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यूपी में मथुरा वृंदावन नगर निगम के इलाके में पड़ने मंदिरों और धार्मिक स्थलों को अब टैक्स के दायरे में लाया जा रहा है. टैक्स डिपार्टमेंट का साफ कहना है कि इन धार्मिक स्थलों से सीधे कोई टैक्स नहीं वसूला जाएगा. अगर इनके द्वारा कोई भी कमर्शियल एक्टिविटी उस पर स्थान पर की जाएगी, तो उसका टैक्स वहां के ट्रस्ट या मंदिर संचालन करने वाली संस्था से लिया जाएगा.
इसके तहत मथुरा वृंदावन नगर निगम इलाके में इलाके में पड़ने वाले धार्मिक स्थलों को अब टैक्स के दायरे में लाए जाने के लिए सर्वे किया जा रहा है. अब तक मथुरा-वृंदावन में करीब 5000 धार्मिक स्थलों के परिसर कमर्शियल गतिविधियों के दायरे में माने गए हैं. ठाकुरजी को छोड़कर मंदिर परिसर में रहने वाले पुजारियों से संबंधित नियमों के तहत टैक्स वसूला जाएगा. इस फैसले के बाद ब्रज के मंदिरों में ठाकुर जी की सेवा कर रहे पुजारियों के टैक्स के दायरे में आने से हलचल बढ़ गई है. हालांकि ठाकुर जी यानी देवताओं पर कोई टैक्स नहीं रहेगा.
फिलहाल टैक्स की जानकारी पुजारियों को नहीं है. मथुरा वृंदावन नगर निगम क्षेत्र में बड़ी संख्या में मंदिर हैं, जिनमें एक-दो प्रतिशत को छोड़कर अधिकांश में आवासीय परिसर है. हाल ही में कराए गए इस सर्वे में पुजारी मंदिर की संपत्ति में आवास बनाकर टैक्स के दायरे से बचे हुए थे.
इस मामले में चीफ टैक्स ऑफिसर शिव कुमार गौतम ने बताया कि मंदिर, मस्जिद, गिरजाघर और गुरुद्वारा परिसर से कोई टैक्स नहीं वसूला जाएगा. अगर इनके द्वारा कोई भी कमर्शियल एक्टिविटी उस पर स्थान पर की जाएगी तो उसका टैक्स वहां के ट्रस्ट या मंदिर संचालन करने वाली संस्था से वसूला जाएगा, जिसमें भगवान की मूर्ति जिस स्थान पर होंगी वहां से कोई टैक्स नहीं लिया जाएगा.