
नोएडा के सेक्टर-93 में बने सुपरटेक के 32 मंजिला ट्विन टावर्स रविवार दोपहर ढाई बजे जमींदोज कर दिया गया. करीब 3700 किलोग्राम बारूद के जरिए इस गंगनचुंबी इमारत को जमीन में मिला दिया गया. देश में पहली बार इतनी बड़ी इमारत को ध्वस्त किया गया है, जिसके चलते सुरक्षा के मद्देनजर विशेष इंतजाम किए गए. इस दौरान टावर के आसपास की सोसाइटीज को खाली करा लिया गया था. वहीं धमाके के समय कुछ देर के लिए आसपास की सड़कों को भी पूरी तरह से बंद कर दिया गया. इसके लिए बकायदा ट्रैफिक रूट डायवर्जन प्लान जारी किया गया था. इस बीच बेजुबान जानवरों को भी इस धमाके से बचाने की कवायद की गई थी.
दरअसल, नोएडा प्राधिकरण ने ट्विन टावर के आसपास रहने वाले लोगों के अलावा जानवरों को भी हटाने का फैसला किया था. जहां एक तरफ पालतू जानवरों को उनके मालिक सुरक्षित स्थानों पर लेकर चले गए हैं तो वहीं प्राधिकरण की 5 गाड़ियां जगह-जगह घूमकर आवारा कुत्तों को पकड़ने में लगी थीं. खबर लिखे जाने तक प्राधिकरण के कर्मचारियों ने 25 से 30 ऐसे कुत्तों को रेस्क्यू कर लिया था, जो टावर के आसपास घूम रहे थे. वहीं टीम ने घूम-घूमकर आसपास मौजूद जानवरों को पकड़ा.
टावर ध्वस्तीकरण से निकलेगा 80 हजार टन मलबा
ट्विन टावर के ध्वस्तीकरण के बाद इससे करीब 55,000 से 80,000 टन तक मलबा निकला है, जिसे हटाने में कम से कम 3 महीने का समय लगेगा. इसका निस्तारण सेक्टर-80 में बने सी एंड डी प्लांट में किया जाएगा. इतना ही नहीं, जैसे ही टावर में धमाका हुआ, इससे हवा में कंक्रीट की धूल का बड़ा गुबार उठा, जो आसपास के इलाकों पर छा गया. इससे वायु प्रदूषण तेजी से बढ़ने की संभावना है. हालांकि इससे निपटने के लिए नोएडा प्राधिकरण द्वारा कई तरह की तैयारी कई गई हैं, ताकि धूल ज्यादा देर तक हवा में न रह सके. साथ ही आसपास के इलाके में रहने वाले लोगों के लिए भी गाइडलाइन जारी की गई.
ट्विन टावर गिराने में खर्च हुए 17 करोड़ से अधिक
जानकारी के मुताबिक, ट्विन टावर्स को गिराने में करीब 17.55 करोड रुपए का खर्च हुए हैं. जिसे बिल्डर से वसूला जाएगा. इन 2 टावर्स को बनाने में सुपरटेक बिल्डर ने करीब 200 से 300 करोड़ रुपये खर्च किए. इन्हें गिराने का आदेश जारी होने से पहले तक इन टावरों में बने फ्लैट्स की मार्केट वैल्यू बढ़कर 700 से 800 करोड़ तक पहुंच चुकी थी. ये वैल्यू तब है जबकि विवाद बढ़ने से इनकी वैल्यू घट चुकी थी. रियल एस्टेट के जानकारों का मानना है कि इस इलाके में 10 हज़ार रुपए प्रति वर्ग फीट का रेट है. इस हिसाब से बिना किसी विवाद के इन टावर्स की बाज़ार कीमत 1000 करोड़ के पार निकल गई होती.
इन क्षेत्रों के लोगों से मास्क पहनने की अपील
नोएडा प्राधिकरण ने धूल के प्रभाव से बचने के लिए ध्वस्तीकरण के आसपास के इलाके के लोगों को कुछ घंटों तक मास्क आवश्यक रूप से पहनने की अपील की थी. गाइडलाइन के मुताबिक, पार्श्वनाथ प्रेस्टीज एवं पार्श्वनाथ सृष्टि सोसायटी, गेझा गांव, सेक्टर-92, 93, 93ए, 93बी आदि क्षेत्र में पहने वाले बच्चों, बुजुर्गों और सांस संबंधित रोगियों को एहतियात के तौर पर मास्क पहनने को कहा गया था.