
उत्तर प्रदेश में अफसरों के रवैए से योगी के विधायकों की नाराजगी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. लोनी से बीजेपी विधायक नंदकिशोर गुर्जर का गाजियाबाद पुलिस से नाराजगी का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि हरदोई के गोपामऊ सीट से बीजेपी विधायक श्याम प्रकाश ने किसानों, कर्मचारियों और अधिकारियों की तर्ज पर विधायक संगठन बनाने की मांग उठाई है.
बीजेपी विधायक श्याम प्रकाश ने फेसबुक पोस्ट लिखा है कि चपरासी से IAS, होमगार्ड से IPS, सभी विभागों के अधिकारी और कर्मचारी, प्रधान, प्रमुख किसान, व्यापारी सहित सभी के संगठन हैं. अत: ऐसे में विधायकों को भी अपने अस्तित्व और अधिकारों की रक्षा के लिए यूनियन बनानी चाहिए, क्योंकि आज राजनीति में विधायक ही सबसे कमजोर कड़ी बन गए हैं. दिलचस्प है कि श्याम प्रकाश ने विधायकों के संगठन बनाने की मांग फेसबुक पर लिखकर कर तो दी है, लेकिन कैमरे के सामने बोलेने को तैयार नहीं हैं.
विधानसभा में धरने पर बैठ गए थे विधायक
गाजियाबाद के लोनी से बीजेपी विधायक नंद किशोर गुर्जर पुलिस प्रशासन के रवैए से नाराजगी के चलते मंगलवार को विधानसभा सदन में धरने पर बैठ गए थे. इसके बाद बीजेपी और विपक्ष के तमाम विधायक भी गुर्जर के समर्थन में धरने में शामिल हो गए थे. साथ ही सभी ये नेता विधायक एकता जिंदाबाद के नारे लगा रहे थे. विधायकों को मानने की काफी कोशिशें की गईं, लेकिन वो नहीं माने.
दरअसल नंदकिशोर गुर्जर ने खाद्य सुरक्षा अधिकारी से गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस के आसपास मांस-मछली की दुकानों को लाइसेंस न देने का आग्रह किया था, क्योंकि कई मिग पहले भी पक्षियों से टकरा चुके थे. विधायक का आरोप है कि इस पर खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने कोई कार्रवाई नहीं की, जिसके चलते विवाद हुआ था. इस मुद्दे पर विधायक का विवाद पहले खाद्य सुरक्षा अधिकारी से हुआ फिर जिले के पुलिस अधिकारी भी खाद्य सुरक्षा अधिकारी के समर्थन में आ गए, जिससे बात बिगड़ गई.
विधायक का आरोप है कि खाद्य सुरक्षा अधिकारी और एसपी आपस में रिश्तेदार हैं. इसीलिए खाद्य सुरक्षा अधिकारी खिलाफ पुलिस कार्रवाई की गई है. इसके उलटा गाजियाबाद पुलिस ने नंदकिशोर गुर्जर के पुराने आपराधिक रिकॉर्ड को देखते हुए विधायक और उनके समर्थकों के खिलाफ ही कार्रवाई कर दी. यह बात विधायक को नागवार गुजरी.
ऐसे में लोनी के विधायक लगातार शासन और मुख्यमंत्री से गुहार लगाते रहे लेकिन उनकी बात नहीं सुनी गई. जिससे वह पिछले कुछ महीनों से सरकार के खिलाफ बगावती सुर अपनाए हुए थे. इसके चलते पार्टी ने भी विधायक को पिछले दिनों नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा था.
विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन मंगलवार को जैसे ही मौका मिला विधायक ने अपनी बात रखनी चाही. इसके बाद वह धरने पर बैठ गए और मौका देखते ही बीजेपी के मौजूदा विधायक और साथ-साथ विपक्ष के लगभग सभी विधायक उनके साथ हो लिए जिनके भीतर प्रशासन के खिलाफ आक्रोश था.