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By-polls result: आजम के गढ़ और आजमगढ़, आखिर दोनों जगह कैसे हारी समाजवादी पार्टी?

By-polls result 2022: उपचुनाव में एक बार फिर योगी का डंका बजा और ऐसा बजा कि समाजवादी पार्टी की दो सबसे बड़ी सीटों पर भगवा लहराने लगा. रामपुर लोकसभा उपचुनाव में सत्तारुढ़ पार्टी के घनश्याम लोधी 42 हजार से ज्यादा वोटों से जीते. वहीं, दिनेश लाल यादव ने आजमगढ़ सीट पर कब्जा जमाया.

अखिलेश यादव-आजम खान (फाइल फोटो) अखिलेश यादव-आजम खान (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 26 जून 2022,
  • अपडेटेड 12:42 AM IST
  • अखिलेश-आजम अपना ही गढ़ नहीं बचा पाए
  • अखिलेश एक बार भी प्रचार करने नहीं गए थे

By-polls Result: लोकसभा उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने समाजवादी पार्टी के दो किलों को हिलाकर रख दिया है. सपा के दोनों मजबूत किलों पर अब बीजेपी का कब्जा है. रामपुर में करारी शिकस्त देते हुए बीजेपी ने आजमगढ़ फतह करके सपा की टेंशन बढ़ा दी है. अब सवाल ये उठ रहा है कि आखिर कैसे सपा के दो दिग्गज अखिलेश यादव और आजम खान अपने ही गढ़ नहीं बचा पाए. 

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फिर बजा योगी का डंका 

उपचुनाव में एक बार फिर योगी का डंका बजा और ऐसा बजा कि समाजवादी पार्टी की दो सबसे बड़ी सीटों पर भगवा लहराने लगा. रामपुर लोकसभा उपचुनाव में सत्तारूढ़ पार्टी के घनश्याम लोधी 42 हजार से ज्यादा वोटों से जीते और आजम खान की सीट पर काबिज होने की कोशिश कर रहे आसिम रजा को मुंह की खानी पड़ी. 

सबसे बड़ी बात कि घनश्याम लोधी और आसिम रजा दोनों ने अपनी सियासत आजम खान के छत्रछाया में आगे बढ़ाई. घनश्याम लोधी ने सियासी सफर में कई प्रयोग किए. पहले बीजेपी फिर बीएसपी और कल्याण सिंह के पार्टी तक का दामन थामा, लेकिन हर जगह उन्हें हार का सामना करना पड़ा. 2011 में सपा का हाथ थामते ही घनश्याम आजम खान के करीबी हो गए और आज आजम के गढ़ में ही अपना परचम लहराया. ये वो सीट थी जो मोदी लहर के बावजूद समाजवादी पार्टी के हाथ से नहीं गई. घनश्याम लोधी ने इसी साल बीजेपी का दामन थामा और इस मुकाम पर पहुंच गए. 

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हार के बाद क्या बोले आजम खान? 

इस हार के बाद आजम खान ने ही कई सवाल खड़े कर दिए. आजम खान ने कहा कि इसे न चुनाव कह सकते हैं, न चुनावी नतीजे आना कह सकते हैं. 900 वोट के पोलिंग स्टेशन में सिर्फ 6 वोट डाले गए और 500 के पोलिंग स्टेशन में सिर्फ 1 वोट डाला गया... जिस तरह से वोट डाले गए, हम अपने प्रत्याशी की जीत मानते हैं. बता दें कि बीजेपी उम्मीदवार घनश्याम सिंह लोधी ने 42,192 वोटों से सपा उम्मीदवार आसिम रजा को हराया है.  

'900 वोट के पोलिंग बूथ पर 6 वोट', रामपुर में सपा की हार के बाद भड़के आजम 

आजमगढ़ में साइकिल हुई पंचर

इस उपचुनाव से पहले मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव आजमगढ़ की सीट से दम दिखा चुके थे, लेकिन इस बार आजमगढ़ की हवा बदल गई. साइकिल पंचर हुई और कमल खिल गया. यहां से भोजपुरी स्टार दिनेश लाल यादव (निरहुआ) ने  8679 वोटों से जीत दर्ज की. उन्होंने अखिलेश यादव के चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव को पटखनी दी. इससे पहले 2019 लोकसभा चुनाव में निरहुआ सूबे के पूर्व सीएम अखिलेश यादव से 2 लाख 59 हजार 874 वोटों से हार गए थे.

आजमगढ़ की हार... गुड्डू जमाली पर निशाना 

आजमगढ़ में समाजवादी पार्टी की हार में बीएसपी के उम्मीदवार शाह आलम उर्फ गु्ड्डू जमाली ने बड़ी भूमिका निभाई. गुड्डू जमाली को ढाई लाख से ज्यादा वोट मिले. चुनाव के दौरान विरोधी गुड्डू को बीजेपी की बी टीम बता रहे थे. हार के बाद धर्मेंद्र यादव ने अपने बयान में इन बातों के साफ-साफ संकेत भी दे दिए. उन्होंने कहा कि मैं अपनी हार के लिए बसपा-भाजपा के गठबंधन को बधाई दूंगा जो प्रत्यक्ष तौर पर राष्ट्रपति के चुनाव में सामने आया और आजमगढ़ के चुनावों में पहले से चल रहा था. 

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अखिलेश से जो बन पड़ा किया, हार स्वीकार करता हूं... नतीजों पर बोले Dharmendra Yadav 

अखिलेश यादव एक बार भी प्रचार के लिए नहीं आए

आजमगढ़ में सपा की हार की एक बड़ी वजह दिग्गज नेताओं पर भी सवाल खड़ा करती है. इस बार के चुनाव में यहां से सांसद रहे अखिलेश यादव एक बार भी चुनाव प्रचार करने नहीं आए. वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ-साथ स्टार प्रचारकों की फौज के साथ-साथ दिनेश लाल यादव  भीड़ को आकर्षित करते दिखे. वहीं, बीएसपी के गुड्डू जमाली का घर-घर प्रचार अभियान भी काफी असरदार रहा, जिसके चलते उन्हें ढाई लाख से ज्यादा वोट मिले. इस त्रिकोणीय मुकाबले में सपा का आजमगढ़ से हारना पार्टी के लिए चिंताजनक हो गया है.


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