Advertisement

भूपेंद्र चौधरी को बीजेपी ने कंधे पर बिठाया तो रातोंरात बन गए पार्टी का नया चेहरा!

बीजेपी के नए प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने सोमवार को कार्यभार ग्रहण कर लिया है. इसके बाद उन्होंने कहा कि बीजेपी लोकसभा चुनाव में 80 में से 80 सीटों पर जीत हासिल करेगी. उन्होंने यह भी कहा कि जिन सीटों पर बीजेपी हारी थी, उन सभी 14 सीटों पर विशेष रणनीति बनाकर काम किया जाएगा. इस दौरान उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि कोई विपक्षी दल बीजेपी का सामना करने की स्थिति में नहीं है.

29 अगस्त को लखनऊ में भूपेंद्र चौधरी ने प्रदेश अध्यक्ष का पद संभाला 29 अगस्त को लखनऊ में भूपेंद्र चौधरी ने प्रदेश अध्यक्ष का पद संभाला
कुमार अभिषेक
  • लखनऊ,
  • 31 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 2:58 AM IST

अपने किसी नेता की कैसे ब्रांडिंग करनी है? कैसे किसी को बड़ा बनाना है? कैसे किसी नेता को गुमनामी से निकाल कर उसे पार्टी का चेहरा बना देना है? बीजेपी से बेहतर इसे कोई नहीं जानता. भूपेंद्र चौधरी का नाम अध्यक्ष के तौर पर एक सरप्राइज था.

जब दिल्ली में उनके नाम का ऐलान हुआ, तब नेताओं और कार्यकर्ताओं को छोड़कर शायद ही उनके नाम को लेकर ज्यादा चर्चा रही हो लेकिन अध्यक्ष बनते ही भूपेंद्र चौधरी एकाएक बीजेपी के नए सितारे बन गए और बीजेपी ने अपने इस नए चेहरे को अपने कंधे पर बिठा लिया. देखते-देखते ही पार्टी और कार्यकर्ताओं ने भूपेंद्र चौधरी को एक बड़ा चेहरा बना दिया.

Advertisement

ताजपोशी के लिए 41 नेताओं के साथ लखनऊ भेजा

बीजेपी ने भी ब्रांडिंग में कोई कसर नहीं छोड़ी. भूपेंद्र चौधरी जैसे ही प्रदेश अध्यक्ष बने एक-एक कर तमाम बड़े नेता दिल्ली में उनसे मिलते रहे, फूलों का गुलदस्ता स्वीकार उनकी तस्वीर आती रही लेकिन जब पार्टी ने उन्हें दिल्ली से लखनऊ ताजपोशी के लिए भेजा तो बकायदा ट्रेन में सवार कर 41 विधायकों-सांसदों और प्रवक्ताओं के साथ उन्हें लखनऊ रवाना किया गया ताकि अगर भूपेंद्र चौधरी को कोई नहीं भी जानता हो तो वह जान ले कि पार्टी का प्रदेश का अगला निजाम यही है.

स्टेशन दर स्टेशन उनका स्वागत, कार्यकर्ताओं से मिलना, ट्रेन के भीतर आम लोगों से मुलाकात. कुछ ऐसी प्लानिंग इस नए अध्यक्ष के लिए की गई कि लखनऊ पहुंचते-पहुंचते भूपेंद्र चौधरी एक बड़ा नाम बन जाए और हुआ भी यही. 

Advertisement

दोनों डिप्टी सीएम स्वागत करने रेलवे स्टेशन पहुंचे

योगी सरकार में पहले स्वतंत्र प्रभार फिर कैबिनेट मंत्री भूपेंद्र चौधरी को रिसीव करने के लिए दोनों उपमुख्यमंत्री को लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन पर लगाया गया. केशव मौर्य और बृजेश पाठक ने भूपेंद्र चौधरी की अगवानी की और एक रथ में सवार कर उन्हें रेलवे स्टेशन से बीजेपी दफ्तर तक जुलूस की शक्ल में लाए.

रेलवे स्टेशन से भाजपा दफ्तर के पहुंचने के पहले जगह-जगह कार्यकर्ता उनका स्वागत करते रहे, मंत्री अपने-अपने समर्थकों के साथ स्वागत में जुटे रहे और प्रदेश अध्यक्ष लगभग आधा दर्जन महापुरुषों की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर कार्यकर्ताओं के बीच अपनी उपस्थिति का अहसास दिलाते रहे.

दूसरे दलों में सीमित रहती है प्रदेश अध्यक्षों की पहचान

समाजवादी पार्टी ने कई सालों से अपना प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम को बना रखा है लेकिन उनकी पहचान पार्टी और कार्यकर्ताओं तक सीमित है, जबकि बीजेपी पार्टी और कार्यकर्ताओं से इतर आम लोगों तक अपने किसी भी चेहरे को ले जाती है. ताजा उदाहरण भूपेंद्र सिंह चौधरी का है. यूपी बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के पहले तक भूपेंद्र चौधरी को कम ही लोग जानते थे. पार्टी कार्यकर्ता और नेता ही भूपेंद्र चौधरी को पहचानते थे लेकिन प्रदेश अध्यक्ष बनते ही भूपेंद्र चौधरी बीजेपी के नए सितारे बन गए. 

Advertisement

कांग्रेस भी जब कभी दमखम वाली हुआ करती थी तो ऐसे मौके उसके लिए भी इवेंट हो जाते थे लेकिन दूसरी क्षेत्रीय पार्टियों में कौन अध्यक्ष है, कौन नहीं, इससे कोई फर्क ही नहीं पड़ता. सपा और बसपा के लिए सिर्फ सर्वोच्च नेता ही सबकुछ और कार्यकर्ता सारी ऊर्जा सिर्फ अपने नेता के लिए लगाते हैं.

2024 का लक्ष्य तय होने पर शुरू होगी असल चुनौती

समाजवादी पार्टी और कांग्रेस दोनों में ही प्रदेश अध्यक्ष के पद खाली हैं. माना जा रहा है कि समाजवादी पार्टी जल्द ही अपना नया अध्यक्ष लाएगी. कांग्रेस पार्टी में तो चुनाव के बाद ही अजय सिंह लल्लू को हटा दिया था तब से वह कार्यवाहक अध्यक्ष बने हुए हैं लेकिन बीजेपी ने अपने जाते हुए अध्यक्ष और आने वाले अध्यक्ष दोनों को लेकर एक बड़ा माहौल बनाया.

भूपेंद्र चौधरी तो बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर बीजेपी कार्यकर्ताओं और लोगों के बीच स्थापित हो गए हैं, लेकिन अब असल चुनौती शुरू होगी जब बीजेपी के लिए 2024 में उनके लिए जीत का टारगेट तय होगा.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement