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केशव मौर्य, ब्रजेश पाठक की नड्डा से मुलाकात के बाद प्रदेश अध्यक्ष को लेकर चर्चाएं हुईं तेज

यूपी में बीजेपी अध्यक्ष की खोज का मुद्दा अब अपने टॉप गियर में है. चर्चा है कि जल्द ही यूपी बीजेपी के नाम का ऐलान हो जाएगा, लेकिन कौन होगा उत्तर प्रदेश का बीजेपी का अध्यक्ष, इसे लेकर अटकलों का दौर जारी है.

यूपी के दोनों डिप्टी सीएम (केशव मौर्य और ब्रजेश पाठक) यूपी के दोनों डिप्टी सीएम (केशव मौर्य और ब्रजेश पाठक)
कुमार अभिषेक
  • लखनऊ,
  • 19 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 12:20 PM IST

अध्यक्ष के नाम पर सहमति बनाने को लेकर सबसे पहले डिप्टी सीएम केशव मौर्या को बुधवार को दिल्ली बुलाया गया, जहां उन्होंने जेपी नड्डा से मुलाकात की. उसके बाद गुरुवार को दूसरे डिप्टी सीएम बृजेश पाठक को दिल्ली बुलाया गया और नए अध्यक्ष के नाम को लेकर चर्चा की गई.

गुरुवार को ही सुनील बंसल ने डिप्टी सीएम केशव मौर्य से उनके घर जाकर मुलाकात की और यहां भी मुलाकात का एजेंडा यूपी का प्रदेश अध्यक्ष कौन हो, यही था. इसके अलावा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी प्रदेश अध्यक्ष के नाम को लेकर चर्चा की गई है. लगातार कई राउंड की चर्चा के बाद भी अभी तक किसी नाम पर सहमति नहीं बन पाई है.

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अभी तक जातियों के समीकरण को ही प्रदेश अध्यक्ष के नाम का पैमाना बताया जा रहा था, लेकिन अब बीजेपी के लिए सबसे बड़ी चुनौती यह है कि संगठन से सुनील बंसल की विदाई के बाद किसके कंधे पर पार्टी और संगठन का भार डाला जाए जो बखूबी पार्टी की नैया 2024 में पार लगाए. एक बात तो साफ है कि अब बीजेपी जाति के बजाय नेता के कद और संगठन क्षमता को ही नए अध्यक्ष का पैमाना मान रही है यानी कि अब कोई भी बड़ा नाम जिसके पास पर्याप्त संगठन का अनुभव हो जो कार्यकर्ताओं की पसंद हो, वही उत्तर प्रदेश का नया बीजेपी अध्यक्ष हो सकता है. 

2017 में मौर्य के नेतृत्व में जीती थी 325 सीटें

अंदर खाने इस बात की अटकलें भी गर्म हैं कि पार्टी आलाकमान चाहता है कि केशव मौर्या को प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाए क्योंकि 2017 में एक सफल प्रदेश अध्यक्ष की भूमिका केशव मौर्य निभा चुके हैं जब उनके नेतृत्व में पार्टी ने ऐतिहासिक 325 सीटें जीती थीं, केशव कार्यकर्ताओं में भी लोकप्रिय हैं. पिछड़ा चेहरा होने और संगठन का बड़ा अनुभव होने की वजह से उनकी स्वीकार्यता काफी है, लेकिन अगर केशव मौर्य को पार्टी प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी देती है तो फिर डिप्टी सीएम का क्या होगा क्योंकि वो पिछड़े वर्ग से हैं और अगर केशव मौर्य को अध्यक्ष बनाया गया तो सत्ता का जातीय समीकरण गड़बड़ा जाएगा. बीजेपी सीएम और डिप्टी सीएम के पद पर सिर्फ ठाकुर और ब्राह्मण रखना नहीं चाहेगी यानी फिर से पार्टी को बैलेंस बनाना होगा. 

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विधान परिषद में पार्टी नेता बने हैं मौर्य

पार्टी ने हाल ही में केशव मौर्य को विधान परिषद में पार्टी के नेता भी नामित किया है. पार्टी के भीतर एक बड़े धड़े का यह मानना है कि 2024 के लिए केशव मौर्य एक सरप्राइज नाम हो सकते हैं कार्यकर्ताओं के साथ जुड़ाव और पार्टी पर पकड़ को देखते हुए ब्राह्मण चेहरे के तौर पर बृजेश पाठक का नाम भी सरप्राइज चेहरे के तौर पर देखा जा रहा है. दरअसल यह दोनों वह नाम हैं जो संगठन की पसंद तो हो सकते हैं, लेकिन सीएम योगी की पसंद नहीं हो सकते. 

कठेरिया, चौधरी और सोनकर का भी नाम 

वैसे संगठन के लिहाज से राम शंकर कठेरिया, भूपेंद्र चौधरी और विद्यासागर सोनकर का नाम भी चल रहा है, जिसमें कठेरिया और सोनकर दलित बिरादरी से जबकि भूपेंद्र चौधरी जाट समुदाय से आते हैं, लेकिन तमाम नजरें इस ओर टिकी हैं कि क्या बीजेपी आला कमान प्रदेश अध्यक्ष को लेकर उत्तर प्रदेश में कोई बड़ा ऐलान करने वाला है? यानी कि कोई बड़ा चेहरा प्रदेश अध्यक्ष होगा? फिलहाल अटकलें और चर्चा ही बीजेपी में गर्म है और कार्यकर्ता दांतों में उंगलियां दबाए हुए हाईकमान के फैसले का इंतजार कर रहा है.  

 

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