
समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के वरिष्ठ नेता और रामपुर के सांसद मोहम्मद आजम खान (Azam Khan) एक बार फिर लखनऊ के मेदांता हॉस्पिटल (Medanta Hospital) में एडमिट कर दिए गए हैं. आजम खान को अस्पताल से डिस्चार्ज करने और जेल भेजने को लेकर पत्नी ताज़ीन फातमा (Tanzeen Fatima) ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाया है.
पिछले डेढ़ साल से अधिक समय से आजम खान सीतापुर जेल में हैं और 9 मई को कोरोना पॉजिटिव (Corona Positive) होने के बाद से उन्हें इलाज के लिए लखनऊ के मेदांता हॉस्पिटल में एडमिट कर दिया गया था. कोरोना से स्वस्थ होने के बाद उनको पोस्ट कोरोना संबंधी कई तरह की स्वास्थ समस्याएं हो रही थीं जिनका इलाज मेदांता हॉस्पिटल में चल रहा था.
बीते 13 जुलाई को मेदांता हॉस्पिटल ने उन्हें स्वस्थ्य बताते हुए डिस्चार्ज कर दिया और एक बार फिर उन्हें सीतापुर जेल भेज दिया गया था. तब उनकी पत्नी और रामपुर से नगर विधायक डॉक्टर ताज़ीन फातमा ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए उन्हें जेल भेजने को एक राजनीतिक षड्यंत्र बताया था. अब जब आजम खान को फिर अस्वस्थ होने के कारण सीतापुर जेल से मेदांता हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया है तो वह इस सारी प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए इसे राजनीतिक षड्यंत्र करार दे रही हैं और सरकार की मंशा पर सवाल उठा रही हैं.
मीडिया से बात करते हुए आजम खान की पत्नी ने कहा कि, जब उन्हें डिस्चार्ज किया गया था उस वक्त भी मैंने कहा था कि वो पूरी तरह से सेहतमंद नहीं हैं और पता नहीं ऐसे कौन से हालात थे कि उन्हें सेहतमंद बताकर मेदांता हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया गया था.
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फातमा ने कहा कि मेदांता के डायरेक्टर की तरफ से आजम खान के स्वास्थ्य संबंधी बुलेटिन जब आया तब भी वह पूरी तरह सेहतमंद नहीं थे. जिस वक्त उन्हें मेदांता से डिस्चार्ज किया गया था, मैंने वीडियो देखा था वो व्हीलचेयर से ले जाए जा रहे थे और उनके हाथ पैर बेहद कमजोर थे और ठीक से उनसे एंबुलेंस में चढ़ा भी नहीं जा रहा था, उन्हें सहारा देखकर चढ़ाया गया था. मैं तो यह मानती हूं इसमें यकीनन कोई षड्यंत्र है, कोई साजिश है और यह भी राजनीति का कोई घिनौना हिस्सा है.