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सपा अधिवेशन में बोले आजम- उदासी, मायूसी, दर्द और जिल्लत होती है

आजम खान ने कहा कि समाजवादियों के साथ कुछ गैरों ने अन्याय किया...कुछ अपनों ने किया. जो लोग आस्तीन का सांप बन गए...उन्होंने आस्तीन को डस लिया. कुछ सामने से रहे और कुछ पर्दे के पीछे रहे.

सपा नेता आजम खान सपा नेता आजम खान
शिवेंद्र श्रीवास्तव
  • लखनऊ,
  • 23 सितंबर 2017,
  • अपडेटेड 1:24 PM IST

लखनऊ में समाजवादी पार्टी के 8वें राज्य अधिवेशन में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और आजम खान ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने तिरंगे की बजाय समाजवादी पार्टी का झंडारोहण किया. इसके बाद राष्ट्रगान भी हुआ. अखिलेश यादव के बाद पार्टी समर्थकों को संबोधित करते हुए आजम खान ने कहा कि समाजवादियों के साथ कुछ गैरों ने अन्याय किया...कुछ अपनों ने किया. जो लोग आस्तीन का सांप बन गए...उन्होंने आस्तीन को डस लिया. कुछ सामने से रहे और कुछ पर्दे के पीछे रहे. लिहाजा सत्ता चली गई और जिन लोगों को सत्ता मिली, कहीं न कहीं उनकी मदद होती रही.

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सपा नेता आजम खान ने कहा कि हमारे सामने बहुत सारी चुनौतियां हैं. जब मैं हमारी बात करता हूं, तो हमारी तरफ देखो...जलियाबाग से लेकर दांडी मार्च तक. सुबह होती है...दिन होता है...शाम होती है...रात होती है. उदासी, मायूसी, दर्द और जिल्लत होती है....ये है हमारा मादरे वतन! ये है हमारा महान भारत....ये है हमारी मां की कोख, जिस पर हमारे खून के छींटे हैं. कबरस्तान के नाम पर...शमशान के नाम पर...ईद के नाम पर....दीवाली के नाम पर...हमारे जख्मों का हिसाब...हमारे जख्मों का दर्द काबिले शिनाख्त भी नहीं है. यही चीखती हुई सच्चाई है, जिसे दुनिया देख रही है.

सिर्फ वो इतिहास नहीं, जिसको RSS ने लिखा: आजम

आजम ने कहा कि यह मत समझो कि इतिहास बस वो है, जिसे सिर्फ आरएसएस ने लिख दिया. दुनिया में दो इतिहास होते हैं, एक वो इतिहास जो मेरी तरह रंगीन चश्मा लगाकर लिखा गया हो. दूसरा वो इतिहास जिसको सच्चाई की कलम से लिखा गया हो. बीजेपी पर निशाना साधते हुए आजम खान ने कहा कि याद रखना आने वाला कल हम लोगों के लिये रोहिंग्या मुसलमानों जैसा हो सकता है. जब हम लोगों के आंसू पोंछने के लिए सरकार में आते हैं, तो बेगुनाह मारे जाते है और बस्तियां जलने लगती हैं. उन्होंने शायराना अंदाज में कहा कि जलता था जो घर मेरा...कुछ लोग ये कहते थे, क्या आग सुनहरी है...क्या आग सुहानी है.

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'अगर दिये जलें, तो सिवइयों को भी खाओ'

आजम खान ने कहा कि आग से मत खेलो. इस ख्याल में मत रहना कि दुश्मन घात में नहीं बैठा है. सावधान रहें. मेरे बारे में कोई गलतफहमी नहीं रहनी चाहिये. मैं आज भी कहने आया हूं कि मुझपे भरोसा रखो. उन्होंने कहा कि ताली दोनों हाथों से बजती है. अगर दिये जलें तो हमारी बीबी और बहनों के हाथों से सिवइयों को भी खाओ. उन्होंने कहा कि मुझे लोग कहते हैं कि पाकिस्तान चले जाओ. उन्होंने सवाल किया कि बताओ इंसानियत के दुश्मनों कि क्या देश का सबसे अच्छा मेडिकल कॉलेज, विश्वविद्यालय मैंने पाकिस्तान ले जाने के लिये बनाए हैं.

'रोजगार छीनने वालों के लिए बद्दुआ करो'

आजम ने कहा कि अभी वजीरेआला ने कहा कि छह महीने से कोई दंगा नहीं हुआ. वही तो हम कहते हैं कि दंगा आप कराते हैं. गुजरात तक दंगा कराने वाले भी तुम और दंगा रोकने वाले भी तुम. हिंदुस्तान की बदनसीबी है...ये उत्तर प्रदेश का अभागापन है कि तमाम लोगों की पेंशन बंद हो गई, जिससे उनका चूल्हा जलता था. बद्दुआ करो...जालिम के लिये बद्दुआ करो, जिसने रोजगार छीन लिया. चैन छीन लिया. पेट चीर कर देखा कि तूने खाया क्या है? उन्होंने कहा कि झूठ बोलकर सत्ता हासिल की जा सकती है, लेकिन हमेशा बने नहीं रहा जा सकता है.

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