Advertisement

यूपी विधानमंडल में रचेगा इतिहास, 22 सितंबर को दोनों सदनों में गूजेंगी सिर्फ महिलाओं की आवाज

यूपी विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना की अध्यक्षता में हुई कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में विधान सभा के 19 से 23 सितंबर तक के कार्यक्रमों को मंजूरी दी गई. ऐसे में तय हुआ कि 22 सितंबर को सदन में सिर्फ महिला विधायकों को बोलने का मौका दिया जाएगा.

यूपी विधानसभा भवन यूपी विधानसभा भवन
शिल्पी सेन
  • लखनऊ,
  • 19 सितंबर 2022,
  • अपडेटेड 11:35 AM IST

उत्तर प्रदेश विधानमंडल का मॉनसून सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है, जो हंगामेदार रहने वाला है. इस बार के मॉनसून सत्र में 22 सितंबर का दिन महिला सदस्यों के लिए आरक्षित रखा है. विधानमंडल के सियासी इतिहास में पहली बार एक दिन दोनों सदनों की कार्यवाही महिला विधायकों के नाम रहेगी. इस तरह मॉनसून का यह सत्र महिला सशक्तीकरण की दिशा में जाना जाएगा. 

Advertisement

यूपी विधानमंडल का मॉनसून सत्र सोमवार से शुरू होकर 23 सितंबर तक चलेगी. विधानसभा स्पीकर सतीश महाना की अध्यक्षता में हुई बैठक में 22 सितंबर के दिन को महिलाओं के लिए आरक्षित रखा गया. इस तरह से दोनों ही सदन में सिर्फ महिला विधायक और विधान परिषद सदस्यों को ही बोलने का मौका मिलेगी. मौजूदा समय में विधानसभा में 47 और विधान परिषद में छह महिला सदस्य हैं. 

विधानमंडल का मॉनसून सत्र शुरू होने से एक दिन पहले रविवार को दोनों ही सदनों की कार्यमंत्रणा समितियों की बैठक में 22 सितंबर को महिलाओं को लिए आरक्षित रखा गया है. बैठक के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संसदीय कार्यमंत्री सुरेश कुमार खन्ना से कहा है कि 22 सितंबर के दिन को विशेष बनाने के लिए दोनों सदनों में महिला सदस्यों को पीठासीन किया जाए.

Advertisement

विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना की अध्यक्षता में हुई विधान सभा की कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में 19 से 23 सितंबर तक के कार्यक्रमों को मंजूरी दी गई. बैठक में तय हुआ कि 22 सितंबर को प्रश्नकाल के बाद सदन में सिर्फ महिला विधायकों को बोलने का मौका दिया जाएगा. सतीश महाना ने बताया कि 22 सितंबर के दिन सदन में सभी विधायकों को उपस्थित रहने के लिए कहा गया है, लेकिन बोलने का अवसर सिर्फ महिला सदस्यों को मिलेगा. 

विधानमंडल में प्रत्येक महिला सदस्य को कम से कम तीन मिनट और अधिकतम आठ मिनट का समय बोलने के लिए दिया जाएगा. सतीश महाना ने दावा किया कि आजादी के बाद से अब तक पहली बार सूबे के विधानमंडल में ऐसा नजारा देखने को मिलेगा. महिला विधायकों के स्पेशल सत्र पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश की महिलाओं के सुरक्षा, सम्मान और स्वावलम्बन के दृष्टिगत चलाए जा रहे मिशन शक्ति कार्यक्रम के विषय में महिला विधायक जरूर बोलें. महिला सदस्य अपनी बात नि:संकोच तरीके से सदन में रख सकें.

बता दें कि उत्तर प्रदेश की मौजूदा विधानसभा में कुल 47 महिला विधायक हैं. सत्ताधारी बीजेपी से 29 महिला विधायक हैं तो सपा से 14, अपना दल (एस) की तीन और कांग्रेस की एक महिला विधायक हैं. इसके अलावा उच्च सदन में 6 महिला विधान परिषद सदस्य हैं. इस तरह से 22 सितंबर को विधानसभा अध्यक्ष और विधान परिषद की सभापति की कुर्सी पर भी महिला सदस्य ही बैठी नजर आएंगे. 

Advertisement

विधानमंडल सत्र में यह एक नई पहल है जब पूरे दिन महिलाओं से जुड़े मुद्दों पर चर्चा के लिए तय किया गया है. महिलाओं के स्वास्थ्य, शिक्षा, सामाजिक स्थिति और लैंगिक भेदभाव जैसे मुद्दों पर सदन में चर्चा की जाएगी. नेता सदन यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव भी महिलाओं के मुद्दे पर बोलेंगे. जाहिर है कि सत्तापक्ष की विधायक केंद्रीय और राज्य की योजनाओं से महिलाओं को होने वाले लाभ पर अपनी बात रखेगी तो विपक्ष की महिला विधायकों की नजर महिला सुरक्षा और महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध पर होगी. 

महिला विधायकों का कहना है कि ये पहल सिर्फ इसलिए खास नहीं है कि महिला विधायकों को बोलने का मौका मिल रहा है बल्कि इस वजह से ख़ास है कि ऐसे तमाम जरूर मुद्दे उठाने का मौका मिलेगा. शाहाबाद से विधायक और योगी सरकार में उच्च शिक्षा राज्य मंत्री रजनी तिवारी इसे एक अहम पहल मानती है. वो कहती हैं कि कई बार की महिला विधायक हैं वो तो बोलती हैं, लेकिन पहली बार जो चुनाव जीतकर आई हैं वो संकोच करती है. इस पहल से पहली बार चुनकर आयी महिला विधायक हैं उनको सदन में बोलने का मौक़ा मिलेगा. सदन दन में जब मुद्दा उठेगा और सार्थक चर्चा होगी तो आगे का रास्ता भी निकलेगा. 

Advertisement

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement