UP: जामा मस्जिद में फहराया गया तिरंगा, लगे भारत माता जय के नारे, मुफ्ती बोले- ये हराम है

आगरा के शाही जामा मस्जिद में तिरंगा फहराने पर विवाद हो गया है. शहर मुफ्ती ने इसे हराम बताया है. इस पर अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष अशफाक सैफी ने मुफ्ती के बयान को गैरजिम्मेदाराना बताया है.

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जामा मस्जिद में फहराया गया तिरंगा जामा मस्जिद में फहराया गया तिरंगा

अरविंद शर्मा

  • आगरा,
  • 17 अगस्त 2021,
  • अपडेटेड 11:08 AM IST
  • जामा मस्जिद में तिरंगा फहराने का मामला
  • शहर मुफ्ती ने बताया हराम, फिर बढ़ा विवाद

आगरा के शाही जामा मस्जिद में बीजेपी नेता और अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष अशफाक सैफी द्वारा तिरंगा फहराने पर विवाद बढ़ता जा रहा है. शहर मुफ्ती का एक कथित ऑडियो वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने मस्जिद के अंदर राष्ट्रगान गाने का विरोध किया है. इस पर अशफाक सैफी ने मुफ्ती के बयान को गैरजिम्मेदाराना बताया है.

दरअसल, स्वतंत्रता दिवस के मौके पर शाही जामा मस्जिद में अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष अशफाक सैफी ने तिरंगा फहराया. इसके बाद राष्ट्रगान गाया गया और भारत माता जय के नारे लगे. जामा मस्जिद के अंदर तिरंगा फहराने और राष्ट्रगान गाए जाने के बाद एक ऑडियो वायरल हो रहा है. दावा किया जा रहा है कि यह ऑडियो शहर मुफ्ती मजदुल खुबैब रूमी का है.

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वायरल ऑडियो में शहर मुफ्ती मजदुल खुबैब रूमी ने मस्जिद इंतजामिया के चेयरमैन असलम कुरैशी से कहा कि मस्जिद के अंदर 'जन-गण-मन हुआ है, वह हराम है, अल्लाह के कहर को दावत न दीजिये.' 

शाही जामा मस्जिद के चेयरमैन असलम कुरैशी (सफेद कुर्ते में)

इस बीच शाही जामा मस्जिद के चेयरमैन हाजी असलम कुरैशी ने कहा कि शहर मुफ्ती ने मस्जिद के मदरसे में तिरंगा फहराने पर एतराज जताया है, जो कि गलत है, मदरसे में हर साल झंडारोहण किया जाता है, मुफ्ती के खिलाफ देशद्रोह का केस दर्ज किया जाना चाहिए, मुफ्ती ने मुझे धमकी भी दी है. 

इस मामले में हिंदुस्तानी बिरादरी के चेयरमैन डॉ. सिराज कुरैशी ने कहा कि मस्जिद के अंदर झंडा नहीं फहराया जाता है, इसको लेकर मुस्लिमों में एकराय है, मदरसे-खानकाह-मस्जिदों के गेट पर तिरंगा फहराया जाता है, इसमें किसी को कोई गुरेज नहीं है, लेकिन मस्जिद के अंदर नहीं होना चाहिए.

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अशफाक सैफी

वहीं, यूपी अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष अशफाक सैफी ने कहा कि शहर मुफ्ती का तिरंगा फहराने का विरोध गलत है, जंग-ए-आजादी की लड़ाई हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सभी ने मिलकर लड़ी थी, शहर मुफ्ती का बयान गैर जिम्मेदाराना है , उन्हें इसे वापस लेना चाहिए.

बताया जा रहा है कि ऑडियो वायरल होने के बाद से ही मजदुल खुबैब रूमी अंडरग्राउंड हैं. दावा यह भी है कि रूमी को शहर मुफ्ती पद से हटा भी दिया गया है, लेकिन अभी इसका आधिकारिक ऐलान नहीं हुआ है.

 

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