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Kanwar Yatra : 80 सेक्टर, 200 CCTV, 90 ड्रोन... जानिए कैसी है कांवड यात्रा में सुरक्षा व्यवस्था

कल से सावन शुरू हो रहा है. कांवड यात्रा पर भोले के भक्त निकल पड़े हैं. सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. मेरठ में केली गांव के रहने वाले केशव त्यागी ने 101 किलो का कावड़ उठाया है. उन्होंने MBA की पढ़ाई पूरी कर ली है और उन्हें एक अच्छी नौकरी की चाहत हैं. उनका मानना है भगवान भोलेनाथ उनकी यह मनोकामना जरूर पूरी करेंगे.

MBA के छात्र ने उठाई 101 किलो की कावड़ MBA के छात्र ने उठाई 101 किलो की कावड़
संदीप सैनी
  • मुजफ्फरनगर,
  • 13 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 11:14 AM IST
  • अधिकारियों की दो शिफ्टों में तैनाती
  • हर ओर सुरक्षा बढ़ाई गई

सावन का महीना भगवान भोलेनाथ यानी शिव को समर्पित माना गया है. 14 जुलाई से सावन का महीना शुरू हो रहा है और 26 जुलाई को शिवरात्रि है. ऐसे में भक्त भोलेनाथ को खुश करने में जुट गए हैं. कोई अपना बिगड़ा काम बनवाना चाहता है, तो किसी को नौकरी की चाहत है. हर कोई अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए भगवान के दर पहुंच रहा है. 

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प्रशासन की तरफ से सुरक्षा के पुख्ता इंताजाम किए हैं. कावड़ यात्रा को लेकर जिले को 9 सुपर जोन, 16 जोन, 53 सब जोन को 80 सेक्टरों में बांटा गया है.  इसमें पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की दिन और रात की शिफ्ट में तैनाती की गई है. कावड़िए जिस रास्ते से गंगाजल लेकर गुजरेंगे, वहां के कंकड़ तक बिने जा रहे हैं. निगरानी के लिए 200 CCTV कैमरे, 90 ड्रोन कैमरे लगाए गए हैं. 

101 किलो का उठाया कांवड़: 

मेरठ में केली गांव के रहने वाले केशव त्यागी ने 101 किलो का कावड़ उठाया है. उन्होंने MBA की पढ़ाई पूरी कर ली है और उन्हें एक अच्छी नौकरी की चाहत हैं. उनका मानना है भगवान भोलेनाथ उनकी यह मनोकामना जरूर पूरी करेंगे. केशव 1 जुलाई से लगातार पैदल चल रहे हैं और 26 जुलाई को अपने गांव केली पहुंचकर वो भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करेंगे. उन्हें 180 किलोमीटर का सफर तय करना है. केशव ने बताया उनके ग्रुप में विकास जाट ने 75 किलो और अमन त्यागी ने 51 किलो गंगाजल की कावड़ उठाई है.

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केशव का मानना है कि भोलेनाथ अपने भक्कों की मुराद जरूर पूरी करेंगे. उन्हें जल्द ही अच्छी नौकरी मिल जाएगी. कांधे पर 101 किलो की कांवड़ और पैरों में छाले. फिर भी शिव भक्त जोश के साथ शिवालयों की ओर बढ़ रहे हैं. केशव और उनके साथियों को अभी लंबा सफर तय करना है. उनके पैरों में छाले पढ़ गए हैं. लेकिन जोश में कोई कमी नहीं दिखाई दे रही है. 

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