
अयोध्या में राम मंदिर के मसले पर बातचीत और बैठकों का दौर जारी है. ऐसे में शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने इस विवाद का हल सुझाया है. उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर वहीं बनना चाहिये क्योंकि वहां पर रामलला का जन्म हुआ है, मस्जिद तो कहीं भी बन सकती है.
रिजवी के मुताबिक विवाद के तमाम पक्षकारों से उनकी बात हुयी है. उन्होंने कहा कि शिया वक्फ बोर्ड को इस मामले में फैसला लेने का पूरा हक है. वसीम रिजवी के मुताबिक ये हिंदुओं की आस्था का सवाल है और मुझे लगता है कि मुसलमानों इस विवाद से पीछे हट जाना चाहिये. हिन्दुस्तान का मुसलमान बिल्कुल फसाद नहीं चाहता, कुछ लोग हैं जो लोग ना तो पक्षकर हैं, बस इसके नाम पर दुकान चला रहे हैं.
अपनी कौम के ही कुछ लोगों पर निशाना साधते हुए रिजवी ने कहा कि कुछ ऐसे मुल्ला हैं जो माहौल खराब करना चाहते हैं, लेकिन देश की आवाम ऐसा कतई नहीं चाहती. रिजवी ने कहा कि विवादित स्थल सुन्नी वक्फ बोर्ड की प्रॉपर्टी ही नहीं है. कुछ बाहरी ताकतें हैं जो हिंन्दुस्तान का माहौल खराब कर रही हैं. इसकी जांच होनी चाहिये कि आखिर क्यों नही अब तक बातचीत शुरू हो पाई है.
सुन्नी बोर्ड पर तंज कसते हुये रिजवी ने कहा कि जब उनकी चीज ही नहीं है तो उनको किसी भी तरह मामले में दखल का हक नहीं है. रिजवी का दावा है कि सुप्रीम कोर्ट की डेट से पहले विवाद का कोई हल निकल आयेगा. सबसे खास बात ये कि चाहे जो फैसला हो विवादित जगह के बदले जो मस्जिद बनेगी वह बाबर के नाम पर नहीं बनेगी. अयोध्या में जो भी मस्जिद बनेगी अमन के नाम पर बनेगी और मुस्लिम आबादी में बनेगी.