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'PFI को बैन किया तो, RSS पर भी प्रतिबंध लगाएं', सपा सांसद शफीकुर्रहान ने फिर की पैरवी

समाजवादी पार्टी के सांसद शफीकुर्रहान बर्क ने एक बार फिर पीएफआई की पैरवी की. उन्होंने पीएफआई पर लगाए प्रतिबंध का विरोध करते हुए कहा- पीएफआई पढ़े लिखों का संगठन है. मुसलमानों को रिप्रेसेंट करती है. मुसलमानों पर होने वाली ज्यादती पर खड़ी होती है, इसलिए बैन कर दिया गया है. जेडीयू और आरजेडी भी पीएफआई पर बैन का विरोध कर रहे हैं.

सपा सांसद शफीकुर्रहान ने केंद्र की कार्रवाई पर फिर उठाए सवाल (फाइल फोटो) सपा सांसद शफीकुर्रहान ने केंद्र की कार्रवाई पर फिर उठाए सवाल (फाइल फोटो)
समर्थ श्रीवास्तव
  • लखनऊ,
  • 29 सितंबर 2022,
  • अपडेटेड 5:44 PM IST

जेडीयू और आरजेडी के बाद अब समाजवादी पार्टी ने पीएफआई बैन का विरोध किया है. सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने पीएफआई बैन पर गुरुवार को कहा कि पीएफआई को बैन क्यों किया? उसका कसूर क्या है? उन्होंने कहा कि संगठन मुसलमानों का प्रतिनिधित्व करता है, इसलिए उसपर बैन लगा दिया गया है.

सुरक्षा एजेंसी द्वारा पीएफआई के आतंकी लिंक मिलने पर बोले कि वह कुछ भी कहते रहते हैं. आतंकी लिंक होने के दावे को हम नहीं मानते. उन्होंने कहा कि और भी पार्टी चल रही हैं, इसी ने क्या कसूर किया? उन्होंने कहा कि अगर पीएफआई को बैन किया है तो आरएसएस को भी बैन करें.

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पहले भी कर चुके हैं पीएफआई की पैरवी

सपा सांसद इससे पहले भी पीएफआई की पैरवी कर चुके हैं. गल दिन पहले एनआईए की देशभर में हुई रेड के बाद उन्होंने अपना बयान जारी किया था. उन्होंने तब कहा था कि पीएफआई पार्टी है. वह अपनी संस्था चला रही है. उनको क्यों गिरफ्तार किया जा रहा है और उनका गुनाह क्या है. क्या उनसे कुछ खतरा हो गया है. मुल्क के लिए खतरा हो गया है या इस पार्टी के लिए खतरनाक है.

उन्होंने कहा था कि आखिर मुसलमानों को परेशान क्यों किया जा रहा है. सरकार को मदरसों की जांच में कुछ नहीं मिला तो अब वक्त संपत्ति की जांच का फरमान जारी कर दिया है.

दो राउंड की छापेमारी में 350 से ज्यादा अरेस्ट

NIA, ईडी समेत राज्यों की पुलिस और एजेंसियों ने 22 सितंबर को देशभर में 15 राज्यों में PFI के ठिकानों पर छापेमारी की थी. इस दौरान 106 लोगों को गिरफ्तार किया गया था. इस दौरान देशभर में पीएफआई और उससे जुड़े संगठनों और लोगों के दफ्तरों, घरों समेत 93 ठिकानों पर छापेमारी की गई थी.

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इसके बाद PFI के ठिकानों पर 27 सितंबर को दूसरे राउंड की छापेमारी की गई थी. इस दौरान 7 राज्यों में छापे मारे गए थे. PFI से जुड़े 247 लोगों को हिरासत या गिरफ्तार किया गया.

IS जैसे आतंकी संगठनों से है लिंक

PFI और उसके 8 सहयोगी संगठनों को 5 साल के लिए बैन कर दिया गया है. सरकार ने ये कदम PFI के ठिकानों पर एनआईए समेत तमाम जांच एजेंसियों की ताबड़तोड़ छापेमारी के बाद उठाया है.

गृह मंत्रालय के मुताबिक, जांच में पता चला है कि पीएफआई के कुछ संस्थापक सदस्य स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के नेता रहे हैं और पीएफआई का संबंध जमात उल मुजाहिद्दीन बांग्लादेश से भी रहा है. ये दोनों संगठन प्रतिबंधित संगठन हैं. पीएफआई के वैश्विक आतंकवादी समूहों जैसे इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया के साथ अंतरराष्ट्रीय संपर्क के कई उदाहरण हैं.

इतना ही नहीं मंत्रालय का कहना है कि पीएफआई और इसके सहयोगी संगठन चोरी छिपे देश में असुरक्षा की भावना को बढ़ावा देकर एक समुदाय में कट्टरपंथ को बढ़ावा देने का काम कर रहे हैं.

 

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