
UP News: कौशाम्बी जिला पंचायत ऑफिस में 20 करोड़ रुपए की घोटाले की बात सामने आई है. घोटाले का खुलासा ऑडिट होने के बाद पेश की गई रिपोर्ट के आधार पर हुआ है. ऑडिट टीम ने वित्तीय वर्ष 2017-18 से 2020-21 तक घोटाले एक-एक रिपोर्ट तैयार की.
टीम ने 20 करोड़ के भुगतान पर आपत्तियां दर्ज कराते हुए घोटाले के जिम्मेदार जिला पंचायत में तैनात अफसरों को भी तलब किया है. शासन को भेजी गई ऑडिट रिपोर्ट में बताया गया है कि 10 करोड़ रुपए की धांधली पंचायत चुनाव के दौरान की गई.
रिपोर्ट में बताया गया है कि वित्तीय वर्ष 2017-18 से 2020-21 तक अफसरों ने सरकारी धन का दुरुपयोग किया. अफसरों द्वारा कागज पर ही प्रस्ताव बना लिया जाता है और कागज पर ही काम करवा कर रकम निकाल ली जाती रही.
जिले में कई स्थानों पर बालू परिवहन शुल्क के लिए बैरियर लगाए गए. बैरियर शुल्क के नाम पर जमकर वसूली की गई. लेकिन बैरियर शुल्क सरकारी कोष में जमा ही नहीं किया गया.
ऑडिट टीम ने इस पर कड़ी आपत्ति जाहिर की है. इतना ही नहीं, बैरियर का ठेका कितने का था, वसूली का लक्ष्य क्या था, इसका कहीं कोई जिक्र ही नहीं किया गया.
कोरोना के दौरान दिया घोटाले को अंजाम
ऑडिट टीम ने अपनी रिपोर्ट में खुलासा करते हुए कहा है कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दौरान कोरोना का प्रकोप था. जिला पंचायत के अधिकारियों ने इसका भरपूर फायदा उठाया. राजस्व वसूली में भी खिलवाड़ किया गया. तहबाजारी से लेकर अन्य प्रकार से होने वाले राजस्व आय में गड़बड़ी की गई और सरकारी एक भी रुपया जमा नहीं कराया गया.
घोटाले का खुलासा होने के बाद आपत्तियों पर मांगी रिपोर्ट जिला लेखा परीक्षा अधिकारी सहकारी समितियां एवं पंचायत ने अपर मुख्य अधिकारी को वर्ष 2017-18 से लेकर वर्ष 2020-21 तक ऑडिट आपत्ति भेज दी है. साथ ही उनसे आपित्तयों के अनुपालन की आख्या रिपोर्ट मांगी है.
ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार
- वित्तीय वर्ष 2017-18 में 58 लाख 80 हजार रुपए का अनियमित भुगतान किया गया
- वर्ष 2018-19 में एक करोड़ 14 लाख 56 हजार रुपए का बड़ा खेल किया गया.
- इसी तरह वर्ष 2019-20 में आठ करोड़ चार लाख रुपए का अनियमित भुगतान किया है
- त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में अफसरों ने सबसे ज्यादा 10 करोड़ रुपए की धांधली की.
- वित्तीय वर्ष 2020-21 में 10 करोड़ 72 लाख, 39 हजार रुपए का अनियमित भुगतान कर खिलवाड़ किया.
अधिकारी नहीं दे पाए ऑडिट टीम को ब्यौरा
ऑडिट रिपोर्ट यह भी बता रही है कि अफसरों ने बिना काम कराए ही भुगतान किया था. अधिकारी ऑडिट टीम को काम का ब्यौरा नहीं दे पाए.
ऑडिट टीम ने तात्कालीन अपर मुख्य अधिकारी समेत सात अफसरों को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है. किस अधिकारी ने कितनी की गड़बड़ी की है. यह भी रिपोर्ट में बताया गया है. रिपोर्ट शासन को भेजी जा चुकी है.
जिला पंचायत अपर मुख्य अधिकारी का ये है कहना
पूरे मामले पर जिला पंचायत अपर मुख्य अधिकारी कमलेश सिंह ने कहा है कि ऑडिट रिपोर्ट में स्कैम की बात सामने आई है. संबंधित अधिकारी को रिपोर्ट भेजी गई है. घोटाले को लेकर जांच कराई जा रही है. जो भी इसके लिए जिम्मेदार होगा, उस पर एक्शन लिया जाएगा. रिपोर्ट में साल 2017-18 से लेकर 2020-21 तक का ऑडिट है.