
कोरोना महामारी के चलते लंबे समय तक बंद रहने के बाद उत्तर प्रदेश समेत विभिन्न राज्यों में स्कूलों को फिर से खोला जा चुका है. संभावित तीसरी लहर और बच्चों के लिए पैदा हो रहीं चिंताओं के मद्देनजर उत्तर प्रदेश सरकार ने अहम फैसला लिया है. सरकार ने सभी शिक्षकों और कर्मचारियों के टीकाकरण को अनिवार्य कर दिया है.
यूपी सरकार ने इसके अलावा, सभी शिक्षकों के परिजनों का टीकाकरण भी जरूरी कर दिया है. कर्मचारियों के परिवारवालों को भी वैक्सीन लगवानी होगी. मालूम हो कि देश में कोरोना की रोकथाम के लिए तेजी से वैक्सीनेशन अभियान चल रहा है. उत्तर प्रदेश में अब तक सात करोड़ से अधिक वैक्सीन की डोज लगाई जा चुकी हैं.
प्रदेश के सभी जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को जारी किए गए निर्देश में कहा गया है कि आप अवगत हैं कि कोविड महामारी की वजह से बंद रहे स्कूलों को खोल दिया गया है. लेकिन महामारी का प्रकोप अभी खत्म नहीं हुआ है. ऐसी स्थिति में यह जरूरी है कि समस्त अध्यापकों, कर्मचारियों एवं उनके परिवार के सदस्यों का शत-प्रतिशत टीकाकरण करवाया जाए.
उत्तर प्रदेश में एक सितंबर से कक्षा एक से पांचवीं तक के स्कूलों को भी खोल दिया गया है. इसके लिए कड़ी गाइडलाइंस भी बनाई गई हैं. स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति को अनिवार्य नहीं किया गया है. साथ ही यदि कोरोना की वजह से हालात बिगड़ते हैं तो स्कूल को फिर से बंद किया जा सकता है.
यूपी सरकार ने इससे पहले 16 अगस्त से कक्षा 9वीं से 12वीं तक के स्कूल, विश्वविद्यालय, कॉलेज और कोचिंग संस्थान खोलने का फैसला किया था. कोरोना की वजह से स्कूल में मास्क पहनना और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना जरूरी किया गया है. इसके अलावा, स्टूडेंट्स ऑनलाइन और स्कूल जाकर, दोनों तरीके से पढ़ाई कर सकते हैं. स्कूलों को दो पालियों में चलाने की अनुमति दी गई है.