
मेरठ में 20 वर्षीय मदरसा टीचर से गैंगरेप और जबरन धर्म परिवर्तन के मामले में एक नया मोड़ आ गया है. मेडिकल जांच में पता चला है कि लड़की के गर्भाशय में एक फेलोपियन ट्यूब नहीं है.
डीजीपी एएल बनर्जी के मुताबिक मेडिकल जांच में यह बात सामने आई है कि एक्टोपिक प्रेग्नेंसी के लिए लड़की का ऑपरेशन करवाया गया था. बनर्जी ने यह जानकारी अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस को दी. हालांकि आईजी (कानून व्यवस्था) अमरेंद्र सेंगर और गृह सचिव कमल सक्सेना ने बताया कि मेडिकल जांच में यौन उत्पीड़न की बात सामने नहीं आई है.
एक्टोपिक प्रेग्नेंसी में फेलोपियन ट्यूब निकाल ली जाती है और गर्भ गर्भाशय के बजाय ट्यूब में ही रुक जाता है. आरोप है कि 20 वर्षीय लड़की का मुजफ्फरनगर के एक अस्पताल में 23 जुलाई को ऑपरेशन करके फेलोपियन ट्यूब निकाल ली गई थी. लड़की के पेट पर सिलाई के निशान भी हैं, जो इस तरह के ऑपरेशन की ओर साफ इशारा करते हैं. पीड़िता का बयान कोर्ट में सीआरपीसी की धारा 164 के तहत दर्ज कर लिया गया है और मामले की जांच की जा रही है.
पहले शक जताया जा रहा था कि पीड़िता की किडनी निकाली गई है, लेकिन मेडिकल जांच में पता चला की उसकी किडनी सुरक्षित है. लेकिन गर्भाशय को जोड़ने वाली एक फेलोपियन ट्यूब गायब है, जबकि ऐसी दो फेलोपियन ट्यूब गर्भाशय में होती हैं. इसके चलते अब पीड़िता का भविष्य में मां बनना भी मुश्किल है.
उधर इस घटना के सिलसिले में मंगलवार को दो और लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया. मामले में अब तक पांच लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. जिले में हालात तनावपूर्ण लेकिन नियंत्रण में हैं. घटना पर लोगों का गुस्सा सामने आने के बाद केंद्र ने उत्तर प्रदेश सरकार से जल्द से जल्द विस्तृत रिपोर्ट मांगी है, वहीं पीड़िता के परिवार ने सीबीआई जांच की मांग की है.
मेरठ के जिला मजिस्ट्रेट पंकज यादव ने बताया, ‘जिले में किसी भी खराब स्थिति से बचने के लिए पुलिस बल के साथ आरएएफ की एक कंपनी तैनात की गई है. हालात तनावपूर्ण लेकिन नियंत्रण में हैं.’ 20 साल की युवती को पहले कथित तौर पर अगवा करने और फिर उसके साथ गैंग रेप के मामले में तीन आरोपियों को सोमवार को गिरफ्तार किया गया था.
लोकसभा में भी गूंजा मामला
मंगलवार को लोकसभा में भी यह मामला उठा और मेरठ के सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने सीबीआई जांच की मांग की. इसके बाद सदन में बीजेपी और सपा के सदस्यों के बीच कहासुनी हो गई. सपा के सदस्य बीजेपी सांसदों के आरोपों का विरोध कर रहे थे. बीजेपी के गिरिराज सिंह समेत कुछ सदस्यों को उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग करते हुए सुना गया.
पीड़िता के भाई ने बताया कि निष्पक्ष जांच के लिए सीबीआई जांच होनी चाहिए और दोषियों को न्याय के कठघरे में लाया जाना चाहिए.