
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव का मंगलवार को सैफई में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. अंतिम संस्कार के बाद बुधवार को शुद्धिकरण कार्यक्रम हुआ. इसमें मुलायम सिंह यादव के छोटे भाई और प्रसपा चीफ शिवपाल यादव भी शामिल हुए. इस दौरान जब उनसे पूछा गया कि क्या वे मुलायम सिंह यादव के जाने के बाद अब पार्टी और यादव परिवार में संरक्षक की भूमिका निभाएंगे. इस पर उन्होंने कहा कि जो जिम्मेदारी मिलेगी, उसे निभाएंगे. अगर जिम्मेदारी नहीं भी मिलती है, जो लोग हमारे साथ जुड़े हैं. जिन्हें सम्मान नहीं मिला है, उन्हें कोई पूछ नहीं रहा है. उन्हें साथ लेकर आएंगे. सबको इकट्ठा करेंगे.
शिवपाल यादव ने कहा कि मुलायम सिंह से जुड़े बहुत सारे किस्से हैं और एक युग की बहुत सी बातें हैं. उन्होंने बताया कि जब वे छोटे थे, तो नेताजी उन्हें साइकिल से स्कूल ले जाते थे. पार्टी की विरासत से जुड़े सवाल पर शिवपाल ने कहा कि सब संभल जाएगी. सब हो जाएगा.
मैंने सारे फैसले नेताजी से पूछ कर लिए- शिवपाल यादव
शिवपाल यादव ने कहा, ''मैंने कभी नेताजी की बात को नहीं टाला. कोई भी बात हो, नेताजी ने जो भी कहा हो, मैंने जीवनभर उनके आदेश का पालन किया. पार्टी बनाने से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि हर मौके पर नेताजी से पूछकर ही फैसला किया. उनके आदेश पर ही फैसला मैंने किए. वहीं, नेताजी के निधन से मैनपुरी लोकसभा सीट खाली होने के बाद उम्मीदवार को लेकर पूछे हुए सवाल पर उन्होंने कहा कि यह समय ये सब बातें करना का नहीं है.
सिमटा सा संसार नजर आ रहा- शिवपाल यादव
शिवपाल यादव ने कहा कि नेताजी ने जीवनभर लोगों की सेवा की. उनके जाने के बाद आज संसार सिमटा सा नजर आ रहा है. नेताजी ने पिछड़ों की, अल्पसंख्यकों की, दलित पीड़ितों की सेवा करके उन्हें ऊंचाइयों तक पहुंचाया है. राजनीति में भी उन्हें ऊपर तक पहुंचाया. नेताजी के जाने के बाद उनकी जगह नहीं भरी जा सकती.
मुलायम सिंह यादव का 82 वर्ष की उम्र में 10 अक्टूबर को गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया था. वे लंबे वक्त से अस्पताल में भर्ती थे. इसके बाद उनके पार्थिव शरीर को सैफई लाया गया था. जहां मंगलवार को राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया. अखिलेश यादव ने उन्हें मुखाग्नि दी. मुलायम सिंह के अंतिम दर्शन के लिए सैफई में जनसैलाब उमड़ पड़ा था. इतना ही नहीं देशभर से तमाम दिग्गज नेता भी उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे.