
अब बात योगी के उन फैसलों की जिसके बाद महिलाएं और लड़कियां खुद को सुरक्षित महसूस कर रही है. हम बात कर रहे हैं एंटी रोमियो दस्ते की. हालांकि एंटी रोमियो दल के नाम पर गुंडागर्दी की घटनाओं में विवाद भी हुआ है.
25 दिन के कार्यकाल में योगी आदित्यनाथ ने अपने फैसलों से साफ कर दिया है कि अब उत्तर प्रदेश में लड़कियों और महिलाओं को डरने की कोई जरुरत नहीं. अभी तक महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले में उत्तर प्रदेश पर देश के एक बदनाम राज्य होने का ठप्पा लगता रहा है. योगी यूपी की इसी छवि को बदलना चाहते हैं. इसी कवायद में उन्होंने एंटी रोमियो स्क्वॉड के गठन का ऐलान किया.
महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ छेड़खानी और बदसलूकी रोकने के लिए योगी सरकार ने एंटी रोमियो स्क्वॉड बनाया है. मकसद है कि मनचलों पर नकेल और महिलाओं को सुरक्षित होने का अहसास कराना. आपको एंटी रोमियो दस्ते का खाका भी समझा दें.
कुछ ऐसा है एंटी रोमियो दस्ता
* इस दल में कम से कम 8 से 10 पुलिस वाले रहेंगे.
* एक सब इंस्पेक्टर, दो कांस्टेबल या एक हेड कांस्टेबल.
* इस दस्ते में एक से दो महिला सिपाहियों की भी व्यवस्था है.
एंटी रोमियो दस्ते का रोल
* स्कूल और कॉलेजों के पास बिना यूनिफॉ़र्म वाले युवाओं की जांच पड़ताल.
* बेवजह खड़ा होने पर पहचान पत्र दिखाना जरुरी.
* संदिग्ध दिख रहे लोगों से पूछताछ.
* कार्रवाई की वीडियो रिकॉर्डिंग का आदेश.
* मनचलों की परिवार संग होगी काउंसिलिंग.
हालांकि योगी का मिशन महिलाओं की सुरक्षा है, लेकिन इसकी आड़ में कई संगठनों ने अपनी दादागीरी और दबंगई से इसे बदनाम भी किया. बाद में योगी ने सख्त लहजे में दिशानिर्देश भी जारी किए. शुरुआत विवादों के साथ बेशक हुई है, लेकिन जिस मकसद से एंटी रोमियो दस्ते का गठन हुआ है. अगर मंजिल उसी मुताबिक हासिल हुई, तो फिर यूपी की लड़कियां को भी बेखौफ और बिंदास जिंदगी का तोहफा हासिल होगा.