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उन्नाव केस: ट्रक ड्राइवर खोलेगा राज! 3 दिन की CBI रिमांड

रेप पीड़िता के चाचा महेश सिंह को रायबरेली जेल से दिल्ली की तिहाड़ जेल में शिफ्ट कर दिया गया है, रेप पीड़िता के चाचा से भी सीबीआई पूछताछ करेगी. वहीं जांच टीम हादसे के सीन को भी री-क्रिएट करेगी.

7 दिन की न्यायिक हिरासत में आरोपी ट्रक ड्राइवर 7 दिन की न्यायिक हिरासत में आरोपी ट्रक ड्राइवर
aajtak.in/अरविंद ओझा
  • नई दिल्ली,
  • 03 अगस्त 2019,
  • अपडेटेड 1:33 PM IST

उन्नाव रेप पीड़िता के साथ रायबरेली में हुए सड़क हादसे के आरोपी ट्रक ड्राइवर आशीष कुमार पाल और क्लीनर मोहन को सुप्रीम कोर्ट ने 7 दिन की न्यायिक हिरासत में लखनऊ जेल भेज दिया है. मामले की जांच कर रही सीबीआई ने आज (शनिवार) कोर्ट में नई याचिका दाखिल करके ट्रक ड्राइवर और क्लीनर की रिमांड की मांग की थी, जिसके बाद सीबीआई को दोनों की 3 दिन की रिमांड मिल गई है.

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रेप पीड़िता के चाचा महेश सिंह को रायबरेली जेल से दिल्ली की तिहाड़ जेल में शिफ्ट कर दिया गया है, रेप पीड़िता के चाचा से भी सीबीआई पूछताछ करेगी. दरअसल, उन्होंने ही इस सड़क हादसे की शिकायत दर्ज कराई है. वहीं सीबीआई ने ट्रक के मालिक देवेंद्र पाल को भी पूछताछ के लिए कल सुबह 9.30 बजे लखनऊ बुलाया है.

बता दें कि पीड़िता की हालत अब भी गंभीर है. योगी आदित्यनाथ सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया है कि वह यूपी में ही दुर्घटना मामले की जांच करना चाहती है, इसलिए कोर्ट से जांच के लिए 15 दिन का समय मांगा है.

जांच टीम हादसे के सीन को भी री-क्रिएट करेगी. हादसे की जांच के लिए 20 अधिकारियों की टीम गठित की गई है, जिसमें एसपी, एएसपी, डीएसपी और इंस्पेक्टर रैंक के अफसर शामिल हैं. पीड़िता के रायबरेली में सड़क हादसे मामले की जांच कर रही संयुक्त निदेशक की अगुवाई में सीबीआई की एक टीम शुक्रवार को भी रायबरेली में घटनास्थल पर जांच के लिए पहुंची थी. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को 7 दिनों के भीतर इस मामले की रिपोर्ट सौंपने को कहा है.

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गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने उन्नाव रेप केस पीड़िता के साथ हुई दुर्घटना के मामले को दिल्ली ट्रांसफर करने पर 15 दिनों के लिए रोक लगा दी है. कोर्ट ने कहा कि 15 दिन तक मामले की सुनवाई लखनऊ में होगी. बता दें कि सीबीआई की तरफ से कोर्ट में कहा गया कि दुर्घटना मामले में गिरफ्तार आरोपियों में से एक को लखनऊ में न्यायिक दंडाधिकारी के सामने पेश किया जाना है. उन्होंने कहा, जब तक जांच पूरी न हो जाए तब तक कोर्ट को दुर्घटना के मामले को दिल्ली ट्रांसफर नहीं करना चाहिए.

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