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SC: सुपरटेक के ट्विन टावर अब 28 अगस्त तक ढहाए जाएंगे, जानिए क्यों दे दिया गया तीन महीने का और समय?

सुप्रीम टेक का ट्विन टावर 40 मंजिला है. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने इस बिल्डिंग को 22 मई को ढहाने का आदेश दिया था. इसे गिराने के लिए मुंबई की कंपनी को ठेका दिया जा चुका है.

ट्विन टावर गिराने वाली कंपनी ने SC से मांगा और समय (फाइल फोटो) ट्विन टावर गिराने वाली कंपनी ने SC से मांगा और समय (फाइल फोटो)
संजय शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 17 मई 2022,
  • अपडेटेड 4:09 PM IST
  • सुप्रीम कोर्ट ने कार्रवाई की समयसीमा बढ़ाई
  • पिछले आदेश के तहत 22 मई तक तोड़ना था

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को नोएडा में सुपरटेक एमेराल्ड कोर्ट के दो टावर को तोड़ने की समय सीमा तीन महीने बढ़ाते हुए 28 अगस्त तक कर दी है. पिछले आदेश के मुताबिक दोनों टॉवर को 22 मई तक तोड़ा जाना था, लेकिन टॉवर को तोड़ने वाली कंपनी ने कहा कि जो टेस्ट किए गए थे, उसमें कुछ दिक्कत आ रही है. सुरक्षा की दृष्टि से टॉवर को तोड़ने के इंतजाम करने के लिए थोड़ा और वक्त दिया जाए.

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अनुमान से ज्यादा मजबूत निकली इमारत

विशेषज्ञों की टीम ने इमारत में धमाका कर टेस्टिंग भी की थी. टेस्टिंग ब्लास्ट में पता चला कि टावर विशेषज्ञों के अनुमान से ज्यादा मजबूत है, इसलिए इमारत की मजबूती और विस्फोटकों की मिकदार के बीच तालमेल का अंदाजा लगाने के लिए तीन महीने और वक्त दिया जाए.

गिराने में आएगा 13 करोड़ का खर्च

ट्विन टावर को गिराने के लिए मुंबई की एक कंपनी को ठेका दिया गया है. कंपनी ने साइट पर काम करना शुरू कर दिया है. नोएडा अथॉरिटी ने बकायदा यहां पर बोर्ड लगा दिया है, जिसमें साफ लिखा है कि किस कंपनी को टावर को गिराने का ठेका दिया गया है. ट्विन टावर को विस्फोट के जरिए ध्वस्त करने के लिए कंपनी को लगभग सभी एनओसी मिल चुके हैं. इस पूरी कार्रवाई में लगभग 13 करोड़ से ज्यादा का खर्च आएगा.

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दिल्ली-NCR में पहली बार ऐसी कार्रवाई

सुपरटेक इमारत को एडिफिस नाम की कंपनी गिराएगी. इस कंपनी ने पहले भी बहुमंजिला इमारत को ढहाया है. दिल्ली-एनसीआर में यह पहली बार होगा जब किसी गैर कानूनी निर्माणाधीन बहुमंजिला इमारत को अदालत के आदेश पर विस्फोट के जरिए गिराया जाएगा. विस्फोट के जरिए इस इमारत को गिराया जाएगा‌, लेकिन अगर किसी स्थिति में कोई बाधा आती है तो ऐसे में जमींदोज की पूरी प्रक्रिया विस्फोट के बाद 1 हफ्ते में पूरी कर ली जाएगी.

100 करोड़ रुपये का बीमा होगा

इस ऊंची इमारत को विस्फोट तकनीक के जरिए गिराया जाएगा. ऐसे में एमराल्ड की ही दूसरी सोसायटी में रहने वाले लोगों की सुरक्षा का बड़ा मसला था. हालांकि, रहवासियों के साथ पिछली मीटिंग में डिमोलिशन कंपनी ने प्रेजेंटेशन देकर यह आश्वासन दिया था कि पास में रहने वाले लोगों को नुकसान नहीं होगा. ‌फिर भी अथॉरिटी ने कहा है कि वो इस रेसिडेंशियल टावर का 100 करोड़ का बीमा करवाएगी.

 

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