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Twin towers Demolition: कौन हैं वे 3 भारतीय और 4 विदेशी, जिन्होंने ट्विन टावर का धमाका सबसे करीब से देखा

ट्विन टावर्स में 711 ग्राहकों ने फ्लैट बुक कराए थे. इनमें से सुपरटेक ने 652 ग्राहकों का सेटलमेंट कर दिया है लेकिन 59 ग्राहकों को अभी तक नहीं मिला रिफंड नहीं मिला है. रिफंड की आखिरी तारीख 31 मार्च 2022 थी. कुल 950 फ्लैट्स के इन 2 टावर्स को बनाने में ही सुपरटेक ने 200 से 300 करोड़ रुपये खर्च किए थे. गिराने का आदेश जारी होने से पहले इन फ्लैट्स की मार्केट वैल्यू बढ़कर 700 से 800 करोड़ तक पहुंच चुकी थी.

12 सेकेंड में गिरा दिए गए ट्विन टावर (फाइल फोटो) 12 सेकेंड में गिरा दिए गए ट्विन टावर (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 29 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 2:48 AM IST

नोएडा में रविवार को सुपरटेक के अवैध ट्विन टावर महज 12 सेकेंड में धराशायी हो गए. देश में पहली बार रिहायशी इलाके में 100 मीटर से ऊंची इमारत को विस्फोट कर गिराया गया. बिल्डिंग को गिराने के लिए 3700 किलो विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया, इसलिए टावर के चारों ओर एक प्रतिबंधित क्षेत्र बनाया गया था लेकिन विस्फोट के समय सात विशेषज्ञों को 100 मीटर के दायरे में रहने की अनुमति दी गई थी. इनमें तीन भारतीय और चार विदेशी शामिल थे. ये वे लोग हैं, जिन्होंने 3700 किलो विस्फोटक को लगाया था और बाद में धमाका भी किया था.

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दक्षिण अफ्रीका की फर्म जेट डिमोलिशन्स के जो ब्रिंकमैन ने ट्विन टावरों के ढहने के बाद कहा कि भारत अब उन देशों के क्लब में शामिल हो गया है, जो 100 मीटर से अधिक ऊंची इमारतों को ढहा चुके हैं.

विस्फोट को ध्यान में रखते हुए टावरों से लगभग 500 मीटर के दायरे में एक एक्सक्लूजन जोन बनाया गया था. इस जोन के भीतर किसी के भी आने पर प्रतिबंध था. इतना ही नहीं टवार के पास बनी एमराल्ड कोर्ट और एटीएस विलेज सोसायटी के लगभग 5,000 लोगों को भी वहां से निकाल लिया गया था.

प्रतिबंधित जोन में ये लोग थे मौजूद

प्रतिबंधित क्षेत्र के अंदर जिन्हें अंदर जाने की इजाजत थी, उनमें बिल्डिंग में विस्फोट करने वाले चेतन दत्ता, एडिफिस इंजीनियरिंग के प्रोजेक्ट मैनेजर मयूर मेहता और पुलिस उपायुक्त आईपीएस राजेश एस भी मौजूद थे.

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इनके अलावा जेट डिमोलिशन के चार सदस्य  जो ब्रिंककमैन, मार्थिनस बोथा, केविन स्मिट और इयान एहलर्स भी उस टीम में शामिल थे. ट्विन टावरों के सामने करीब 100 मीटर की दूरी पर 50 एकड़ के सिटी पार्क में डेटोनेशन टीम को तैनात किया गया था. 

Water fall तकनीक से ढहाई गई इमारत

एपेक्स टावर (32 मंजिला) और सियान (29 मंजिला) टावरों को सुरक्षित तरीके से गिराने के लिए दो ही विकल्प थे.पहला- विस्फोटक कर इन्हें कुछ सेकंड में गिरा दिया जाए, दूसरा- तोड़ा जाए, जिसमें डेढ़ से दो साल का समय लगता. इसलिए इन्हें गिराने के लिए एडफिस इंजीनियरिंग वॉटर फॉल इम्प्लोजन तकनीक (waterfall implosion techniques) का इस्तेमाल किया गया.

विस्फोट के समय टावर वॉटरफॉल की तरह धराशाई हो गया. पूरी बिल्डिंग ताश के पत्ते की तरह नीचे आ गई.'डायमंड कटर' तकनीक को इमारत को पूरी तरह से ध्वस्त करने में लगभग दो साल का समय लगता जिसकी लागत वॉटर फॉल इम्प्लोजन तकनीक की तुलना में पांच गुना होती.

55 हजार से 80 हजार टन मलबा निकला

ट्विन टावर के ढहने से 55 हजार से 80 हजार टन मलबा निकलने का अनुमान जताया जा रहा है, जिसे सी एंड की प्लांट में निस्तारित किया जाएगा. हालांकि इसमें 3 महीने से अधिक का समय लगेगा. वहीं मलबे में से कई हजार टन सरिया और स्टील भी निकलने का अनुमान है.

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