकर्ताओं ने दिल्ली तक साइकिल का सफर तय किया. इस मौके पर पार्टी के संस्थापक और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने 2019 चुनाव के लिए हुंकार भरी.

मुलायम सिंह यादव और शिवपाल यादव मुलायम सिंह यादव और शिवपाल यादव
जावेद अख़्तर
  • नई दिल्ली,
  • 23 सितंबर 2018,
  • अपडेटेड 5:47 PM IST

11 मार्च 2017 को उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होते ही अखिलेश यादव सत्ता से बेदखल हो गए. समाजवादी पार्टी अपने हाथ में लेकर पिता मुलायम सिंह और चाचा शिवपाल यादव की नाराजगी के बीच अखिलेश कांग्रेस का हाथ थामकर चुनावी मैदान में उतरे थे, लेकिन वो कामयाब नहीं हो पाए. इस हार के बावजूद परिवार के बीच की खाई भर न सकी और आगरा में आयोजित समाजवादी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में जब अखिलेश यादव की अध्यक्ष के रूप में ताजपोशी की गई तो न वहां मुलायम सिंह यादव पहुंचे और न ही चाचा शिवपाल यादव ने उन्हें आकर आशीर्वाद दिया.

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अब जबकि शिवपाल यादव समाजवादी पार्टी से अलग जाकर समाजवादी सेक्युलर मोर्चा गठित कर चुके हैं और मुलायम सिंह यादव को अपनी पार्टी से चुनाव लड़ाने का ऐलान कर चुके हैं, ऐसे में मुलायम सिंह का अखिलेश यादव के मंच पर जाना बड़े संदेश के तौर पर देखा जा रहा है.

दरअसल, रविवार को दिल्ली में समाजवादी पार्टी की सामाजिक न्याय और लोकतंत्र बचाओ साइकिल यात्रा का समापन समारोह आयोजित किया गया, जिसमें सपा के संरक्षक मुलायम सिंह यादव भी पहुंचे. परिवार में बंटवारे के बाद ऐसा पहली बार देखने को मिला है, जब पार्टी के सार्वजनिक कार्यक्रम में मुलायम सिंह और अखिलेश यादव के साथ रामगोपाल यादव भी नजर आए. सिर्फ इतना ही नहीं, रामगोपाल यादव ने पैर छूकर मुलायम सिंह यादव का मंच पर स्वागत किया.

ऐसा इसलिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि 2017 विधानसभा चुनाव से पहले जब अखिलेश यादव और शिवपाल यादव के बीच नेतृत्व संघर्ष देखने को मिल रहा था, उस पूरी पिक्चर में शिवपाल खेमे की तरफ से सबसे बड़े विलेन के तौर पर रामगोपाल यादव को पेश किया गया. यहां तक कि मुलायम सिंह यादव ने इशारों-इशारों में रामगोपाल यादव को विवाद के लिए जिम्मेदार ठहराया.

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इसके बाद जब 5 अक्टूबर 2017 को आगरा में समाजवादी पार्टी का 10वां राष्ट्रीय सम्मेलन हुआ और अखिलेश की 5 साल के लिए अध्यक्ष के रूप में ताजपोशी हुई तो मुलायम सिंह और शिवपाल यादव वहां नहीं पहुंचे. जिसे दोनों नेताओं की अखिलेश यादव के प्रति नाराजगी के तौर पर देखा गया. लेकिन अब जब शिवपाल यादव आधिकारिक तौर पर सपा से अपनी राह अलग कर चुके हैं तो बड़े भाई मुलायम सिंह अपने बेटे अखिलेश यादव के साथ आ खड़े हुए हैं और शिवपाल यादव फिलहाल इस मंझधार में अकेले पड़ते नजर आ रहे हैं.

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