
अक्सर लोग शिकायत करते मिल जाएंगे कि जब वे किसी थाने जाते हैं तो पुलिस वाले उनकी सुनवाई नहीं करते और रिपोर्ट तक दर्ज नहीं की जाती. लेकिन मेरठ में एक थाना ऐसा है जब कोई वहां फरियाद लेकर जाता है तो पहले उसको चंदन का तिलक लगाया जाता है. और ये तिलक और भी कोई नहीं बल्कि खुद थानेदार लगाते हैं. नौचंदी थाने के थानेदार यानी इंस्पेक्टर प्रेमचंद शर्मा पहले आने वाले फरियादी के माथे पर चंदन का तिलक लगाते हैं और फिर उनकी सुनवाई करते हैं.
इंस्पेक्टर प्रेमचंद शर्मा के मुताबिक “चंदन ठंडक का एहसास कराता है. बसंत ऋतु चल रही है, इसमें चंदन के तिलक का महत्व और बढ़ जाता है. मैंने बसंत पंचमी से प्रत्येक फरियादी को चंदन का टीका लगाने की शुरुआत की है.” शर्मा का कहना है कि लोग जब थाने में आते हैं तो उनमें बहुत बेचैनी होती है, चंदन का तिलक इस बेचैनी को कम करता है और उन्हें तसल्ली से बात कहने में आसानी होती है.
नौचंदी के इन थानेदार का कहना है कि ''आधी समस्या तो बात करने के बाद ही कम हो जाती है क्योंकि समस्या इतनी बड़ी नहीं होती, जितना लोग यहां जब आते हैं उनके दिमाग में होती है. बाकी हम विधिक कार्रवाई का रास्ता अपनाते हैं.''
थानेदार के ऐसा करने से थाने के अन्य पुलिसकर्मी भी खुश हैं. थाने में तैनात महिला पुलिसकर्मी सविता कहती हैं कि ''हम सभी को ये देखकर अच्छा लगता है. इससे थाने में आने वाले लोगों को अपनापन महसूस होता है.'' एक तरफ जहां देशभर में पुलिस के रवैये को लेकर 'संवेदनशीलता' की कमी बताई जाती है और लगातार पुलिस सुधार की मांग की जा रही है, ऐसे छोटे-छोटे प्रयास बहुत महत्वपूर्ण हैं.