
पुलिस के ऊपर फर्जी मुठभेड़ का आरोप तो अक्सर लगता रहता है. लेकिन अगर कोई पुलिस खुलेआम कहे - जस्ट किल इट - यानि इसे मार डालो तो आप क्या कहेंगे ? दरअसल यूपी पुलिस ने ट्विटर पर बंदूक लिए लोगों के साथ जब जस्ट किल इट की अपील जारी की तो सोशल मीडिया पर खलबली मच गई.
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में 12 महीने की योगी सरकार में एक आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार 25 मार्च 2018 तक कुल 1,478 पुलिस एनकाउंटर हुए हैं, जिनमें 50 अपराधी ढेर हुए! आंकड़े बताते हैं कि किस तरह यूपी पुलिस अपराधियों पर नकेल कसने के लिए लगातार "ऑपरेशन क्लीन" चला रही है.
इसी कड़ी में आज सोशल मीडिया में उत्तर प्रदेश पुलिस के ट्विटर हैंडल से एक तस्वीर डालते हुए ट्वीट किया गया, जिसमें 3 महिलाएं और 2 पुरुषों ने हाथ में रिवॉल्वर तान रखी है! साथ ही उस तस्वीर पर लिखा हुआ है कि "जब कोई फ़र्ज़ी ख़बर फैलाता है तो....." , और इसी तस्वीर वाले ट्वीट के ऊपर कैप्शन है "जस्ट किल इट", साथ ही हैशटैग फेक न्यूज़ भी लिखा हुआ है !
तो क्या उत्तर प्रदेश पुलिस अब फ़र्ज़ी खबर फ़ैलाने वालों का भी करेगी एनकाउंटर? एक बार तो यूपी पुलिस के ट्वीट कर द्वारा डाली गयी इस तस्वीर को देख कर तो यही लगता है! चूंकि यह ट्वीट उत्तर प्रदेश पुलिस के ट्विटर हैंडल से किया गया था, इसलिए हमने उत्तर प्रदेश पुलिस और डीजीपी मुख्यालय के जनसंपर्क अधिकारी राहुल श्रीवास्तव से बात की तो उन्होंने बताया कि "3 महिलाओं और 2 पुरुषों के हाथ में रिवॉल्वर ताने रखने वाली तस्वीर बिलकुल सही है और उसपर लिखा मैसेज "जब कोई फ़र्ज़ी ख़बर फैलाता है तो...." वह भी सही है, लेकिन जिस तरह से ट्वीट पर दिए गए कैप्शन "जस्ट किल इट" को समझा जा रहा है, वैसा कुछ नहीं है, जस्ट किल इट के साथ फेक न्यूज़ भी लिखा हुआ है, जिसका मतलब कि फर्जी खबर को किल करो!"
अब यूपी पुलिस ने फर्जी खबरों पर लगाम लगाने के लिए यह खास मुहिम तो छेड़ दी है, लेकिन असली चुनौती है कि एनकाउंटर मोड में चलने वाली उत्तर प्रदेश पुलिस फर्जी खबरों का एनकाउंटर कर पाती है या नहीं?