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UP BJP: योगी सरकार में मंत्री बने बीजेपी के पदाधिकारी जल्द छोड़ेंगे पद, 20 सितंबर तक संगठन में बड़े बदलाव की उम्मीद

बीजेपी अध्‍यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने 25 अगस्त को भूपेंद्र चौधरी को पार्टी की यूपी का अध्‍यक्ष नियुक्त किया था. इसके बाद भूपेंद्र चौधरी ने अपना पद संभालने के बाद ‘एक व्यक्ति-एक पद’ सिद्धांत के आधार मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. उनके पास पंचायती राज विभाग था. सरकार ऐसे ही और मंत्रियों से संगठन से इस्तीफा दिलवाने की तैयारी कर रही है, जिन्होंने पार्टी में कोई पद ले रखा है.  

25 अगस्त को भूपेंद्र चौधरी ने यूपी बीजेपी अध्यक्ष का संभाला था पद (फाइल फोटो) 25 अगस्त को भूपेंद्र चौधरी ने यूपी बीजेपी अध्यक्ष का संभाला था पद (फाइल फोटो)
अभिषेक मिश्रा
  • लखनऊ,
  • 03 सितंबर 2022,
  • अपडेटेड 9:52 PM IST

उत्तर प्रदेश में बीजेपी में बड़े पैमाने पर फेरबदल की तैयारी चल रही है. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष का पद संभालते ही भूपेंद्र चौधरी ने सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर तुंरत कैबिनेट मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था. भूपेंद्र चौधरी के पास पंचायती राज विभाग था.

माना जा रहा है कि चौधरी की तरह ही संगठन के ऐसे पदाधिकारी जो योगी सरकार में मंत्री हैं, वे भी जल्द बीजेपी के एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत के तहत इस्तीफा देंगे और फिर संगठन में नए लोगों को जगह दी जाएगी. सूचना है कि 20 सितंबर तक संगठन में कुछ बदलाव हो सकते हैं.

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मंत्री एके शर्मा, दयाशंकर सिंह के पास उपाध्यक्ष पद भी

सूत्रों के अनुसार चर्चा है कि संगठन में खाली पड़े पदों पर सबसे ज्यादा पूर्व मंत्रियों को नई जिम्मेदारी दी जा सकती है. संगठन में कैबिनेट मंत्री एके शर्मा प्रदेश उपाध्यक्ष हैं, परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह भी प्रदेश उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं, जबकि सहकारिता मंत्री जेपीएस राठौर प्रदेश महासचिव और पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री नरेंद्र कश्यप भाजपा मोर्चा पिछड़ा वर्ग के अध्यक्ष हैं.

उपेंद्र तिवारी, सुरेश राणा को मिल सकती है संगठन में जगह

पूर्व मंत्री उपेंद्र तिवारी को संगठन में जगह देने की भी बात चल रही है. वहीं योगी वन में गन्ना विकास मंत्री रहे सुरेश राणा को नई जिम्मेदारी दी जा सकती है क्योंकि राणा पश्चिम से आते हैं. चर्चा है कि 20 सितंबर से पहले बीजेपी संगठन में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है जहां पूर्व मंत्री को वह जिम्मेदारी दी जा सकती है. वैसे तो चर्चा में कई नाम हैं, लेकिन पूर्व मंत्री मोती सिंह का नाम सबसे आगे है.

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वहीं ब्राह्मण चेहरे के रूप में आनंद स्वरूप शुक्ल का नाम भी विचाराधीन है. उन्हें संगठन में कुछ जिम्मेदारी भी दी जा सकती है, जबकि चित्रकूट से आने वाले पूर्व मंत्री चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय को. वहीं पूर्व स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह को संगठन की जिम्मेदारी देने की चर्चा है, जबकि पार्टी नरेंद्र कश्यप की जगह पिछड़ा वर्ग मोर्चा की कमान किसी पिछड़े चेहरे को सौंपी जा सकती है.

 

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