
वाराणसी स्थित काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में फीस वृद्धि को लेकर पिछले कई दिनों से अलग-अलग छात्र संगठनों का विरोध प्रदर्शन जारी है. इस कड़ी में गुरुवार को विश्विद्यालय के केंद्रीय कार्यालय पर छात्र संगठन आइसा ने भी धरना प्रदर्शन किया. छात्रों की मांग है कि विश्वविद्याल प्रशासन बढ़ी हुई फीस वापस ले. प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने कहा कि अचानक से फीस बढ़ाना छात्रों के करियर से खिलवाड़ करना जैसा है. इस दौरान सुरक्षाकर्मियों और छात्रों में जमकर धक्का-मुक्की भी हुई.
इसस पहले मंगलवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) की बीएचयू इकाई की तरफ से एक अनूठा विरोध दर्ज कराया गया. बीएचयू के विश्वनाथ मंदिर के बाहर जुटे दर्जनों एबीवीपी के छात्रों ने भैंस के आगे बीन बजाकर विश्वविद्यालय के मौन रवैया पर सवाल उठाए. इस दौरान छात्र अपने साथ फीस वृद्धि से संबंधित बैनर और तख्तियां लेकर प्रदर्श कर रहे थे.
बता दें कि छात्र विश्वविद्यालय में चार गुना फीस बढ़ाए जाने को लेकर लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं. छात्र अलग अलग ढंग से विरोध जता रहे हैं. दरअसल, अभी छात्रों से हर महीने 12 रुपये ट्यूशन फीस ली जाती थी. साल में ट्यूशन फीस के तौर पर बीए- बीएससी और बीकॉम के स्टूडेंट्स से 144 रुपये लिए जाते थे. ट्यूशन फीस के साथ ही कई दूसरे मदों जैसे परीक्षा शुल्क, बिल्डिंग मेंटेनेंस, पुअर ब्वायज़ फंड, स्पोर्ट्स, लाइब्रेरी, आई कार्ड, मार्कशीट के शुल्क मिलाकर सालाना कुल 975 रुपये लिए जाते थे. प्रैक्टिकल के लिए लैब की फीस 145 रुपये अलग से देनी होती थी. ग्रेजुएशन यानी बीए, बीएससी और बी. कॉम के छात्रों को अब 975 रुपये के बदले सालाना 3901 रुपये देने होंगे. प्रैक्टिकल फीस को 145 रुपये से बढ़ाकर 250 रुपये कर दिया गया है.