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डिप्टी CM ने सपा को याद दिलाया 'गुंडा' राज तो विधान परिषद में 'मौर्य Vs मौर्य'

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के पैदल मार्च के बाद विधान परिषद में रोचक तस्वीर देखने को मिली. यहां सपा सदस्यों ने कानून व्यवस्था पर योगी सरकार पर निशाना साधा. सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने सपा का मोर्चा संभालते हुए अपने अंदाज में योगी सरकार पर वार पर वार किए, जिसके बाद डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने सरकार की ओर से मोर्चा संभाला.

फाइल फोटो फाइल फोटो
शिल्पी सेन
  • लखनऊ,
  • 21 सितंबर 2022,
  • अपडेटेड 10:54 AM IST

यूपी विधानसभा के मॉनसून सत्र में जहां विपक्ष सरकार पर हमलावर है. वहीं सरकार की ओर से दूसरे ही दिन मुख्य विपक्षी पार्टी को जवाब भी दिया गया. विधानसभा में मुख्यमंत्री और नेता सदन ने आगे बढ़कर अखिलेश यादव को जवाब दिया तो विधानपरिषद में ‘ मौर्य Vs मौर्य ‘ देखने को मिला, जहां पिछड़ी जाति के दो नेता डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और बीजेपी से पाला बदलकर सपा के खेमे का चेहरा बन चुके स्वामी प्रसाद मौर्य ने मोर्चा सम्भाला. 

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यूपी विधानसभा के पहले दिन ही जहां समाजवादी पार्टी के विधायकों ने पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के नेतृत्व में सड़क पर उतरकर पैदल मार्च किया, वहीं दूसरे दिन दोनों सदनों में रोचक तस्वीरें देखने को मिलीं. उच्च सदन में केशव प्रसाद मौर्य और स्वामी प्रसाद मौर्य आमने-सामने थे. नेता प्रतिपक्ष विहीन हाउस में समाजवादी पार्टी के विधायक कानून व्यवस्था पर चर्चा के लिए ‘कार्य स्थगन’ का नोटिस दिया. इस नोटिस के द्वारा समाजवादी पार्टी की मांग थी कि सभी कार्यों को रोककर प्रदेश की कानून व्यवस्था पर चर्चा कराई जाए. उसके बाद दोनों नेताओं में जमकर वाक युद्ध हुआ. इसमें उपलब्धियों और नाकामियों के साथ ‘गुंडा’ शब्द भी आया. डिप्टी सीएम ने स्लोगन याद दिलाया तो सपा सदस्यों के विरोध में सुर मिलाते हुए स्वामी प्रसाद मौर्य ने गुंडाराज होने का आरोप लगाया.   

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सड़क पर प्रदर्शन के बाद जब दोनों सदनों में सपा नेता पहुंचे तो अलग-अलग चर्चा के लिए नोटिस दिया. विधान परिषद में कानून व्यवस्था पर चर्चा करने के लिए कार्यस्थगन का नोटिस दिया गया. हालांकि ये चर्चा स्वीकार नहीं हुई. गोंडा में पुलिस हिरासत में मौत को लेकर समाजवादी पार्टी ने सवाल उठाया. परिषद में सपा दल के नेता लाल बिहारी यादव और उसके बाद मान सिंह यादव ने अपनी बात रखी. फिर स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपनी बात रखी.  

कानून व्यवस्था पर हमलावर विपक्ष 

5 साल तक बीजेपी के ही विधायक और सरकार में मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्य जब बोलने के लिए खड़े हुए तो उनके तेवर अपनी पुरानी पार्टी की ओर हमलावर थे. उन्होंने कहा कि योगी राज में कानून व्यवस्था की स्थिति बदतर हो गई है. पुलिस थानों में हिरासत में मौतें हो रही हैं, बलात्कार हो रहे हैं, पुलिस निरंकुश हो गई. स्वामी प्रसाद मौर्य अपने अन्दाज़ में वार पर वार करते गए.  

पुलिस हिरासत में मौतों पर हंगामा 

लेकिन जवाब देने के लिए नेता सदन केशव प्रसाद मौर्य ने मोर्चा सम्भाला. उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मियों को निलम्बित किया गया है. जांच की जा रही है. उसके बाद दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी. केशव प्रसाद मौर्य ने समाजवादी पार्टी की सरकार के कार्यकाल को याद दिलाने के लिए कई उदाहरण दे दिए. उन्होंने कहा कि विपक्ष का चश्मा खराब हो गया है. अपराधों में कमी आयी है. उन्होंने एक के बाद एक आंकड़े गिनाते हुए सपा को उनके कार्यकाल की याद दिलाना शुरू किया. इसी बीच उन्होंने यह कहा कि सपा के समय में जो अपराध थे उनके लिए एक स्लोगन भी कहा जाता था. ‘जिस गाड़ी में सपा का झंडा, उसमें बैठा एक गुंडा.’ इसके बाद हंगामा शुरू हो गया.  

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सपा नेताओं ने 'गुंडा' शब्द पर जताई आपत्ति 

समाजवादी पार्टी के विधायकों ने 'गुंडा' शब्द पर आपत्ति करते हुए कहा कि ये गलत है. इस पर विपक्ष के विधायकों के हंगामे पर फिर स्वामी प्रसाद मौर्य ने निशाना साधते हुए कहा कि वर्तमान सरकार में जंगलराज है,’गुंडा’ राज है. फिर बीजेपी सदस्यों ने उनको घेरते हुए कहा कि 'गुंडा' शब्द तो उन्होंने भी बोला है. केशव प्रसाद मौर्य ने तो स्लोगन याद दिलाया है. उसके बाद सपा के सदस्यों ने सदन से वॉक आउट कर दिया. 

 

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