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बैचलर्स के लिए नोएडा की सोसाइटी ने निकाला फरमान, 31 दिसंबर तक खाली करें फ्लैट  

अविवाहितों के खिलाफ नोएडा की एक सोसाइटी ने फरमान निकाला. एमरल्ड कोर्ट सोसाइटी में अब 31 दिसंबर के बाद बैचलर्स नहीं रह सकते हैं. उन्हें फ्लैट खाली करने के लिए नोटिस भेजा जा रहा है. हालांकि, दिल्ली-एनसीआर में यह फरमान कोई नया नहीं है. अलबत्ता ये सोसाइटी नई हो सकती है, जहां ऐसा फरमान जारी किया गया है. 

एक जनवरी 2023 के बाद से इस सोसाइटी में कोई बैचलर नहीं रह सकेगा. एक जनवरी 2023 के बाद से इस सोसाइटी में कोई बैचलर नहीं रह सकेगा.
राम किंकर सिंह
  • नोएडा,
  • 06 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 7:55 PM IST

राजधानी दिल्ली और एनसीआर के इलाके में अक्सर अपार्टमेंट ओनर एसोसिएशन एक चीज को लेकर काफी चर्चा में रहता है. वह है सोसाइटी में बैचलर्स को नहीं रहने देने की इजाजत देना. यह काफी विवादास्पद विषय है, जिसके बारे में अक्सर बहस होती है. 

इसी बीच अविवाहितों के खिलाफ नोएडा की एक सोसाइटी ने फरमान निकाला. कहा कि एमरल्ड कोर्ट सोसाइटी में बैचलर्स नहीं रह सकते हैं. उन्हें 31 दिसंबर के बाद फ्लैट को खाली करना होगा. हालांकि, यह फरमान कोई नया नहीं है. अलबत्ता ये सोसाइटी नई हो सकती है, जहां ऐसा फरमान जारी किया गया है. 

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बैचलर्स का कहना- हम कमजोर हैं, इसलिए किए जा रहे हैं टार्गेट 

इससे पहले भी कई सोसाइटीज में इस तरह के फरमान जारी किए जा चुके हैं और बैचलर्स को फ्लैट नहीं दिए जा रहे हैं. इस बारे में बाहर के शहरों से यहां रहने आए छात्र-छात्राओं और नौकरीपेशा करने वाले बैचलर्स का कहना है कि हम सबसे कमजोर हैं, इसलिए टारगेट किया जा रहा है.

अव्वल तो यह है कि हम अनुशासन से यहां रहते हैं. दूसरा सोसाइटी ओनर्स एसोसिएशन के इन फरमानों के खिलाफ हम आवाज उठाना चाहते हैं. मगर, ऐसा नहीं कर सकते हैं क्योंकि हम बाहर के शहरों से यहां रहने आए हैं और पढ़ाई-लिखाई करते हैं.  

जानिए क्या लिखा है सोसाइटी की ओर से जारी फरमान में…  

हमारी सोसाइटी में कुछ फ्लैट्स को छात्रों, अविवाहितों और गेस्ट हाउस को चलाने के लिए दिया गया है. हमारे नियमों के अनुसार, इसकी इजाजत नहीं है. कृपया, एमरल्ड कोर्ट कॉम्प्लेक्स में स्व प्रबंधन के नियमों का पालन करें. 

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इन कुछ फ्लैट्स में स्थानीय अधिकारियों द्वारा संभावित आपत्तिजनक गतिविधियों को लेकर गंभीर चिंता जाहिर की गई है. लिहाजा, मामले की गंभीरता को देखते हुए हमने फैसला किया है कि एक जनवरी 2023 के बाद से एमरल्ड कोर्ट में इस तरह की रहने की व्यवस्था नहीं होगी. 

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