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सोनिया के रायबरेली में भारी सियासी विवाद, प्रियंका ने मोर्चा संभाला

हाल में यूपी में सरकार बदलने के बाद जब रायबरेली के ज़िला पंचायत अध्यक्ष और दिनेश के भाई अवधेश सिंह के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आया तो बमुश्किल उनकी कुर्सी बच पाई

सोनिया गांधी और के एल शर्मा सोनिया गांधी और के एल शर्मा
कुमार विक्रांत
  • रायबरेली,
  • 19 अप्रैल 2017,
  • अपडेटेड 4:15 PM IST

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी रायबरेली से सांसद हैं. रायबरेली जिले से तीन अहम पद कांग्रेस के पास हैं. एक एमएलसी, एक जिला पंचायत और एक विधायक हैं. दिलचस्प बात ये है कि, ये तीनों पद तीन भाइयों के पास है और उनका कांग्रेस से विवाद हो गया है. एक भाई दिनेश प्रताप सिंह, जो एमएलसी हैं, उनको कांग्रेस ज़िला अध्यक्ष वी के शुक्ल ने अनिश्चित काल के लिए पार्टी से निलंबित कर दिया है. ऐसे में अब खतरा है कि, कहीं दिनेश के बाकी दोनों भाई भी कांग्रेस को झटका न दे दें.

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आपको बता दें कि लंबे समय से सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र के प्रभारी के एल शर्मा से दिनेश सिंह का विवाद चल रहा था. हाल में यूपी में सरकार बदलने के बाद जब रायबरेली के ज़िला पंचायत अध्यक्ष और दिनेश के भाई अवधेश सिंह के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आया तो बमुश्किल उनकी कुर्सी बच पाई. जिसके बाद से ही दिनेश लगातार के एल शर्मा पर नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाते रहें हैं. उन्होंने यहां तक कह दिया कि, कांग्रेस में या तो वो रहेंगे या फिर के एल शर्मा.

गौरतलब है कि जिसके बाद ही पार्टी के जिला अध्यक्ष ने आलाकमान के निर्देश का हवाला देते हुए दिनेश सिंह को पार्टी से अनिश्चितकाल के लिए निलंबित कर दिया. आखिर कांग्रेस को ये भी एहसास है कि, अगर अब दिनेश सिंह पार्टी छोड़ेंगे या दूसरी पार्टी ज्वाइन करेंगे तो उनकी विधान परिषद की सदस्यता चली जायेगी. इसीलिए उनको निकाला नहीं गया है. साथ ही हाल में प्रदेश में कांग्रेस के 7 जीते विधायकों में से एक उनके भाई राकेश सिंह और ज़िला पंचायत अध्यक्ष भाई अवधेश पर फिलहाल इसी रणनीति के तहत एक्शन नहीं लिया है. लेकिन रायबरेली का ये ताज़ा घटनाक्रम कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के लिए एक झटका तो जरूर है.

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वैसे ये कौन भूल सकता है कि, पिछले कुछ सालों से रायबरेली में रणनीतिक तौर पर के एल शर्मा और सियासी तौर पर दिनेश सिंह गांधी परिवार के दो अहम स्तम्भ रहें हैं. हालांकि ,के एल शर्मा का गांधी परिवार से नाता दशकों पुराना है, शायद इसीलिए भी के एल शर्मा को तवज्जो दी गई है. वैसे सूत्रों का ये भी मानना है कि, यूपी में कांग्रेस की बुरी गत के बाद दिनेश सिंह अपने परिवार के साथ नई राह तलाश रहे थे, लेकिन वो चाहते थे कि, कांग्रेस उनको परिवार समेत पार्टी से निकाल दे, जिससे उन सबकी विधायकी वगैरा बरकरार रहे.

कुल मिलाकर देश भर से आये दिन कांग्रेस छोड़कर जाने वाले नेताओं की खबरें आ रहीं हैं, लेकिन खुद कांग्रेस अध्यक्ष के इलाके में हुआ ये ताज़ा विवाद वाकई कांग्रेस को झकझोरने वाला है.

सूत्रों की मानें तो अब प्रियंका ने मोर्चा संभाला है, जिससे अगर दिनेश सिंह अपने परिवार के साथ दूरी बनाते हैं, तो भविष्य में पार्टी को नुकसान न हो. इसके लिए रायबरेली शहर से 5 बार विधायक रहे दबंग अखिलेश सिंह बेटी अदिति सिंह को बढ़ावा दिया जा सकता है. अदिति पहली बार पिता की जगह रायबरेली से विधायक बनीं हैं.

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