
उत्तर प्रदेश के आगरा की शाही मस्जिद के इमाम परिवार के बारे में एक चौंकाने वाली बात सामने आई है. मस्जिद के इमाम परिवार को मात्र 15 रुपये तनख्वाह मिलती है. यह तनख्वाह उन्हें लंबे समय से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की तरफ से मिल रही है.
ताजमहल की शाही मस्जिद के इमाम मोहम्मद खालिद की 5 पीढ़ियां ताजमहल में स्थित शाही मस्जिद में अकीदतमंदों को नमाज अदा करवा रही हैं. ताजमहल के इमाम रहे मोहम्मद सादिक बताते हैं कि उन्होंने 18 साल तक 15 रुपये महीने की तनख्वाह पर इमाम की नौकरी की और अब उनका बेटा बुरहान भी ढाई साल से 15 रुपये महीने की नौकरी कर रहा है.
दरअसल, मुगल काल में परिवार को तनख्वाह के रूप में 15 सोने की अशर्फियां मिलती थीं. इसके बाद परिवार को 15 सोने की गिन्नियां मिलना शुरू हुईं. फिर तनख्वाह के तौर पर चांदी के 15 सिक्के मिलने लगे. साल 1966 से इस परिवार को भारतीय मुद्रा में 15 रुपये मिल रहे हैं.
यह भी पढ़ें- भारत से विवाद पड़ा भारी, जानें- नेपाल के PM ओली कैसे फंस गए अपनी ही चाल में
और यही 15 का यह आंकड़ा 5 पीढ़ियों से परिवार के साथ बना है. यह आंकड़ा अब इस परिवार को खलने लगा है क्योंकि 15 रुपये में घर चलाना परिवार के लिए मुश्किल हो रहा है. सरकार से हर महीने मिलने वाली तनख्वाह से नाखुश परिवार के लोग इसे बढ़ाए जाने की मांग कर रहे हैं.
मोहम्मद सादिक और बुरहान का कहना है कि वह ताजमहल में स्थित शाही मस्जिद में तीनों समय की नमाज अदा करवाने पहुंचते हैं. वह कई बार सरकार से तनख्वाह बढ़ाने की गुहार लगा चुके हैं. ताजमहल मस्जिद कमेटी के पदाधिकारी भी इस मामले को लेकर कई बार एएसआई और सरकार से गुहार लगा चुके हैं.