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अखिलेश फिर साइकिल और रथ पर होंगे सवार, ये होगी विधानसभा चुनाव में बीजेपी के खिलाफ रणनीति

सपा अपने खोए हुए जनाधार को उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में वापस लाने की कवायद शुरू करने जा रही है. बीजेपी की विफलताओं को सपा जनता के बीच ले जाएगी, जिसके लिए वह बीजेपी के संकल्प पत्र को सबसे बड़े हथियार के तौर पर योगी सरकार के खिलाफ आजमाएगी. ऐसे में सपा प्रमुख अखिलेश यादव साइकिल यात्रा और रथ पर सवार होकर बीजेपी के खिलाफ माहौल बनाएंगे.

सपा प्रमुख अखिलेश यादव सपा प्रमुख अखिलेश यादव
कुमार अभिषेक
  • लखनऊ ,
  • 13 जुलाई 2021,
  • अपडेटेड 3:08 PM IST
  • बीजेपी सरकार पर हमलावर होगी समाजवादी पार्टी
  • बीजेपी को संकल्प पत्र के वादों पर घेरेगी सपा
  • अखिलेश साइकिल और रथ यात्रा पर निकलेंगे

सपा प्रमुख अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश में जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख चुनाव में मिली हार की समीक्षा कर पार्टी संगठन में बड़े बदलाव कर उसे चुस्त-दुरुस्त करने की कवायद में जुट गए हैं. साथ ही सपा ने योगी सरकार पर आक्रमक तरीके से हमलावर होने की रणनीति तैयार की है. 2017 के चुनाव में बीजेपी ने अखिलेश की अगुवाई वाली सपा सरकार को गुंडाराज, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी आदि मुद्दों पर घेरा था, अब उसी तर्ज पर अखिलेश यादव ने भी 2022 के चुनाव में योगी सरकार को घेरने की रणनीति बनाई है. 

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बीजेपी के संकल्प पत्र को लेकर अखिलेश यादव चुनाव में योगी सरकार को घेरने की कवायद में हैं. समाजवादी पार्टी ने तय किया है कि बीजेपी को 2017 के चुनाव के समय जारी किए संकल्प पत्र के वादों की याद दिलाई जाएगी और 1-1 मुद्दे को लेकर जनता के बीच जाया जाएगा. सूबे भर में धरना प्रदर्शन, साइकिल यात्रा, चौपाल, गोष्ठियों के अलावा अखिलेश यादव रथ यात्रा निकालकर बीजेपी की वादाखिलाफी को जनता के बीच ले जाएंगे. 
 
पांच साल पहले बीजेपी ने यूपी में अपने संकल्प पत्र में पांच वर्षों में 70 लाख रोजगार व स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराने व कालेज में दाखिला लेने वाले सभी युवाओं को बगैर भेदभाव के लैपटाप देने का वादा किया था. राज्य के सभी युवाओं को कालेज में दाखिला लेने पर स्वामी विवेकानंद युवा इंटरनेट योजना के तहत मुफ्त इंटरनेट सुविधा देने का वादा कर बीजेपी सत्ता में आई थी. ऐसे में अब इन्हीं वादों को लेकर अखिलेश ने बीजेपी को घेरने की रूप रेखा तैयार की है. 

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बीजेपी की विफलताओं को सपा जनता के बीच ले जाएगी, जिसके के लिए बीजेपी के संकल्प पत्र को ही सबसे बड़े हथियार के तौर पर योगी सरकार के खिलाफ आजमाएगी. बीजेपी ने अपने संकल्प पत्र में सपा सरकार के समय अपराधों की बढ़ती संख्या, महिलाओं पर अत्याचार, जमीनों पर कब्जे एवं प्रशासन के पक्षपातपूर्ण रवैये को सरकार बनने पर जड़ से खत्म करने का संकल्प लिया था. अब सपा इन मुद्दों पर पलटवार करेगी और अखिलेश किसानों की आय दुगनी करने के वादे पर बीजेपी को घेरेंगे. 

सपा नेता और कार्यकर्ता चुनाव की सियासी तपिश बढ़ाने और योगी सरकार के खिलाफ माहौल बनाने के लिए धरना प्रदर्शन, साइकिल यात्रा, चौपाल और गोष्ठियों का सहारा लेंगे. इसके अलावा सपा प्रमुख अखिलेश यादव एक बार फिर 2012 की तरह रथ यात्रा निकलकर जनता के बीच जाएंगे. सपा के मुख्य प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने कहा कि बीजेपी ने सरकार बनाने के बाद अपना लोक कल्याण संकल्प पत्र पढ़ा ही नहीं. इसलिए उसने जनता से किए वादे पूरे नहीं किए हैं. ऐसे में सपा उसे इन वादों की याद दिलाएगी. 

सपा बताएगी कि किस तरह पंचायत चुनाव में बीजेपी के लोगों ने सत्ता का दुरुपयोग करते हुए मनमानी की है. इसके लिए सपा वीडियो क्लिपिंग और अखबारों में छपी खबरों का सहारा लेगी. इनको लेकर सपा फिल्म भी बनाने जा रही है. इसे भी जनता के बीच दिखाया जाएगा ताकि योगी सरकार के खिलाफ माहौल बन सके. 

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सूत्रों की मानें तो सपा प्रमुख अखिलेश यादव जुलाई के आखिरी सप्ताह से मिशन-2022 में जुटेंगे और प्रदेश में घूम-घूमकर अपने खोए हुए जनाधार को वापस लाने की कवायद करेंगे. इसके लिए अखिलेश साइकिल भी चलाएंगे और  प्रदेश में जनक्रांति रथ निकाल जनता बताएंगे कि योगी सरकार ने पांच साल में अपने वादे तक पूरे नहीं किए. किसानों की आय को दोगुना और विधवा व वृद्धावस्था पेंशन बढ़ाकर एक हजार रुपये प्रतिमाह करना था, जिसे सरकार ने पूरा नहीं किया है. 

 

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