
उत्तर प्रदेश में अवैध खनन मामले को लेकर सीबीआई का सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर शिकंजा कसने को बसपा अध्यक्ष मायावती ने बीजेपी का घिनौना चुनावी षड्यंत्र करार दिया. मायावती ने इस संबंध में अखिलेश यादव को फोन करके कहा कि ये बीजेपी का पुराना हथकंडा है, जो अपने विरोधियों के खिलाफ आजमाती रहती है. इस तरह सपा को कांग्रेस के साथ-साथ बसपा का भी साथ मिल गया है.
वहीं, दूसरी और सोमवार को सपा के महासचिव राम गोपाल यादव और बसपा के सतीष चंद्र मिश्रा ने ज्वाइंट प्रेस कॉन्फेंस करके बीजेपी पर करारा हमला बोला. सतीष चंद्र मिश्रा ने अखिलेश का बचाव करते हुए कहा कि मुद्दों से भटकाने के लिए सीबीआई का दुरुपयोग किया जा रहा है. बीजेपी की हताशा का आलम यह है कि मोदी सरकार ने सीबीआई से गठबंधन कर लिया है. आज इन लोगों ने सीबीआई जैसी संस्था को धराशायी कर दिया है.
सपा महासचिव राम गोपाल यादव ने कहा कि अभी सपा-बसपा का गठबंधन हुआ नहीं है उससे पहले ही सरकार ने सीबीआई के तोते के साथ गठबंधन कर लिया है. केंद्र सरकार के इशारे पर चुनाव से पहले CBI का दुरुपयोग किया जा रहा है. सपा और उनके सहयोगी अगर सड़क पर आ गए तो बीजेपी वालों का सड़क पर चलना मुश्किल हो जाएगा और मोदी को बनारस छोड़कर दूसरी सीट से चुनाव लड़ना पड़ जाएगा.
अखिलेश यादव के खिलाफ सीबीआई की कार्रवाई को लेकर कांग्रेस ने भी कड़ा विरोध जताया है. कांग्रेस के राज्यसभा सांसद गुलाम नबी आजाद ने भी मोदी सरकार पर सीबीआई के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए कहा कि यह पहली बार नहीं हो रहा है. चुनाव से ऐन पहले पौने 5 साल बाद अखिलेश यादव के खिलाफ यह कार्रवाई शुरू की गई है ताकि गठबंधन ना किया जाए या गठबंधन जीत का कारण ना बने.
बता दें कि सीबीआई ने अवैध खनन मामले में आईएएस अधिकारी बी. चंद्रकला के आवास समेत अन्य के लखनऊ, कानपुर, नोएडा, हमीरपुर, जालौन और दिल्ली समेत 14 ठिकानों पर छापेमारी की थी. सपा सरकार के दौरान वर्ष 2012-13 में खनन विभाग पूर्व सीएम अखिलेश यादव के पास ही था.
इसलिए अवैध खनन घोटाले को लेकर सीबीआई पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से पूछताछ कर सकती है. सीबीआई ने बुंदेलखंड में अवैध खनन के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर बुधवार को ही चंदकला समेत 11 पर एफआईआर दर्ज की थी. 2011 के बाद से राज्य के सभी खनन मंत्री जांच के दायरे में हैं, ऐसे में सीबीआई अखिलेश यादव, गायत्री प्रसाद प्रजापति और उनके करीबी सपा एमएलसी रमेश मिश्रा से पूछताछ कर सकती है.