
देश भर में बढ़ते कोरोना के मामलों के बीच वाराणसी में भी हाहाकार मचा हुआ है. जहां एक तरफ कोरोना संक्रमितों के मामले दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं वहीं दूसरी तरफ ऑक्सीजन की कमी को लेकर भी परेशानियां बढ़ती नजर आ रही हैं, ऐसे में वाराणसी में ऑक्सीजन की कमी को लेकर डीएम कौशल राज शर्मा ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने कहा कि वाराणसी में ऑक्सीजन भरने का कोई सोर्स नहीं है. हालांकि हवा से ऑक्सीजन बनाने के छोटे प्लांट कुछ अस्पतालों में उपलब्ध हैं. उन्होंने बताया कि चंदौली में ऑक्सीजन की सप्लाई होती है. ऑक्सीजन के एक बंद प्लांट को जिला प्रशासन के सहयोग से शुरू करवाया गया है.
जानकारी के मुताबिक वाराणसी में 1900 बेड मौजूद हैं और 1 बेड पर करीब 2 ऑक्सीजन सिलेंडर की आवश्यता होती है. ऑक्सीजन युक्त 1600 बेड पर पहले से ही मरीज हैं. वाराणसी में किसको ऑक्सीजन दिया जाए और किस अस्पताल को रोका जाए यह बेहद मुश्किल हो रहा है. नॉन कोविड को पहले दिया जाए या कोविड को इसका समन्वय बनाना मुश्किल है. डीएम ने कहा कि वाराणसी में 5 हजार सिलेंडर की रिक्वायरमेंट है. पिछले साल की तरह स्थितियां होतीं तो हमारे पास रिसोर्स पूरी रहती, लेकिन इस बार यह कई गुना ज्यादा है. उन्होंने कहा कि व्यवस्थाओं को वाराणसी में बढ़ाने की पूरी कोशिश हो रही है.
BHU में तैयार हो जाएगा 1000 बेड का अस्पताल
उन्होंने बताया कि इमरजेंसी में नए मरीजों को भर्ती करने से रोकना पड़ा है. अगर ऐसा नहीं किया जाता तो काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता. जनरल पेशेंट को बेड नही मिल रहा तो उसके पीछे कारण है. व्यवस्थाओं को बनाने के लिए स्टेट गवर्मेंट के सभी अधिकारी लगे हुए हैं. उन्होंने कहा कि जीना-मरना किसी के हाथ में नहीं है, हम व्यवस्थाएं ही दे सकते हैं. उन्होंने कहा कि लावारिश लाशों के लिए शवदाह की व्यवस्था की गई है. बीएचयू में आक्सीजन युक्त 1000 बेड का अस्पताल बन रहा है जो 12 से 15 दिन में पूरी तरह तैयार हो जाएगा.
डीएम ने कहा कि सरकारी फंड से ऑक्सीजन प्लांट अगर लगाया जाए तो समय और प्रोसेस ज्यादा लगेगा, लेकिन आपदा को देखते हुए समाजसेवी संगठनों से संपर्क किया गया है. सरकारी अस्पतालों को रिजर्व सिलेंडर उपलब्ध करवा दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि वाराणसी के लिए करीब 1000 सिलेंडर की व्यवस्था की जा रही है. अगर यह होता है तो वाराणसी के घरों में भी ऑक्सीजन पहुचाना आसान होगा.
उपलब्ध करवाएंगे रेमडेसिविर
वहीं कोरोना जांच को लेकर डीएम ने बातचीत की..उन्होंने कहा कि कोविड सैंपल में जो देरी हो रही है उसको देखते हुए मशीनें खरीदी गई हैं, इंस्टॉल होने के बाद यह समस्या भी दूर होंगी. वहीं 2 हजार रेमडेसिविर मेडिसिन वाराणसी में 2 से 3 दिन में आ जाती है. इसे मेडिकल पर ना बेचा जाए इसके लिए एडवाइजरी जारी होगी. बिना कोविड के यह मेडिसिन लेना खतरनाक साबित हो सकता है. उन्होंने कहा कि बिना जांच के लगवाने पर यह नुकसान करता है. इसको लेकर दो अस्पतालों को नोटिस भेजा गया है कि उन्होंने कैसे बिना जांच रेमडेसिविर लगाने के लिखा. जिनको रेमडेसिविर की जरूरत है उन्हें हम देंगे, किसी भी मरीज को अस्पताल पर्चे पर लिखकर बाहर न भेजे. अस्पताल को जितना जरूरत है वह हमें लिस्ट दे हम सरकारी गाइडलाइन के तहत उन्हें उपलब्ध करवाएंगे, न कि किसी को वह बाहर से लाने के लिए प्रेशर दे. अगर जो अस्पताल मेडिकल रूल को नहीं मानेगा उन पर कार्रवाई की जाएगी.
3 लाख से अधिक रिकॉर्ड नए केस
बता दें कि भारत में कोरोना संक्रमण की बेकाबू रफ्तार के बीच कई अस्पतालों में बेड्स और ऑक्सीजन की कमी से हाहाकार मच रहा है. वहीं, देश में आज (शुक्रवार) भी 3 लाख से अधिक रिकॉर्ड नए केस सामने आए. साथ ही मौतों की संख्या में भी इजाफा हुआ है.
देश में पिछले 24 घंटे में कोरोना के रिकॉर्ड 3.32 लाख से अधिक मामले सामने आने के साथ एक्टिव मामलों का आंकड़ा 24.28 लाख के पार पहुंच गया है. जबकि बीते 24 घंटे में 2263 कोरोना मरीजों के दम तोड़ने के साथ इस महामारी से मरने वालों की संख्या 1,86,920 हो गई है. देश में लगातार बढ़ते मामलों के बीच कोविड-19 से ठीक होने की दर गिरकर करीब 84 प्रतिशत हो गई है.